भारत मे हर १००० जन्मे बच्चो मे ५७ बच्चे की मृत्यु जनम लेते ही होजाती हैं और
१००० मे ४३ बच्चे जनम ले ने के महीने के अंदर नहीं रहते । डॉ अर्मिदा फेर्नान्देज़ { Dr Armida Fernandez }
ह्यूमन मिल्क बैंक की फाउंडर हैं । उनके अथक परिश्रम और
उनकी दूरगामी सोच के कारण भारत ही नहीं एशिया का पहला ह्यूमन मिल्क बैंक १९८९ से SION MILK BANK के नाम से बना । ये बैंक लोकमान्य तिलक मुनिसिपल जनरल हॉस्पिटल मुंबई मे हैं । इस बैंक को ९२४ लीटर दूध का डोनेशन " डोनर मदर " ने किया हैं जो अपने आप मे इक रिकॉर्ड हैं । डॉ अर्मिदा फेर्नान्देज़ का कहना हैं की ये सब इतना आसन नहीं हैं पर मुश्किल भी नहीं हैं । उनके अनुसार १२००० डिलिवरी हर साल होती हैं और अगर हर माँ को समझाया जाये तो वह " माँ का दूध " का दान अपनी इच्छा से कर देती हैं । ये दूध वज्ञानिक तरीको से सुरक्षित रखा जा सकता हैं ६ माह के लिये और उन बच्चो के लिये " राम बाण औषधि " साबित होता हैं जो माल नुत्रिशन के शिकार हैं या जिनेह छोड़ / त्याग दिया जाता हैं ।
डॉ अर्मिदा फेर्नान्देज़ "स्नेहा " की फाउंडर हैं । स्नेहा , डॉक्टरो के द्वारा चलाई जा रही संस्था हैं जो माल नुत्रिशन { malnutrition } पर काम करती हैं . ज़रा सी शिक्षा ने असंख्य माँओ से वो दान करवा दिया जो केवल एक माँ ही कर सकती हैं । आज बहुत से अस्पतालों मे ये बैंक चल रहे हैं ।
ज्यादा जानकारी के लिये लिंक क्लिक करे और इसे ही कहते हैं " The Indian Mother Has Arrived " .
मैं खुद एक चिकित्सक हूं और मुझे इस प्रोग्राम का पता ही नहीं था! आज ही इस कहानी को अपने बाकी डाक्टर दोस्तों से बतलाउंगा!
ReplyDeleteअर्मिदा फर्नान्डीज़ के इस जज्बे को सलाम....... इस प्रकार के मिल्क बैंक दुनिया के हर गाँव शहर में खुलने चहिये.
ReplyDeletebahut hi behtreen kaary ..
ReplyDeleteप्रोत्साहन के लिए बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteबेहतरीन कार्य......... सच्ची मानवता और मानव सेवा का उत्कृष्ट उदहारण
ReplyDeleteइस स्नेहिल पवित्र काम के लिए स्नेह संस्था की जितनी तारीफ की जाए कम है..
ReplyDeleteउत्तम कार्य! प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है, समझाने से कोई मां इस कार्य के लिये इंकार नहीं करेगी.
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