ये पोस्ट "तीसरा खम्बा " ब्लॉग से साभार ली गयी हैं . दिनेश जी की आभारी हूँ की उन्होने मुझे अधिकार दे रखा हैं की नारी हित में जारी उनकी पोस्ट को नारी ब्लॉग पर मै री पोस्ट कर सकती हूँ .
आप सब से आग्रह हैं की उनके ब्लॉग पर नज़र रखे क्युकी वो क़ानूनी समस्या का निदान वहाँ बताते हैं . इस पोस्ट को पढ़े और अगर आप के पास कोई प्रश्न हो तो उनके ब्लॉग पर जा कर आप उनसे पूछ सकते हैं
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम दिनांक 17 जून 1956 से प्रभावी हुआ है। इस अधिनियम के प्रभावी होने के उपरान्त इस अधिनियम के अंतर्गत उत्तराधिकार में प्राप्त किसी भी संपत्ति पर केवल उत्तराधिकार में प्राप्त करने वाले व्यक्ति का ही अधिकार होता है अन्य किसी का नहीं।
आप सब से आग्रह हैं की उनके ब्लॉग पर नज़र रखे क्युकी वो क़ानूनी समस्या का निदान वहाँ बताते हैं . इस पोस्ट को पढ़े और अगर आप के पास कोई प्रश्न हो तो उनके ब्लॉग पर जा कर आप उनसे पूछ सकते हैं
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम दिनांक 17 जून 1956 से प्रभावी हुआ है। इस अधिनियम के प्रभावी होने के उपरान्त इस अधिनियम के अंतर्गत उत्तराधिकार में प्राप्त किसी भी संपत्ति पर केवल उत्तराधिकार में प्राप्त करने वाले व्यक्ति का ही अधिकार होता है अन्य किसी का नहीं।
बेहतर लेखन !!
ReplyDeletevery interesting....
ReplyDeletegyanvardhak margdarshan..
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