रश्मि की पोस्ट पर एक कमेन्ट आया था http://rashmiravija.blogspot.com/2013/06/blog-post_27.html?showComment=1372530644825#c7095069580679994925
कमेन्ट में कहा गया हैं की "शादी को लोग संस्था मानते हैं " जबकि शादी केवल १ संस्कारो में से एक संस्कार हैं जो गृहस्थ आश्रम में जाने के लिये पूरा करना होता हैं .
बहुत बार हर जगह यही पढ़ा हैं की शादी जैसी संस्था कभी ख़तम नहीं हो सकती हैं या लिव इन शादी का विकल्प नहीं हो सकता हैं इत्यादि
कोई बता सकता हो तो बताये "शादी को संस्था " क्यूँ कहा जाने लगा हैं
रिच्युअल यानी संस्कार क्यूँ नहीं माना जाना चाहिये शादी को
कमेन्ट में कहा गया हैं की "शादी को लोग संस्था मानते हैं " जबकि शादी केवल १ संस्कारो में से एक संस्कार हैं जो गृहस्थ आश्रम में जाने के लिये पूरा करना होता हैं .
बहुत बार हर जगह यही पढ़ा हैं की शादी जैसी संस्था कभी ख़तम नहीं हो सकती हैं या लिव इन शादी का विकल्प नहीं हो सकता हैं इत्यादि
कोई बता सकता हो तो बताये "शादी को संस्था " क्यूँ कहा जाने लगा हैं
रिच्युअल यानी संस्कार क्यूँ नहीं माना जाना चाहिये शादी को