एक आदमी यानी जिसकी पोस्ट का जिक्र पिछली पोस्ट में था एक साथ की ब्लोग्गर को अपने मित्र के साथ चैट पर कुतिया कहता हैं
लोग भूल जाते हैं और फिर एक दिन वो अपनी पत्नी के किये हुए काम की तारीफ़ करता हैं और कहता हैं उसका लड़का कभी ऐसा नहीं करता
कमाल की याद्शत हैं इस ब्लॉग जगत की जो नारी के खिलाफ किया हुआ हर अपराध भूल ही जाते हैं
और तो और अनूप शुक्ल जी जो इस पूरे प्रकरण से परिचित थे वो भी सतीश पंचम की पोस्ट पर लिख आते हैं रचना जी की पोस्ट के निष्कर्ष समझ ही नहीं और सतीश पंचम जी को यही नहीं समझ आया की जब मै पढ़ा लिखा ब्लॉग जगत कह रही हूँ तो यहाँ के ब्लोग्गर की बात कर रही हूँ नाकि उस ब्लोग्गर की पत्नी की
पिछली पोस्ट में नाम नहीं दिया था अब साफ़ लिख रही हूँ
संस्कार माँ हर लडके को देती हैं पर उसको कितने लडके याद रखते हैं
अपनी अपनी समझ के साथ साथ अपनी मेमोरी भी सही रखे हाँ मुझे पुरूस्कार भी नहीं चाहिये और अपने लेखन के लिये पोसिटिव वोट भी नहीं चाहिये . और कमेन्ट भी नहीं .
मेरा मसकद इस ब्लॉग जगत में महिला को निरंतर जाग्रत करने का हैं ख़ास कर उन महिला को जो इस ब्लॉग जगत को पढ़ा लिखा समुदाय समझ कर आती हैं और ब्लॉग जगत के अलीट लोगो के चक्कर में फँस कर अपने ब्लॉग लेखन को ही छोड़ कर चली जाती हैं
update
फिलहाल उस पोस्ट को Draft मोड में सेव कर रहा हूं, अब से वह कचरपट्टी पोस्ट नहीं दिखेगी।
नया दिस्क्लैमेर आ गया
:):):)
All post are covered under copy right law . Any one who wants to use the content has to take permission of the author before reproducing the post in full or part in blog medium or print medium .Indian Copyright Rules
लोग भूल जाते हैं और फिर एक दिन वो अपनी पत्नी के किये हुए काम की तारीफ़ करता हैं और कहता हैं उसका लड़का कभी ऐसा नहीं करता
कमाल की याद्शत हैं इस ब्लॉग जगत की जो नारी के खिलाफ किया हुआ हर अपराध भूल ही जाते हैं
और तो और अनूप शुक्ल जी जो इस पूरे प्रकरण से परिचित थे वो भी सतीश पंचम की पोस्ट पर लिख आते हैं रचना जी की पोस्ट के निष्कर्ष समझ ही नहीं और सतीश पंचम जी को यही नहीं समझ आया की जब मै पढ़ा लिखा ब्लॉग जगत कह रही हूँ तो यहाँ के ब्लोग्गर की बात कर रही हूँ नाकि उस ब्लोग्गर की पत्नी की
ब्लोगर की पत्नी ने अपने बेटे को संस्कार दे दिये , वैसे ही ब्लोग्गर की माँ ने भी अपने बेटे को दिये ही होंगे
जब उनका बेटा भूल गया तो ब्लोगर का बेटा भी भूल ही जाएगा
और जो महिला किसी महिला के लिये ये सोचती हैं जिसको क़ोई पुरुष गाली देता हैं की वो इस काबिल ही थी उनको भी एक ना एक दिन खुद भी य इस सब को झेलना ही पड़ता जाता हैं इस ब्लॉग जगत में
कुछ का सच सामने रहता हैं और कुछ का नज़र नहीं आता हैं
पिछली पोस्ट में नाम नहीं दिया था अब साफ़ लिख रही हूँ
संस्कार माँ हर लडके को देती हैं पर उसको कितने लडके याद रखते हैं
अपनी अपनी समझ के साथ साथ अपनी मेमोरी भी सही रखे हाँ मुझे पुरूस्कार भी नहीं चाहिये और अपने लेखन के लिये पोसिटिव वोट भी नहीं चाहिये . और कमेन्ट भी नहीं .
मेरा मसकद इस ब्लॉग जगत में महिला को निरंतर जाग्रत करने का हैं ख़ास कर उन महिला को जो इस ब्लॉग जगत को पढ़ा लिखा समुदाय समझ कर आती हैं और ब्लॉग जगत के अलीट लोगो के चक्कर में फँस कर अपने ब्लॉग लेखन को ही छोड़ कर चली जाती हैं
update
फिलहाल उस पोस्ट को Draft मोड में सेव कर रहा हूं, अब से वह कचरपट्टी पोस्ट नहीं दिखेगी।
नया दिस्क्लैमेर आ गया
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