लीजिये आप कहेगे ये क्या बात हुई ???
बहू के क़ानूनी अधिकार तो ससुराल मे उसके पति के अधिकार के नीचे आ ही गए , यानी बेटे के क़ानूनी अधिकार हैं तो बेटे के रहते बहू के क़ानूनी अधिकार की बात करना एक व्यर्थ के विवाद को जनम देना हुआ
लेकिन जब बेटी के क़ानूनी अधिकार की बात होती हैं तो विवाहित बेटियों को भी आज कानून बेटो के समान अधिकार देता हैं तो बहू के अधिकार की बात करना क्यूँ गलत हैं ।
तीसरा खम्बा ब्लॉग पर एक पोस्ट हैं
बहुत बार देखा जाता हैं की शादी के समय ससुराल से ढेरो जेवर चढ़ावे मे आते हैं कभी गोद भराई मे , तो कभी बारात के साथ , इसके अलावा विदाई के बाद बहुत से जेवर बहू को मुंह दिखाई मे भी दिये जाते हैं
जो जेवर चढ़ावे मे आते हैं उन सब जेवरो को जब बहूँ ससुराल आती हैं तो वापस ले लिया जाता हैं , एक आध गहना छोड़ कर जो बहू के मायके से आये "तय " पैसे से ख़रीदा जाता हैं। कारण ये सब दुनिया दिखावे के लिये किया जाता हैं । सारे परिवार के जेवर बहूको चढ़ा दिये जाते और बाद मे परिवार को वापस कर दिये जाते हैं ।
दूसरी तरफ बहुत से परिवारों मे जहां बेटे एक से अधिक हैं वहाँ मुहं दिखाई मे दिये गए गहने वापस सास के पास रहते हैं और हर आने वाली बहू को वही गहने दिये जाते हैं
तीसरा खम्बा पर आयी पोस्ट से ये साफ़ हो जाता हैं की मुहं दिखाई मे मिले गहने अगर सास के पास हैं तो भी वो बहूकी सम्पत्ति हैं और सास की म्रत्यु के पश्चात उन पर बेटे का नहीं बहू का "क़ानूनी अधिकार " हैं ।
ध्यान देने की बात हैं इन किसी भी रस्म का कोई "क़ानूनी साक्ष्य " शायद ही किसी बहू के पास हो ।
और इस से ये भी साफ़ हो जाता हैं की जहां परिवार मे अब बेटी को बराबर का हिस्सा देने की बात होती हैं वही बहू के लिये किसी भी हिस्से की बात परिवार मे नहीं होती हैं
भाई कई बार बहनों को हिस्सा मिलने से नाराज रहते हैं क्युकी उनको लगता हैं ये गलत हैं क्यूंकि उनकी बहिन की शादी मे जो खर्च हुआ उसका क्या और उनकी अपनी शादी मे तो "मिलता " हैं ।
आप कहेगे की हर बात मे "क़ानूनी अधिकार " की बात करना विद्रोह की बात करना होता हैं
लेकिन जब समाज इतना विभेद करता हैं तो इस विभेद को कैसे ख़तम किया जा सकता हैं
या तो शादी पर किसी भी प्रकार व्यय ना हो , कोई भी लेना देना ना हो तब भी कुछ विभेद ख़तम हो सकता या फिर क़ानूनी अधिकार , साफ़ तौर से परिभाषित हो ।
किसी भी स्त्री की म्रत्यु के पश्चात उसकी संपत्ति पर उसके पति और बच्चो का समान अधिकार हैं
बेटा अगर विवाहित हैं तो बहूँ का कोई अधिकार नहीं हैं सारे अधिकार बेटे के ही हैं
लेकिन बेटी अगर विवाहित हैं तो उसका अधिकार हैं और अगर बेटी की मृत्यु हो चुकी हैं तो भी बेटी के बच्चो का अधिकार हैं मृतका की सम्पत्ति पर
अब जो सास हैं वो देखे की वो अपनी बहू के प्रति हो रहे इस अन्याय को कैसे बदल सकती हैं क्युकी समाज को बदलना हैं तो किसी ना किसी महिला को अपने को बदलना होगा । अपनी सोच को बदलना होगा । अपनी बहू को एक सुरक्षित जगह अधिकार के साथ देना आप का कर्त्तव्य है और इसके लिये वसीयत करना जरुरी हैं । छोटी छोटी पहल , नए समाज व्यवस्थित समाज को जनम देगी जहां एक नारी दूसरी नारी के अधिकारों को सुरक्षित कर सकेगी । आप से पहले की पीढ़ी ने क्या किया आप के साथ वो भूल कर अपनी नयी पीढ़ी यानी अपनी बहू के सुरक्षित भविष्य के लिये आप क्या कर सकती हैं ये सोच कर देखिये । हो सकता सुख मिले ऐसा कुछ करने से ।
और जो बहू हैं वो भी सोच कर देखे की वो ससुराल से मिली चीजों के साक्ष्य किस प्रकार रख सकती हैं । बुरा वक्त किसी पर भी आ सकता हैं और कुछ क़ानूनी जानकारिया मुफ्त मे ब्लॉग पर भी उपलब्ध हैं उन पर जाए और पढ़े । अपने अधिकारों की रक्षा आप को खुद करनी हैं । ये सही हैं की जो कुछ पति का हैं वो आप का भी हैं पर कई बार वस्तु स्थित्ति इतनी ख़राब होती है की सब कुछ करने के बाद भी परिवार मे बहूँ और पत्नी को पैसे पैसे को मुहताज होना पड़ जाता हैं और दुर्व्यवहार तो आम बात हैं जिसको परिभाषित करना मुश्किल हैं क्युकी अभी भी घर और बाहर के कामो का विभाजन लिंग आधारित माना जाता हैं । अभी भी ऊँची आवाज मे बात करना पुल्लिंग अधिकार हैं क्युकी स्त्रीलिंग कोमलता और सहनशीलता का प्रतीक हैं ये भारतीये समाज की सोच हैं .
इसी लिये ये भी जरुरी हैं की वो नारियां तो केवल गृहणियां हैं वो अपने क़ानूनी अधिकारों के प्रति सचेत रहने के साथ साथ कुछ ऐसे काम भी करे जिनसे आय होती हो ताकि आप के हाथ मे कुछ पैसा हमेशा रहे । नारी सशक्तिकर्ण को समझना बहुत जरुरी हैं ताकि आप मजबूत बन सके ।
नारी सशक्तिकरण या woman empowerment को जानिये । खगाल डालिये नेट को और अपनी जानकारियाँ दुरुस्त करिये । शायद आप को महसूस हो ये वो "नारीवाद" नहीं जो आप ने अपने मन में परिभाषित कर रखा हैं
बहू के क़ानूनी अधिकार तो ससुराल मे उसके पति के अधिकार के नीचे आ ही गए , यानी बेटे के क़ानूनी अधिकार हैं तो बेटे के रहते बहू के क़ानूनी अधिकार की बात करना एक व्यर्थ के विवाद को जनम देना हुआ
लेकिन जब बेटी के क़ानूनी अधिकार की बात होती हैं तो विवाहित बेटियों को भी आज कानून बेटो के समान अधिकार देता हैं तो बहू के अधिकार की बात करना क्यूँ गलत हैं ।
तीसरा खम्बा ब्लॉग पर एक पोस्ट हैं
कोई वसीयत न करने पर हिन्दू स्त्री की संपत्ति उत्तराधिकार में किसे प्राप्त होगी?
सभी विवाहित महिला को ये पोस्ट अवश्य पढनी चाहिये । उनको जानना चाहिये की उनकी सास की किसी भी वस्तु पर उनका कोई क़ानूनी अधिकार नहीं हैं ।बहुत बार देखा जाता हैं की शादी के समय ससुराल से ढेरो जेवर चढ़ावे मे आते हैं कभी गोद भराई मे , तो कभी बारात के साथ , इसके अलावा विदाई के बाद बहुत से जेवर बहू को मुंह दिखाई मे भी दिये जाते हैं
जो जेवर चढ़ावे मे आते हैं उन सब जेवरो को जब बहूँ ससुराल आती हैं तो वापस ले लिया जाता हैं , एक आध गहना छोड़ कर जो बहू के मायके से आये "तय " पैसे से ख़रीदा जाता हैं। कारण ये सब दुनिया दिखावे के लिये किया जाता हैं । सारे परिवार के जेवर बहूको चढ़ा दिये जाते और बाद मे परिवार को वापस कर दिये जाते हैं ।
दूसरी तरफ बहुत से परिवारों मे जहां बेटे एक से अधिक हैं वहाँ मुहं दिखाई मे दिये गए गहने वापस सास के पास रहते हैं और हर आने वाली बहू को वही गहने दिये जाते हैं
तीसरा खम्बा पर आयी पोस्ट से ये साफ़ हो जाता हैं की मुहं दिखाई मे मिले गहने अगर सास के पास हैं तो भी वो बहूकी सम्पत्ति हैं और सास की म्रत्यु के पश्चात उन पर बेटे का नहीं बहू का "क़ानूनी अधिकार " हैं ।
ध्यान देने की बात हैं इन किसी भी रस्म का कोई "क़ानूनी साक्ष्य " शायद ही किसी बहू के पास हो ।
और इस से ये भी साफ़ हो जाता हैं की जहां परिवार मे अब बेटी को बराबर का हिस्सा देने की बात होती हैं वही बहू के लिये किसी भी हिस्से की बात परिवार मे नहीं होती हैं
भाई कई बार बहनों को हिस्सा मिलने से नाराज रहते हैं क्युकी उनको लगता हैं ये गलत हैं क्यूंकि उनकी बहिन की शादी मे जो खर्च हुआ उसका क्या और उनकी अपनी शादी मे तो "मिलता " हैं ।
आप कहेगे की हर बात मे "क़ानूनी अधिकार " की बात करना विद्रोह की बात करना होता हैं
लेकिन जब समाज इतना विभेद करता हैं तो इस विभेद को कैसे ख़तम किया जा सकता हैं
या तो शादी पर किसी भी प्रकार व्यय ना हो , कोई भी लेना देना ना हो तब भी कुछ विभेद ख़तम हो सकता या फिर क़ानूनी अधिकार , साफ़ तौर से परिभाषित हो ।
किसी भी स्त्री की म्रत्यु के पश्चात उसकी संपत्ति पर उसके पति और बच्चो का समान अधिकार हैं
बेटा अगर विवाहित हैं तो बहूँ का कोई अधिकार नहीं हैं सारे अधिकार बेटे के ही हैं
लेकिन बेटी अगर विवाहित हैं तो उसका अधिकार हैं और अगर बेटी की मृत्यु हो चुकी हैं तो भी बेटी के बच्चो का अधिकार हैं मृतका की सम्पत्ति पर
अब जो सास हैं वो देखे की वो अपनी बहू के प्रति हो रहे इस अन्याय को कैसे बदल सकती हैं क्युकी समाज को बदलना हैं तो किसी ना किसी महिला को अपने को बदलना होगा । अपनी सोच को बदलना होगा । अपनी बहू को एक सुरक्षित जगह अधिकार के साथ देना आप का कर्त्तव्य है और इसके लिये वसीयत करना जरुरी हैं । छोटी छोटी पहल , नए समाज व्यवस्थित समाज को जनम देगी जहां एक नारी दूसरी नारी के अधिकारों को सुरक्षित कर सकेगी । आप से पहले की पीढ़ी ने क्या किया आप के साथ वो भूल कर अपनी नयी पीढ़ी यानी अपनी बहू के सुरक्षित भविष्य के लिये आप क्या कर सकती हैं ये सोच कर देखिये । हो सकता सुख मिले ऐसा कुछ करने से ।
और जो बहू हैं वो भी सोच कर देखे की वो ससुराल से मिली चीजों के साक्ष्य किस प्रकार रख सकती हैं । बुरा वक्त किसी पर भी आ सकता हैं और कुछ क़ानूनी जानकारिया मुफ्त मे ब्लॉग पर भी उपलब्ध हैं उन पर जाए और पढ़े । अपने अधिकारों की रक्षा आप को खुद करनी हैं । ये सही हैं की जो कुछ पति का हैं वो आप का भी हैं पर कई बार वस्तु स्थित्ति इतनी ख़राब होती है की सब कुछ करने के बाद भी परिवार मे बहूँ और पत्नी को पैसे पैसे को मुहताज होना पड़ जाता हैं और दुर्व्यवहार तो आम बात हैं जिसको परिभाषित करना मुश्किल हैं क्युकी अभी भी घर और बाहर के कामो का विभाजन लिंग आधारित माना जाता हैं । अभी भी ऊँची आवाज मे बात करना पुल्लिंग अधिकार हैं क्युकी स्त्रीलिंग कोमलता और सहनशीलता का प्रतीक हैं ये भारतीये समाज की सोच हैं .
इसी लिये ये भी जरुरी हैं की वो नारियां तो केवल गृहणियां हैं वो अपने क़ानूनी अधिकारों के प्रति सचेत रहने के साथ साथ कुछ ऐसे काम भी करे जिनसे आय होती हो ताकि आप के हाथ मे कुछ पैसा हमेशा रहे । नारी सशक्तिकर्ण को समझना बहुत जरुरी हैं ताकि आप मजबूत बन सके ।
नारी सशक्तिकरण या woman empowerment को जानिये । खगाल डालिये नेट को और अपनी जानकारियाँ दुरुस्त करिये । शायद आप को महसूस हो ये वो "नारीवाद" नहीं जो आप ने अपने मन में परिभाषित कर रखा हैं
बहुत ही उम्दा जानकारी के साथ सोचने को विवश करता है आलेख्…………बदलाव के लिये महिलाओं को ही पहल करनी होगी।
ReplyDeleteआज नारी सागरमाथा तक जा चुकी है, फ़िर भी उसे हर जगह काफ़ी कुछ झेलना पडता है,
ReplyDeleteक़ानून का तो मुझे ज्यादा ज्ञान नहीं है लेकिन क्या आपके हिसाब से एक लड़की..जो किसी एक घर की बेटी होने के साथ-साथ किसी अन्य घर की बहु भी है..उसका दोनों जगह हक बनता है?....
ReplyDeleteअगर ऐसा सही है तो इस हिसाब से लड़के...जो किसी एक घर के बेटे भी हैं तो दूसरी तरफ किसी अन्य घर के दामाद भी...
इस हिसाब से तो उनका भी दोनों जगह हक या हिस्सा बनना चाहिए..
अगर ऐसा हो जाए तो मेरे ख्याल से हर घर में रिश्तेदारी को ताक पे रख दिन-रात लट्ठ बजते दिखाई देंगे..
बाकी देखते हैं कि अन्य साथियों का क्या विचार है इस बारे में
JI HA AAPNY BHUT HI SHI BAT KHI M SHMAT HU AAPKI BATO SY Q KI DAMAD KA KYSA HISA
DeleteRight
Deletesadi ke bad bahu kuch ghro me nokrani ki jindi bitate hai to use sasural me koi strong Hak nhi mil raha dama
Deleted bina kuch kiye sasur me hakdar ho jaye
kya bat hai rachna ji! aapka dhyan mahilaon ko ek din avashay poorn adhikar yukt bana kar rahega ye hame lagta hai.all the best.good post.
ReplyDeleteराजीव तनेजा जी
ReplyDeleteअगर पोस्ट को ध्यान से पढ़ कर देखेगे तो आप पायेगे की इसमे सास और बहु के संबंधो के सुधार की बात हैं और रह गयी बात दामाद की तो उसके क़ानूनी अधिकार ससुराल मे उसकी पत्नी की वजह से हो जाते हैं लेकिन ससुराल मे बहु को तो वो भी नहीं दिया जाता जिस पर उसका क़ानूनी हक़ बनता हैं यानी मुह दिखाई . लट्ठ तो आज भी परिवारों मे बज रहे हैं बस सह एक पक्ष रहा हैं और जब भी उस पक्ष की बात होती हैं सबको आपत्ति होती हैं
kya kare kuch betiya shadi hokar sasural me jati hai to wo ye bhol jati hai ki yaha uski jimedariya alag hai ......usee apni jimedariya samjni chahiye aur..
DeleteSahi baat h abhi kuch din phle meri sister ke hb ki rahasymyi trike se death ho gyi meri bhn Ko hmse milne nhi diya agr mile to uske sasural wale samne rhte even pdosi tk uske Akele nhi rhne dete bcz wo hme kuch bta na de ab uske 15 din baad hi presan krne lg gye or uska Sara Saman bhi nikal liye aaj wo ek ek rupye ke liye mohtaj h or uske do bcchiyo ke sath usko nikal diya
DeleteSahi baat h abhi kuch din phle meri sister ke hb ki rahasymyi trike se death ho gyi meri bhn Ko hmse milne nhi diya agr mile to uske sasural wale samne rhte even pdosi tk uske Akele nhi rhne dete bcz wo hme kuch bta na de ab uske 15 din baad hi presan krne lg gye or uska Sara Saman bhi nikal liye aaj wo ek ek rupye ke liye mohtaj h or uske do bcchiyo ke sath usko nikal diya
Deleteहम्म!...सोचने योग्य बात है..
ReplyDeleteउपयोगी विस्तृत जानकारी!
ReplyDeleteविस्तृत जानकारी के लिए शुक्रिया.....
ReplyDeleteUpyogi jaankari, Aabhar.
ReplyDelete............
खुशहाली का विज्ञान!
ये है ब्लॉग का मनी सूत्र!
Loved this post.
ReplyDeleteI would like to translate and publish this post on my blog with due credit and link to this inspiring blog. I feel a lot of women and men would benefit from reading this post. Please let me know if you are okay with the idea. Thank You.IHM
http://indianhomemaker.wordpress.com/
पहले पहल मैं नही समझ पाया था कि आप कहना क्या चाहती है पर गहराई है सोचें तो आपकी बात सही लगती हैं.
ReplyDeleteAger koi saas apni bahu ko bahoot amir rehte hue v 16 saal baad property ka hissa to dur ushe aur ushke 24 saal ke larke ko bina kisi dosh ke place na de .Q ki ushka beta ushke nati ke pyar kerne ke age may khud kishi ke saath gelat sambandho me per ker ush larki se dusri shadi kerne jaa raha hai to aap kya sugest kerengi ush auret aur ushke bachhe ke lie???? Madam help plzz
ReplyDeleteAger koi saas apni bahu ko bahoot amir rehte hue v 16 saal baad property ka hissa to dur ushe aur ushke 24 saal ke larke ko bina kisi dosh ke place na de .Q ki ushka beta ushke nati ke pyar kerne ke age may khud kishi ke saath gelat sambandho me per ker ush larki se dusri shadi kerne jaa raha hai to aap kya sugest kerengi ush auret aur ushke bachhe ke lie???? Madam help plzz
ReplyDeleteAger koi saas apni bahu ko bahoot amir rehte hue v 16 saal baad property ka hissa to dur ushe aur ushke 24 saal ke larke ko bina kisi dosh ke place na de .Q ki ushka beta ushke nati ke pyar kerne ke age may khud kishi ke saath gelat sambandho me per ker ush larki se dusri shadi kerne jaa raha hai to aap kya sugest kerengi ush auret aur ushke bachhe ke lie???? Madam help plzz
ReplyDeleteIn laws mere sis ka pan card,votercard,adhar card maang rahe hai,puche mere sis kyu toh bole matlab maat rakho,toh kya karna chaiye
ReplyDeleteMere sis ke in laws use pan card,voter id card,adhar card maang rahe hai ,puche mere sis kyu,toh bolte hai maatlab maat rakho,shadi ke baad pati ka haak hota hai,toh kya karna chaiye
ReplyDeleteIn laws mere sis ka pan card,votercard,adhar card maang rahe hai,puche mere sis kyu toh bole matlab maat rakho,toh kya karna chaiye
ReplyDeleteIn laws mere sis ka pan card,votercard,adhar card maang rahe hai,puche mere sis kyu toh bole matlab maat rakho,toh kya karna chaiye
ReplyDeleteBahu jab sasural aati hain to use sasural Ko apna ghar man na chahiye per sasural vale use apna ghar samaj ne hi nahi dete bas bahu hi bana ke rakhte hain beti nahi kya me Jan Sakti hu ki bahu ke adhikar kya hain? Sirf ghar ke kam karn? Kya uski apni koi zindgi nahi Hoti? Har bar sasural vale Zor dalte hain ki ghar hamara hain yaha par hamari marzi se Rehna pade ga. Kya hum bahu o ki izzat sirf ghar me Kam karne ki hi hain? Property se nikal NE ki dhamki de ke bahu Ko nichod lete hain chahe bahu bimar ho ya nahi Kam to usiko karna hain.main chahti hu ki ESA Kanoon bane jisme sirf ladki Apne ma baap ka ghar na chhode pati bhi apna ghar chhode aaj aurto Ko saman hakk ki bat ki jati hain to sasural me property me bahu Ko bhi hakk kyun nahi?
ReplyDeleteBilkul sahi baat .....ye society Mai bahu kabhi bhi beti nahi ban sakti bhale kuch bhi Kar le ..ek din kaam na Kare to usko yaad dila Diya jata Hai ki won't bahu Hai beti nahi chae wo bimar hi Kyu na ho
DeleteBilkul sahi baat .....ye society Mai bahu kabhi bhi beti nahi ban sakti bhale kuch bhi Kar le ..ek din kaam na Kare to usko yaad dila Diya jata Hai ki won't bahu Hai beti nahi chae wo bimar hi Kyu na ho
DeleteBahu jab sasural aati hain to use sasural Ko apna ghar man na chahiye per sasural vale use apna ghar samaj ne hi nahi dete bas bahu hi bana ke rakhte hain beti nahi kya me Jan Sakti hu ki bahu ke adhikar kya hain? Sirf ghar ke kam karn? Kya uski apni koi zindgi nahi Hoti? Har bar sasural vale Zor dalte hain ki ghar hamara hain yaha par hamari marzi se Rehna pade ga. Kya hum bahu o ki izzat sirf ghar me Kam karne ki hi hain? Property se nikal NE ki dhamki de ke bahu Ko nichod lete hain chahe bahu bimar ho ya nahi Kam to usiko karna hain.main chahti hu ki ESA Kanoon bane jisme sirf ladki Apne ma baap ka ghar na chhode pati bhi apna ghar chhode aaj aurto Ko saman hakk ki bat ki jati hain to sasural me property me bahu Ko bhi hakk kyun nahi?
ReplyDeleteBilkul shi
DeleteAgar bahu 10 sal sadi k bad bhi sas ko pratarit kre jhuta dahej arop or atm hatya ki dhamki de to kya kre wo agar alg hissa mange
ReplyDeleteAgar bahu 10 sal sadi k bad bhi sas ko pratarit kre jhuta dahej arop or atm hatya ki dhamki de to kya kre wo agar alg hissa mange
ReplyDeletepati ka nidhan ho gya hi, patni ki ek 11 varsh ki beti hi. sasur ne apni patrak sampatti chori se bench di hi. Ab Bahu pareshan hi uski evam uski beti ke bharan-poshan ki vajah se. sasur ne patrak jameen bechne ke bad n hi apni natin ke naam kuchh kiya n hi apni bahu ko kuchh diya. Bahu kya kare apni beti v apna jeevan kaise kate. beti kaise pdhaye.
ReplyDeletewidow women ki beti ka apne baba pe adhikar kya hi.
ReplyDeleteAgr bahu ka sasur use bahut tng kre..use ik kamre mein kaid krke rkhe..upr se bole ki meri sari baat man ni padegi qki sab kuch mere naam hai..main tere pati ko bedakahal kr dooga..main jo kahuga whi krna pdega.koi kharcha nhi deta.mujhe ghr se nikal diya hai .mera chota sa ek bacha hai.kya uss lady ka koi adikaar nhi hai?
ReplyDeleteMera sasur mujhe bahut tng krta hai..sara kuch uske naam hai.mera ek chota sa bacha hai..mere sas sasur mujhe ek kamre mein rehne ke liye majboor krte hai.mujhe koi kharcha nhi dete.kisi se baat nhi krne dete.bolte hai tere pti ko bedakhal kr dete.agr hamare nicche dabb kr na rhi toh..kahin jana ho car ki chabiya chupa dete hai.koi sabji nhi lane dete.mujhe ab ghr se nikal diya hai .ab main kya kru?
ReplyDeleteसमस्या गंभीर है,लेकिन सिर्फ उनके लिए जो लोग इस स्थिति में हैं।।
ReplyDeleteबहुत खूब।।
😢
ReplyDeleteYe galat hai...betiyo ko mayke se bhi mile sasural se bhi mile...or fir bhi sari jimmedari beta hi utthaye...aise to sari ladkiya apne mayke me pura ham jmayegi or bhabhi ko nicha dikhayegi
ReplyDelete...
samurai se mil kya raha bhikh
DeleteYe galat hai...betiyo ko mayke se bhi mile sasural se bhi mile...or fir bhi sari jimmedari beta hi utthaye...aise to sari ladkiya apne mayke me pura ham jmayegi or bhabhi ko nicha dikhayegi
ReplyDelete...
Agr pati ki death ho jati h or susral Vale usko Rkhna nhi chate or bahu jberdasti rhna chati h too sural valo k faver me suggestions dijiye Hindu kaanoon k hisaab se
ReplyDeleteMain problem humare society ki ye hai ki Nari hi Nari ko dekh k razi Nahi law me bhi change Lana chahiy yha shadi krti hai ache paida krti hai bhi uske
ReplyDeleteSath bura Ho rha
Me to ye manti hu ki jab mata - pita beti beti ki shaadi me itna paisa lagate h or shaadi k baad bhi use har baar mayeke aane p bahut kuch dete h to pita ki sampatti me uska koi jaq ni banta ,wo bhaat k naam p bhi paise le hi leti h,ladko ko ma baap thode hi baar baar paise dete h ,uper se pita har baat me ye kahata h ki mera ghar h,meri property h nikal jao mere ghar se ,or agar jyda bete h to partiality bhi karte h,wahi jab bahu ko dukho me to sasuraal ka hissa maan k saari takleefe sahane ko kaha jata h ,lekin property ki baat aate hi use paraya maan k kuch bhi adhikaar ni milte h,to phir wo kyu saas sasur ki sewa kare or saare dukh sahe.jab wo apne baccho me hi fark karte h to bahu ko kya samman denge.
ReplyDeleteAgar Saas jis हिस्से m बेटा ओर bahuरह रहे है उसे बेचकेर दूसरे बेटे को देने की साज़िश rhi ho to उसके लिए क्या कानून h
ReplyDeleteजिस घर m बहु शादी करके आती है क्या उसका उस घर मै koi हक नहीं होता?
ReplyDeleteMera one month ka beta h .. Or meri shadishuda nanad jiski shadi mere husband or mene milkar karvayi h usne mujhe mar kr hospital pahucha diya or agle hi din mera adha saman jo bada2 dikh raha tha use ghr se bahar fek diya .. Or husband ko saasu ma ne ghr se bedakhal kr diya .. Ab me kya karu apne bachche ko lekar kaha jayu ?? 2 month se policr report padi h but police ne b abi tk kuchh nhi kiya
ReplyDeleteJo gahne Sadi me milte hai us par bahu ka hi hak hota hai na
ReplyDeletesas sasur to ma bap banker bete ki kamai bhi kha lets hai sas sasur banker apna hak bahu ko nhi dete bahu kaha jaye. beta sarvan babne lagta hai
ReplyDeleteBahu ko kanoonan sasural me adhikar milne chahiye jisse koi durghatna hone per bahu ko sasural me koi pareshan n kar sake, uske samne ghar chhodne ki samsya n aye
ReplyDeletebahu ko pareshani n uthani pade, uske bachhe ko palne me koi dikkat n aye aisi bahut si paristhitiyan hoti hai jisko bahu face karti hi aur koi bhi uske pass nhi hota uski sahayta krne ke liye
DeleteMujhe muh dikhai me jo mila usme se meri saas dusro ko gift dedeti he mere dahej Ke saman bhi dusro ko dedeti he meri poori salary Ke hisab maangti aur mujhse har month pese bhi leti he pati bhi apne parents ka support karta he aur mujhe sabke saamne bura bolta he mujhe bolta he patni ghar ka kaam aur pati Ke saath sone Ke Liye hoti he mere mayke wale bahut seedhe he Mai unhe kuchh Nahi bolti Mai kya karu Kaha shikayat karu main inke saath Nahi rehna chahti sab mentally torcher karte hain
ReplyDeleteEk vidhwa apni betio ko kese pale yadi sasural wale use ghar se nikal de jawan betio ko leker kiska darwaja khatkhatay .reply please
ReplyDeleteMai bhi mentally or financial problems se salo se jujh rhi hu. Bs ek jinda las bn kr rh gyi
ReplyDelete12 salo me Ek din bhi sasuraal me hasna nasib nhi hua
ReplyDeleteMari sas ne mare mummy papa se phle to 5 lakh rupay mange fir mari papa mummy nena kr diya ki hum dahej mangne walo se shadi nhi karenge fir inhone bola ki hum to jaise tum bologe aise shadi kr lange fir inhone saman ki jagah cash manga ki saman to sab hai or mare mummy papa ne de diye lekin ab me agar unka koi bhi saman use krti hu to bolyi hai apne ghr se la or me ye bolti hu ki paise de do jo shadi me aaye saman ke to bolti hai ki shadi me kapde kapde banaye mare unme kharch ho gye or jo unhone mujhe jewelry wagara di wo bhi apne pass rakh li shadi k time bola ki ladka job krta hai par 2 saal ho gye shadi ko ab tak koi job nhi hai or bolti hai apne ghr se la k apna kharch chala please btaye me kya kru
ReplyDeleteAise dhokhe baj logo ko to sabak shikhna jaruri hi. warna wo log apke sath kuchh bhi kar sakte hi. bharose layak nhi hote aise log
ReplyDeleteAurat chahe to kuchh bhi kar saktin hi. Uske liye man mein sachchai v hausla hona chahiye.
ReplyDeleteBahu kya kare
ReplyDeleteSab tha mere pass o to sass ne liya hisa muje nahi diya pura beti ko diya ab me Kay karu mere bacho ko kese age padau
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