बलात्कार महज एक शब्द नहीं हैं और ये महज एक यौन हिंसा भी नहीं हैं , ये पुरुष के काम वासना को शांत करने का एक माध्यम भी नहीं हैं .
बलात्कार करने वाले कभी भी बलात्कार कर के शर्मसार नहीं होते हैं क्युकी वो बलात्कार केवल और केवल अपने अहम् को तुष्ट करने के लिये ये करते हैं , उनकी नज़र में बलात्कार एक ऐसा जरिया हैं जिसको करके वो अपना वर्चस्व स्थापित करते हैं , बलात्कार करने वाले किसी भी जाति , आयु , वर्ग या समुदाय के नहीं होते हैं .
ये वो लोग होते हैं जो अपने आप से घृणा करते हैं और उनकी नज़र में वो खुद एक फेलियर होते हैं , नाकाम नकारे .
कौन होते हैं अपनी नज़र में नाकाम नकारे ,
- वो जो जिन्दगी में कुछ कर नहीं पाते , जैसे पढाई , लिखाई नौकरी इत्यदि
- वो जो जिन्दगी में अपने ही माता पिता की नज़र में गिर जाते हैं
- वो जो बन ना चाहते हैं जिन्दगी में पर नाकाम रहते हैं और किसी महिला को वहाँ देखते हैं
इस में आप को गार्ड , नौकर , ड्राइवर , गुंडे , मवाली , ड्रग एडिक्ट , शराबी , जुआरी इत्यादि मिलते हैं
- वो जो देखने में सुंदर नहीं होते यानी जो पुरुष की एक बनी हुई छवि के अनुसार अपने को कमतर पाते हैं
- वो जो बेमेल विवाह के शिकार होते हैं यानी जिनकी पत्नी अतिसुंदर होती हैं और वो खुद को उससे कमतर पाते है
- वो जिनके पिता ने उनकी माँ पर अत्याचार किया होता हैं
- वो जिनके यहाँ स्त्री को गाली , गलौज से बुलाया जाता हैं
- वो जिनकी अपने घर में बिलकुल नहीं चलती हैं
इस मे आप को डॉक्टर , इंजिनियर , पत्रकार , नेता , फिल्म स्टार , प्रोफ़ेसर इत्यादि मिल जाते हैं
- वो जो बहुत पैसे वाले हैं और जिनको लगता हैं की पैसा देकर कुछ भी ख़रीदा जा सकता हैं
इस मे आप को हर पैसे वाले माँ बाप को बिगड़े दिल लडके मिलते हैं जिनको उनके माँ बाप हर काम के बाद जेल दे छुडा कर लाने की सामर्थ्य रखते हैं
- वो जो बेहद शालीन दिखते हैं लेकिन मन में स्त्री के प्रति यौन हिंसा का भाव सदेव रखते हैं क्युकी उनको लगता हैं की स्त्री की जगह उनके पैर के नीचे हैं .
इस मे आप को वो सब मिलते हैं जो बलात्कार नहीं कर पाने की कमी को मौखिक और लिखित यौन हिंसा कर के आत्म तुष्टि करते हैं . ये कहीं भी और हर जगह मिल सकते हैं .
लोग कहते हैं की मीडिया बलात्कार का तमाशा बनाती हैं और बेफिजूल हल्ला मचाती हैं
, क्युकी उनको अपना अखबार , अपना चॅनल चलाना होता हैं
नहीं मै नहीं मानती क्युकी मीडिया अपना कर्तव्य पूरा करती हैं और ये मीडिया की ही कोशिश हैं की ये बाते
समाज के मुंह पर एक तमाचे को तरह लगती . बलात्कार हमेशा से होते आये हैं लेकिन उन खबरों को दबाया जाता रहा हैं क्युकी समाज ने कभी सजा बलात्कारी को दी ही नहीं हैं , सजा हमेशा बलात्कार जिसका हुआ उसको मिली हैं उसके परिवार को मिली हैं .
आज मीडिया एक एक बलात्कार की खबर को , मोलेस्ट की खबर को हाई लाईट करके दिखाता हैं और गाली मीडिया को पड़ती हैं उसकी खबरों से सब नाराज हैं , सबको लगता हैं जैसे मीडिया "पीपली लाइव " जैसी फिल्म बनाता हैं और स्पोंसर खोजता हैं . जो लोग ये सोचते हैं वो "बलात्कार " को केवल और केवल एक क़ानूनी अपराध मानते हैं और कुछ तो इसे बलात्कार करने वाले की एक गलती मान कर उसको माफ़ करने की भी फ़रियाद करने लगते हैं
आज कल बलात्कार शब्द का प्रयोग व्यंग , सटायर में लोग करते हैं जो की गलत हैं . बलात्कार जैसा अपराध वो ही करते हैं जो स्त्री के शरीर को रौंद कर अपने को "उंचा " , सुपीरियर साबित करना चाहते हैं . इस शब्द को कहीं भी प्रयोग करने से पहले सोचिये जरुर की कहीं गलती से आप इस घिनोनी मानसिकता वालो को हंसने का मौका तो नहीं दे रहे हैं
कुछ लोग खाप पंचायत 15 साल की उम्र में शादी करने से लड़कियों के रेप को लेकर चिंतित हैं , वो सब एक बार अपने अपने आस पास झाँक कर देखे , कितने ही घर मिल जायेगे जहां घर की अपनी खाप पंचायत हैं ,
जहां लडकियां को अँधेरा होने से पहले घर आना होता हैं ,
जहां लड़कियों को नौकरी से पहले शादी करना जरुरी होता हैं ,
जहां लड़कियों को स्किर्ट पहनना मना होता हैं .
जहां 3 साल की लड़की को पैंटी पहनना जरुरी समझा जाता हैं लेकिन 3 साल का लड़का बिना निकर के भी घूम सकता हैं और माँ / दादी मुस्कराती हैं , लड़का हैं
एक घटना बताती हूँ
बात 1990 की हैं
एक परिवार में एक 3 साल की बच्ची थी , उसके माता पिता थे और उनका एक ड्राइवर था . एक दिन माता पिता ने ड्राइवर को किसी बात पर डांट दिया . अगले ही दिन ड्राइवर ने उस बच्ची का बलात्कार किया लेकिन नौकरी नहीं छोड़ी . उसने माता पिता से कहा जो करना हो करो . पुलिस , थाना चौकी जो मन हो ,मै ये तुम्हारे घर में हूँ . क्या बिगाड़ लोगे मेरा , बोलो ??
माता पिता , बेटी को एक प्राइवेट डॉक्टर को दिखा दिया , अस्पताल भी नहीं ले गए और रातो रात अपना मकान छोड़ दिया . और ड्राइवर का कोई कुछ नहीं कर पाया .
और जो जानते थे वो भी यही कहते रहे अब 3 साल की बच्ची का बलात्कार तो क्या ही हुआ होगा ??? बलात्कार के लिये कुछ औरत जैसा शरीर भी तो होना चाहिये .
ना जाने उस ड्राइवर ने इसके बाद कितनी बार यही सब दोहराया होगा और ना जाने उस बच्ची ने क्या और कब तक भुगता होगा . पता नहीं मरी होंगी की जिंदा होगी .