रात के 9.30 बजे एक ऐसी सड़क पर जहां आवाजाही होती हैं , आपस में एक दुसरे से अनजान 11-12 लडके / पुरुष जो एक दूसरे से नितांत अनजान हैं आपस में "रिश्ता " बना लेते हैं
जुड़ाव का कारण हैं वो अकेली लड़की जो सड़क पर एक पार्टी से हो कर अकेली घर जा रही हैं
इन सब लडको के घर में बहिन हो ना हो पर माँ तो जरुर होगी और उसने इनको संस्कार भी दिये ही होंगे लेकिन उन सब संस्कारों को ये "नया रिश्ता " ख़तम करता हैं और
फिर ये सारे नये रिश्तेदार उस लड़की को मोलेस्ट करने में आगे बढ़ बढ़ कर हिस्सा लेते हैं .
क्युकी इन पर बाध्यता नहीं हैं कोई भी
की ये समाज के बनाये नियम माने ,
ये अपने माता के संस्कारों को माने
या ये समाज से अपने काम के लिये स्वीकृति ले
ये हर स्वीकृति से ऊपर हैं . ये समाज को खुश करके जीना नहीं जानते हैं क्युकी ये समाज से ऊपर हैं ये नियम बनाते हैं समाज के बाकी दोयम दर्जे के लोगो के लिये
दोयम दर्जे के नागरिक यानी नारी , बेटी , स्त्री
वही जब किसी जगह 11-12 महिला एकत्र होती हैं तो मुद्दा होता हैं कैसे समाज को खुश रखते हुए जीने की कला सीखी जाए , कैसे अपनी बेटी को समझाया जाये "सहो क्युकी ये तो होता ही हैं "
11 -12 अनजान स्त्रियाँ एक जगह हो कर भी कभी रिश्ते मे नहीं बांध सकती क्युकी उन सब के पर्सनल अजेंडे में सबसे पहले समाज और पुरुष की नज़र में "अच्छे बन कर रहना सबसे जरुरी होता हैं " .
और अपनी अच्छे होने के लिये वो 11-12 आपस में ही एक दूसरे को अपने से कमतर साबित करने के लिये लग जाती हैं
जिस दिन ये 11 - 12 अपने पर्सनल अच्छे दिखने के अजेंडे को भूल कर एक दुसरे को अच्छा साबित करेगी और आने वाले दिनों में अपनी बेटियों को मुक्ति की सांस लेना शुरू करेगी
उस दिन से ये झुण्ड जो किसी सड़क पर जानवर की तरह व्यवहार करके उनकी बेटियों को नंगा करते हैं खुद ख़तम हो जायेगे
सालो क्या सदियों नारियों ने आज़ादी का मतलब बस यही माना हैं की हम ज़िंदा हैं यही बहुत हैं , सालो से वो समाज के आगे अच्छे बने रहने की चाहत में खुद अपने जैसी दूसरी महिला को बुरा साबित करती रही हैं
उसका खामयाजा हमारी बेटी भुगत रही हैं . अब भी जग जाए , एक दूसरे से अनजान होते हुए भी एक रिश्ते मे बंध जाये , रिश्ता बस नारी होने का और अपनी बेटियों के लिये नयी दुनिया बनाये वर्ना एक दिन सुनियेगा
" सारी उम्र तो मर मर के जी लिये , एक पल तो अब हमे जीने दो जीने दो "
नारी ब्लॉग की 1000 वी पोस्ट अवाहन हैं महिला को समाज से स्वीकृत होने की चाह में जीना बंद करे
क्युकी अब ये ब्लॉग आप को हिंदी ब्लॉग जगत पर नहीं दिखेगा , मैने हटवा दिया हैं आग्रह करके इसलिये आप इसको फीड से पढना सीख ले या अपना ईमेल आ ई डी दे दे पोस्ट आप को ईमेल कर दी जायेगी
बिना हेअडिंग के पोस्ट क्युकी हेड शर्म से झुका हैं
संस्कार माँ हर लडके को देती हैं पर उसको याद कितने रखते हैं
हमारिवानी से भी ये ब्लॉग हटवाने की प्रक्रिया करनी हैं अभी
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हजारवी पोस्ट की बधाई !
ReplyDelete@ क्युकी अब ये ब्लॉग आप को हिंदी ब्लॉग जगत पर नहीं दिखेगा , मैने हटवा दिया हैं आग्रह करके
@हमारिवानी से भी ये ब्लॉग हटवाने की प्रक्रिया करनी हैं अभी
लेकिन इसक मतलब क्या है कुछ बताइये तो प्रतिक्रिया दी जाये |
रचना मेरे ख्याल से इसको रहने देना चाहिए था क्योंकि यह एक सशक्त मंच है और ब्लॉग जगत में इसकी अपनी एक पहचान है. विवाद तो नारी पर नहीं किसी और पर होंगे. इंसान अपने मन की प्रवृत्तियों को छोड़ नहीं सकता है. फिर भी जैसा तुम्हें उचित लगे ठीक है. मेरे ईमेल पर इसे भेजती रहना.
ReplyDelete--
मुबारक हो ...
ReplyDeleteहम तो वैसे भी फीड से ही पढ़ते हैं!
मैं तो हमारीवाणी से अपना ब्लॉग ४-५ महीने पहले ही हटवा चुकी हूँ..
ReplyDeleteजिसे पढ़ना होगा वो कहीं से भी पढ़ सकता है..
१००० वीं पोस्ट के लिए बधाई !
क्यों रचना जी? क्यों हटवा दिया है? गलत किया है आपने. ये यहीं रहेगा. क्यों हटे आखिर? किसे तक़लीफ़ है? और है तो रहे.
ReplyDeleteब्लॉग नहीं बंद किया हैं
Deleteहिंदीब्लॉगजगत जो संकलक हैं वहा से हटा दिया हैं
और हमारी वाणी से भी हटा रही हूँ
आदरणीया रचना जी ब्लॉग तो कतई मत बंद कीजियेगा ..बाधाएं तो आती रहती हैं जीवन में पल पल ....अपने उदगार बोल्ड कदम सब नारियों को जोड़े रहना ..ये कार्य होते रहना चाहिए ..ये असम की घटना सच में बड़ी शर्मनाक थी ...
ReplyDeleteभ्रमर ५
हजारवीं पोस्ट की बधाई ..
ReplyDeleteबहुत सही बात कही आपने ..
एक नजर समग्र गत्यात्मक ज्योतिष पर भी डालें
एक हजारवी पोस्ट की बहुत बहुत बधाई ...आपका कहना बहुत हद तक सही हैं रचना ...कब तक हम बेटियों को यही सिखायेंगे की सहो क्योकि समाज .....
ReplyDeleteकब तक समाज के डर से औरत बस सहती रहेगी ..यह प्रश्न वाकई दुखद और विचारणीय हैं ...रोज मन में उठते हैं जब कही कुछ कही कुछ सुनते देखते हैं ..मैं अपनी बेटी को सिर्फ सहना कभी नही सिखौंगी..
बधाई और प्यार रचना
यह ब्लॉग मत हटवाइए रचना जी
गुवाहाटी पर अभी एक पोस्ट लिखी थी.. कुछ नहीं लिखूंगा उसपर.. सोचकर शर्म सी आती हैं...
ReplyDeletehttp://www.scsatyarthi.com/%e0%a4%87%e0%a4%a4%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%87-%e0%a4%a4%e0%a5%8b-%e0%a4%a8-%e0%a4%a5%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a4%ae/