बहुत से लोग ये मानते हैं की विपरीत लिंग का आकर्षण एक ऐसा सत्य हैं जिस से ऊपर उठ कर यानी जेंडर से ऊपर उठ कर कुछ सोचा ही नहीं जा सकता । सीधे शब्दों मे कहे तो नर नारी मे दोस्ती जैसा कोई सम्बन्ध हो ही नहीं सकता और उन मे अगर वो अकेले हैं किसी जगह तो शारीरिक रिश्ता बनना निश्चित ही हैं ।
इस विषय मे एक पोस्ट यहाँदेखी । मेरे अपने कुछ व्यक्तिगत अनुभव हैं जिनको बाँट कर जानना चाहती हूँ की क्यूँ जहां भी स्त्री पुरुष हो उस जगह सबको एक ही सम्बन्ध दिखता हैं
मै दो बहनों में बड़ी हूँ और अविवाहित हूँ । छोटी बहिन विवाहित हैं । छोटी बहिन के पति के साथ मेरे दोस्ताना सम्बन्ध रहे जब से शादी हुई उनकी मेरी बहिन के साथ तक़रीबन २२ साल होगये हैं । मेरा अपना व्यवसाय हैं आयत निर्यात का और जब भी मै किसी
international exhibition के लिये विदेश जाती हूँ मेरे बहनोई को साथ ले जाती हूँ क्युकी मुझे तो किसी ना किसी को पैसा खर्च के अपने साथ ले जाना ही होगा तो किसी परिवार के सदस्य पर ही क्यूँ ना करूँ । बहनोई का अपना व्यवसाय हैं लेकिन जब भी वो मेरे साथ जाते हैं मेरी कम्पनी की तरफ से उनको पूरा भुगतान होता हैं काम का और वो सहर्ष लेते हैं ।
जहां मेरे बहनोई का अपना ऑफिस हैं वहाँ पर अन्य लोग उनके मेरे साथ जाने को लेकर निरंतर अश्लील मजाक करते हैं ? क्यूँ महज इस लिये क्युकी मै स्त्री हूँ और वो पुरुष ?? किस अधिकार और समझ के तहत ये समझा जाता हैं की साथ विदेश जाने का अर्थ , साथ काम करने का अर्थ महज इस लिये बदल जाता हैं क्युकी दो लोगो में एक स्त्री हैं और दूसरा पुरुष ।
इसके अलावा अभी मेरे बहनोई का जनम दिन था , बहिन ने काफी लोगो को बुलाया था हमे भी । मैने अपने बहनोई को गले लगा कर बधाई दी और मेरी माँ ने सिर पर हाथ रख कर । बहनोई के दोस्तों को उसमे भी अश्लील मजाक करने की गुंजाईश दिख गयी । मेरी जगह अगर मेरी बहिन का बड़ा भाई होता तो भी क्या वो अपने बहनोई को गले ना लगाता ?? किस किताब में लिखा हैं की बहनोई को अगर पत्नी की बड़ी बहिन गले लगाती हैं तो उनका आपस में "रिश्ता " हैं या "साली आधी घरवाली " का फंडा फिट होता हैं
इसी तरह जब मेरा अपना व्यवसाय नहीं था और मै ऑफिस में काम करती थी देर रात भी होती थी और तब ऑफिस के पुरुष मित्र और कभी कभी तो ड्राइवर घर तक छोड़ जाते थे किसी के साथ ४ बार घर आजाओ , ऑफिस के अलावा घर के आस पास भी काना फूसी होती थी , माँ से पूछा जाता था कब शादी हो रही हैं फिर चाहे वो ऑफिस का पीयून हो या ड्राइवर या सह कर्मचारी । क्यूँ क्या हर विपरीत लिंग के व्यक्ति के साथ किसी भी लड़की को शादी करना जरुरी होता हैं ।
स्त्री और पुरुष को लेकर जो मिथिया भ्रम लोगो ने पाल रखे हैं की उनमे दोस्ती संभव नहीं हैं वो उनकी अपनी सोच हैं । शरीर से ऊपर भी सम्बन्ध होते हैं और विपरीत लिंग का आकर्षण हर स्त्री पुरुष में एक दूसरे के लिये एकांत मिलते ही हो जाए ये सोचना गलत हैं ।
पुरुष वही जिसे स्त्री पुरुष माने और स्त्री वही जिसे पुरुष स्त्री माने ।
विपरीत लिंग का आकर्षण होता हैं लेकिन तब जब कोई अपने मित्र को विपरीत लिंग का माने । पारंपरिक सोच हैं की स्त्री पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं यानी जहां एक स्त्री पुरुष बैठे और एकांत हुआ वहाँ वो दोनों एक दूसरे को "पूरा " करने लग गए । इस सोच से ऊपर उठ कर सोचने वाले मानते हैं की केवल पति पत्नी ही एक दूसरे के पूरक होते हैं इस लिये उनका आकर्षण सही हैं ।
जरुरत हैं अपनी अपनी सोच को सही रखने की । विपरीत लिंग का आकर्षण तो सगे भाई बहिन मे भी होता हैं और कई बार उनमे दैहिक सम्बन्ध भी बनते देखे ही गए इस लिये जरुरी हैं की हम जेंडर से ऊपर उठ कर सोचे , और जो हर विपरीत लिंग के व्यक्ति से आकर्षित होकर पूर्णता खोजते हैं वो मित्र बनाने के लायक नहीं हैं ।
अगर कोई किसी पर आसक्ति रखता हैं और इस लिये मित्रता करता हैं तो वो मित्रता के आवरण में किसी मंतव्य को पूरा करना चाहता हैं । चाहती हैं ।
किसी भी रिश्ते इस लिये बंधना की हम विपरीत लिंग के हैं केवल और केवल अपने आसक्त मन को भरमाने का तरीका हैं । एक पर्दा दारी हैं । रिश्ता हो ना हो फिर भी नैतिकता रहे ये जरुरी हैं और नैतिकता सबके लिये एक ही होनी चाहिये नहीं होती हैं ।
कोई साइंस का आधार मान कर डिफाइन करता हैं कोई धर्म ग्रंथो का , पर आधार होना चाहिये अपने मन और दिमाग का । जो पढ़ लिया उसको अपने जीवन मे बरतना आना चाहिये ।
विपरीत लिंग में मित्रता सहज बात हैं अगर आप अपनी सीमाये जानते हैं और उन पर अटल रहते हैं । रिश्तो की अपनी मर्यादा होती हैं और किसी की मित्रता को केवल इस लिये अस्वीकार कर देना की वो विपरीत लिंग से हैं अपनी पसंद की बात हैं । लेकिन हर विपरीत लिंग के रिश्ते , मित्रता को अस्वीकार करना या उन पर अश्लील मजाक करना अपरिपक्वता और सामाजिक कंडिशनिंग का नतीजा होता हैं ।
हर व्यक्ति एक दूसरे से फरक हैं सबकी सोच , परिस्थितियाँ फरक होती हैं , सबका मेंटल लेवल भी फरक हैं इस लिये किसी भी बात का जर्नालईज़शन करना संभव नहीं होता हैं ।