पुष्पा कपिला हिंगोरानी को "मदर ऑफ़ पी आ ई एल " माना जाता हैं। उन्होने पहला पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन दायर किया था। १९७९ में ये याचिका दायर कि गयी थी और आज कि लॉ कि किताबो में इसे Hussainara Khatoon case कहा जाता हैं।इस याचिका के कारण बिहार अलग अलग जेल से ४००००कैदी रिहा किये गए थे और कैदियों को वकील और फ्री लीगल ऐड कि सुविधा का भी प्रावधान बनाया गया था.
१९८३ मे इन्होने देवीदासी प्रथा को बेन करनवाने की क़ानूनी लड़ाई लड़ी थी।
इसके अलावा एक समय में ११ दहेज़ केस भी इन्होने ही लड़े हैं जिसकी वजह से क्राइम अगेंस्ट वुमन के लिये स्पेशल सेल कि सुविधा शुरू हुई।
फैमिली कोर्ट को स्थापित करवाने का काम भी पुष्पा कपिल हिंगोरानी जी ने ही किया हैं
३१ दिसंबर २०१३ को , ८६ वर्ष कि आयु कि थी जब उनका निधन होगया।
आम आदमी की लड़ाई कि पहली शुरुवात करनी वाली इस जीवट महिला को मेरा नमन
इतिहास रचने वाली इस जनसेविका को श्रद्धांजलि
ReplyDeleteसादर श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteकैसी विडंबना है जिन्होंने हमारे समाज के हित में इतना कुछ किया हम उनका नाम भी नहीं जानते ।बहुत अच्छी जानकारी ।धन्यवाद !
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन एक छोटा सा संवाद - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeletebadiya jaankari .
ReplyDeleteनमन !
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteजानकारी के लिए आभार
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि
जानकारी के लिए आभार
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि
पुष्पाजी को विनम्र श्रद्धांजली ! महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आभार !
ReplyDeleteहा किसी अखबार में एक कालम की छोटी सी खबर पढ़ी थी , इतनी जानकारी नहीं थी ।
ReplyDeleteश्रद्धांजलि !
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इतिहास रचने वाली इस जनसेविका को विनम्र श्रद्धांजलि
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