डोमेस्टिक वोइलेंस या घरेलू हिंसा से सम्बंधित एक रिपोर्ट मुझे श्री कमलेश मदान ने काफी पहले भेजी थी । स्वयं नाम की एक संस्था हैं जो बच्चो और महिलाओ के ऊपर हो रही हिंसा के तक़रीबन दस साल से काम कर रही हैं । इस रिपोर्ट के अनुसार
‘Gender inequality holds back the growth of individuals, the development of nations and the evolution of societies to the disadvantage of both men and women’. Gender issues are not simply talking about women’s issues. Understanding gender means understanding opportunities, constraints and the impact of change as they affect both men and women।"
इस रिपोर्ट के अनुसार सन २००२ मे हर ३.५ मिनट मे एक औरत हिंसा का शिकार रही हैं । इस पोस्ट को लिखने का कारण हैं की
एक हम इस विषय मे सोचे और अगर कही किसी महिला को हिंसा का शिकार होते देखे तो उसकी मद्दत करे ।
दो मद्दत हम तभी कर सकते हैं जब हमे ख़ुद जान्कारूइ जानकारी होगी इसके बारे मे ।
आज इस पोस्ट मे आप कमेन्ट दे कर हर उस जानकारी को बांटे जो आप के पास हैं । आपके पास किसी संस्था का पता हो तो उसको यहाँ पोस्ट करे या कोई लिंक हो जो सम्बंधित हो डोमेस्टिक वोइलेंस या घरेलू हिंसा से तो उसको यहाँ दे ।
डोमेस्टिक वोइलेंस या घरेलू हिंसा केवल अनपढ़ स्त्रियों के ऊपर ही नहीं होती हैं , बहुत से संभ्रांत समझे जाने वाले परिवारों की स्त्रियों भी इसकी शिकार होती हैं । हो सकता हैं आप की दी हुई सूचना कोई ब्लॉग पर पढे और उस जानकारी से उसके जीवन मे कुछ सुधार आए ।
इस के अलावा डोमेस्टिक वोइलेंस या घरेलू हिंसा से बचने के लिये क्या क्या उपाय हो सकते हैं इस विषय पर भी आप सब के विचार आमन्त्रित हैं ।
आज सुबह हिंदुस्तान टाईम्स मे गीता राव - गुप्ता का का आलेख पढा जिसमे उन्होने कहा हैं “Domestic violence has economic costs because it leads to absenteeism from work and also has medical costs attached to it. ” । हर बात को पैसे से जोड़ना लोगो को सही नहीं लगता पर पैसे की अहमियत को नकारा भी नहीं जा सकता हैं।
ReplyDeleteसही कहा है। वैसे इतना तो पीटा जा ही सकता है कि काम भी चलता रहे और डॉक्टर के पास जाने की नौबत भी न आए।
हाँ, ये पते सबके पास होने चाहिए। मुझे कोई जानकारी नहीं है।
घुघूती बासूती
जैसे आर्थिक स्वालंबन के लिए माता पिता बेटियों को शादी से पहले पढ़ाई करवाते है, कराटे जैसी कोई विध्या भी अनिवार्य रुप से दें।
ReplyDeleteसमाज के हर तबके में घरेलू हिंसा छोटे-बडे स्तर पर मौजूद है.आत्मसम्मान की कमी इस का सब से बडा कारण है.
ReplyDeleteHas Been Fighting Against Crime Against Women. Our Socitry Hes Been Doing All Charitable Activities Releting To Welfare Of Women at Large.
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