नीचे दी हुई पोस्ट मैने 26 फरवरी 2011 को लिखी थी .
उस समय जिस प्रकार से गुट बंदी की गयी थे एक समुदाय के ब्लोग्गर द्वारा और जिस प्रकार से तीनो जगह तीन महिला और वो भी दूसरी समुदाय को प्रेसिडेंट बनाया गया था
तब ही मुझे तो अंदेशा हो ही गया था और मैने ये पोस्ट दे कर उन महिला को एक प्रकार से सूचित भी किया था .
ये एक प्रकार की ढाल देना हैं उन लोगो को जो महिला का अपमान करते हैं , कुछ उसी तरह जैसे कोई महिला यौन शोषण के दोषी अपने भाई , पिता , पति , बेटे को बचाने के लिये सामने आ कर कहती हैं "नहीं वो ऐसा नहीं कर सकता , मै उसको आप लोगो से बेहतर जानती हूँ "
इन तीनो के अलावा इस गुट ने अपनी क़ानूनी सलाहकार भी एक महिला को रखा हैं वो भी दूसरे समुदाय की हैं
मैने जब इन महिला की सदस्यता नारी ब्लॉग से रद्द की थी तो इनको कारण भी बता दिया था पर मुझे समझाया गया वो मेरे लिये बड़े भाई हैं
LBA
HBIF
AIBA का अस्तित्व अब नहीं दिख रहा हैं पर था ये भी
अब सबसे ज्यादा सोचने की बात ये हैं की इस्लाम धर्म के अनुयायी अपने धर्म को महिला को क्यूँ नहीं इन संस्थाओ का प्रेसिडेंट बनाते हैं . क्यूँ नहीं अभी तक कोई फोरम इन्होने ऐसा नहीं बना पाया हैं जहां ये अपने धर्म की महिला को सर्वोच्च दर्जा दे उनसे तर्क करे .
अब ये तर्क ना ही दे की इनकी सोच धर्म से ऊपर हैं और इस लिये ये हिन्दू धर्म की अनुयायी महिला को प्रेसिडेंट बनाते हैं . असल मे तो ये उनकी आड़ में धर्म की राजनीति का गन्दा खेल खेल रहे हैं .
अब आप देख सकते हैं की चक्रव्यूह कितना सशक्त हैं . या हमारी अपनी गलतियों की कमियों की सजा हम भुगत रहे हैं फैसला आप का हैं
इस पोस्ट पर कमेन्ट बंद हैं क्युकी आज मोडरेशन के लिये समय नहीं हैं .
हां जो लोग ये सोच रहे हैं की मैने ये 3 पोस्ट इस लिये डाली क्युकी चित्र मेरा था तो उनको
इस ब्लॉग पर जा कर पूरा संवाद पढना चाहिये . एक ईमेल संवाद
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अप डेट
रेखा श्रीवास्तव ने LBA छोड़ा
संयोजक जी एवं सभी माननीय सदस्यों ,
लखनऊ ब्लोगर्स एसोसिएशन
सादर अभिवादन !
मैं इधर अपनी व्यक्तिगत समस्यायों के कारण ब्लॉग पर नहीं आ पा रही हूँ , ब्लॉग की अध्यक्षा की जिम्मेदारियों को वहन भी नहीं कर पा रही हूँ। जिसके कारण उस पर आने वाली पोस्ट भी मेरी दृष्टि से नहीं गुजर पा रही हैं। जब मैंने कल ब्लॉग पर जाकर पढ़ा तो लगा कि मैं इस ब्लॉग के लिए जो आचार संहिता बनायीं थी उसको लागू कर पाने में असमर्थ हूँ। इससे मेरी ये नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अगर ब्लॉग के शुचिता को मैं नहीं बचा पा रही हूँ तो मुझे ऐसे पद को छोड़ देना चाहिए अतः मेरा आप सबसे विनम्र अनुरोध है कि मुझे इस पद पर आसीन न समझा जाय।
संयोजक जी से अनुरोध है की वे मेरे नाम को यहाँ से हटा दें और किसी योग्य एवं जिम्मेदार व्यक्ति को इसा स्थान पर आसीन करें
मेरी असमर्थता के लिए आप सभी मुझे क्षमा करें।
रेखा श्रीवास्तव
------
अप डेट
उस समय जिस प्रकार से गुट बंदी की गयी थे एक समुदाय के ब्लोग्गर द्वारा और जिस प्रकार से तीनो जगह तीन महिला और वो भी दूसरी समुदाय को प्रेसिडेंट बनाया गया था
तब ही मुझे तो अंदेशा हो ही गया था और मैने ये पोस्ट दे कर उन महिला को एक प्रकार से सूचित भी किया था .
ये एक प्रकार की ढाल देना हैं उन लोगो को जो महिला का अपमान करते हैं , कुछ उसी तरह जैसे कोई महिला यौन शोषण के दोषी अपने भाई , पिता , पति , बेटे को बचाने के लिये सामने आ कर कहती हैं "नहीं वो ऐसा नहीं कर सकता , मै उसको आप लोगो से बेहतर जानती हूँ "
इन तीनो के अलावा इस गुट ने अपनी क़ानूनी सलाहकार भी एक महिला को रखा हैं वो भी दूसरे समुदाय की हैं
मैने जब इन महिला की सदस्यता नारी ब्लॉग से रद्द की थी तो इनको कारण भी बता दिया था पर मुझे समझाया गया वो मेरे लिये बड़े भाई हैं
LBA
HBIF
AIBA का अस्तित्व अब नहीं दिख रहा हैं पर था ये भी
अब सबसे ज्यादा सोचने की बात ये हैं की इस्लाम धर्म के अनुयायी अपने धर्म को महिला को क्यूँ नहीं इन संस्थाओ का प्रेसिडेंट बनाते हैं . क्यूँ नहीं अभी तक कोई फोरम इन्होने ऐसा नहीं बना पाया हैं जहां ये अपने धर्म की महिला को सर्वोच्च दर्जा दे उनसे तर्क करे .
अब ये तर्क ना ही दे की इनकी सोच धर्म से ऊपर हैं और इस लिये ये हिन्दू धर्म की अनुयायी महिला को प्रेसिडेंट बनाते हैं . असल मे तो ये उनकी आड़ में धर्म की राजनीति का गन्दा खेल खेल रहे हैं .
अब आप देख सकते हैं की चक्रव्यूह कितना सशक्त हैं . या हमारी अपनी गलतियों की कमियों की सजा हम भुगत रहे हैं फैसला आप का हैं
इस पोस्ट पर कमेन्ट बंद हैं क्युकी आज मोडरेशन के लिये समय नहीं हैं .
हां जो लोग ये सोच रहे हैं की मैने ये 3 पोस्ट इस लिये डाली क्युकी चित्र मेरा था तो उनको
इस ब्लॉग पर जा कर पूरा संवाद पढना चाहिये . एक ईमेल संवाद
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अप डेट
रेखा श्रीवास्तव ने LBA छोड़ा
संयोजक जी एवं सभी माननीय सदस्यों ,
लखनऊ ब्लोगर्स एसोसिएशन
सादर अभिवादन !
मैं इधर अपनी व्यक्तिगत समस्यायों के कारण ब्लॉग पर नहीं आ पा रही हूँ , ब्लॉग की अध्यक्षा की जिम्मेदारियों को वहन भी नहीं कर पा रही हूँ। जिसके कारण उस पर आने वाली पोस्ट भी मेरी दृष्टि से नहीं गुजर पा रही हैं। जब मैंने कल ब्लॉग पर जाकर पढ़ा तो लगा कि मैं इस ब्लॉग के लिए जो आचार संहिता बनायीं थी उसको लागू कर पाने में असमर्थ हूँ। इससे मेरी ये नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अगर ब्लॉग के शुचिता को मैं नहीं बचा पा रही हूँ तो मुझे ऐसे पद को छोड़ देना चाहिए अतः मेरा आप सबसे विनम्र अनुरोध है कि मुझे इस पद पर आसीन न समझा जाय।
संयोजक जी से अनुरोध है की वे मेरे नाम को यहाँ से हटा दें और किसी योग्य एवं जिम्मेदार व्यक्ति को इसा स्थान पर आसीन करें
मेरी असमर्थता के लिए आप सभी मुझे क्षमा करें।
रेखा श्रीवास्तव
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अप डेट
vandana gupta16:13
रचना
जी मै तो खुद वो सब छोड चुकी हूँ क्योंकि जब देखा कि मेरे साथ ही ऐसा हो
रहा है तो बाकियों की जिम्मेदारी मै कैसे ले सकती हूँ इसलिये चुपचाप वहाँ
से निकल ली………मेरे ही फ़ोटो और पोस्ट का दुरुपयोग हो रहा है और मना करो तो
लोग मानते नही बल्कि धमकी देते हैं तो ऐसे लोगों से मै कोई वास्ता नही रखना
चाहती और ये मुझे पहले ही दिख गया था इसलिये काफ़ी महीनो पहले ही वो सब छोड
चुकी हूँ ।
रेखा , रश्मि और वंदना , एक आग्रह , एक निवेदन , एक सोच
तीन सामूहिक बलाग्स में एक के बाद एक तीन महिलाओं को
रेखा श्रीवास्तव जी को LBA का,
रश्मि प्रभा जी को HBIF का और
वंदना गुप्ता जी को AIBA का अध्यक्ष बनाया गया हैं
इन तीन नारियों से आग्रह हैं कि वो इस बात का अवश्य ध्यान रखे कि वो जिस संस्थान मे अध्यक्ष हैं उस संस्थान के बाकी सदस्य कहीं भी किसी भी पोस्ट अथवा कमेन्ट मे किसी भी महिला ब्लोगर का अपमान ना करे ।
वाद विवाद और संवाद मे अगर कहीं भी जेंडर बायस आता हैं यानी किसी भी ब्लोगर को उसके महिला होने पर टंच कसा जाता हैं और बहस पोस्ट पर ना होकर व्यक्तिगत होती हैं तो वो स्वीकार्य नहीं होना चाहिये ।
रेखा , रश्मि प्रभा और वंदना कि ये नैतिक ज़िम्मेदारी हैं कि वो ब्लॉग जगत मे कमेन्ट या पोस्ट मे हो रही ऐसी किसी भी बात पर विरोध प्रकट करे जहां महिला का मजाक बनाया जाता हैं ।
बहुत बार ऐसा देखा गया हैं कि सर्वोच्च पद पर नारी के होने से उस संस्था मे नारी का अपमान ज्यादा होता हैं क्युकी उस संस्था के लोग जानते हैं कि उनकी अध्यक्ष उनके प्रति निर्मम नहीं होगी ।
आप तीनो से विनम्र आग्रह और निवेदन हैं कि इस बात को अवश्य ध्यान दे कि क्या आप को मात्र इस लिये अध्यक्ष बनाया गया हैं कि आप महिला हैं या आप को अध्यक्ष इस लिये बनाया गया हैं कि आप सब से काबिल हैं । मेरी नज़र मे आप काबिल हैं और आप बदलाव ला सकती हैं इस लिये बदलाव का पहला कदम नारी पुरुष समानता से शुरू होता हैं । उस पर ध्यान दे । उन पोस्ट और कमेंट्स को हटवाये जहां नारी के चित्रों का प्रयोग हैं । उन पोस्ट्स और कमेंट्स पर निरंतर आपत्ति दर्ज करवाए जहां नारी को पुरुष से कमतर आंका जाता हैं । आप कि आपत्ति जेंडर बायस को ख़तम करने मे सहायक होगी ब्लॉग पर ।
आशा ही नहीं विश्वास भी हैं कि
वंदना से अगर ना होगा ,
रश्मि मे दिखेगा
और
रेखा खीच कर उसको सही किया जायेगा
before reproducing the post in full or part in blog medium or print medium .Indian Copyright Rules रेखा श्रीवास्तव जी को LBA का,
रश्मि प्रभा जी को HBIF का और
वंदना गुप्ता जी को AIBA का अध्यक्ष बनाया गया हैं
इन तीन नारियों से आग्रह हैं कि वो इस बात का अवश्य ध्यान रखे कि वो जिस संस्थान मे अध्यक्ष हैं उस संस्थान के बाकी सदस्य कहीं भी किसी भी पोस्ट अथवा कमेन्ट मे किसी भी महिला ब्लोगर का अपमान ना करे ।
वाद विवाद और संवाद मे अगर कहीं भी जेंडर बायस आता हैं यानी किसी भी ब्लोगर को उसके महिला होने पर टंच कसा जाता हैं और बहस पोस्ट पर ना होकर व्यक्तिगत होती हैं तो वो स्वीकार्य नहीं होना चाहिये ।
रेखा , रश्मि प्रभा और वंदना कि ये नैतिक ज़िम्मेदारी हैं कि वो ब्लॉग जगत मे कमेन्ट या पोस्ट मे हो रही ऐसी किसी भी बात पर विरोध प्रकट करे जहां महिला का मजाक बनाया जाता हैं ।
बहुत बार ऐसा देखा गया हैं कि सर्वोच्च पद पर नारी के होने से उस संस्था मे नारी का अपमान ज्यादा होता हैं क्युकी उस संस्था के लोग जानते हैं कि उनकी अध्यक्ष उनके प्रति निर्मम नहीं होगी ।
आप तीनो से विनम्र आग्रह और निवेदन हैं कि इस बात को अवश्य ध्यान दे कि क्या आप को मात्र इस लिये अध्यक्ष बनाया गया हैं कि आप महिला हैं या आप को अध्यक्ष इस लिये बनाया गया हैं कि आप सब से काबिल हैं । मेरी नज़र मे आप काबिल हैं और आप बदलाव ला सकती हैं इस लिये बदलाव का पहला कदम नारी पुरुष समानता से शुरू होता हैं । उस पर ध्यान दे । उन पोस्ट और कमेंट्स को हटवाये जहां नारी के चित्रों का प्रयोग हैं । उन पोस्ट्स और कमेंट्स पर निरंतर आपत्ति दर्ज करवाए जहां नारी को पुरुष से कमतर आंका जाता हैं । आप कि आपत्ति जेंडर बायस को ख़तम करने मे सहायक होगी ब्लॉग पर ।
आशा ही नहीं विश्वास भी हैं कि
वंदना से अगर ना होगा ,
रश्मि मे दिखेगा
और
रेखा खीच कर उसको सही किया जायेगा