नारी ब्लॉग को रचना ने ५ अप्रैल २००८ को बनाया था

हिन्दी ब्लोगिंग का पहला कम्युनिटी ब्लॉग जिस पर केवल महिला ब्लॉगर ब्लॉग पोस्ट करती हैं ।

यहाँ महिला की उपलब्धि भी हैं , महिला की कमजोरी भी और समाज के रुढ़िवादि संस्कारों का नारी पर असर कितना और क्यों ? हम वहीलिख रहे हैं जो हम को मिला हैं या बहुत ने भोगा हैं । कई बार प्रश्न किया जा रहा हैं कि अगर आप को अलग लाइन नहीं चाहिये तो अलग ब्लॉग क्यूँ ??इसका उत्तर हैं कि " नारी " ब्लॉग एक कम्युनिटी ब्लॉग हैं जिस की सदस्या नारी हैं जो ब्लॉग लिखती हैं । ये केवल एक सम्मिलित प्रयास हैं अपनी बात को समाज तक पहुचाने का

15th august 2011
नारी ब्लॉग हिंदी ब्लॉग जगत का पहला ब्लॉग था जहां महिला ब्लोगर ही लिखती थी
२००८-२०११ के दौरान ये ब्लॉग एक साझा मंच था महिला ब्लोगर का जो नारी सशक्तिकरण की पक्षधर थी और जो ये मानती थी की नारी अपने आप में पूर्ण हैं . इस मंच पर बहुत से महिला को मैने यानी रचना ने जोड़ा और बहुत सी इसको पढ़ कर खुद जुड़ी . इस पर जितना लिखा गया वो सब आज भी उतना ही सही हैं जितना जब लिखा गया .
१५ अगस्त २०११ से ये ब्लॉग साझा मंच नहीं रहा . पुरानी पोस्ट और कमेन्ट नहीं मिटाये गए हैं और ब्लॉग आर्कईव में पढ़े जा सकते हैं .
नारी उपलब्धियों की कहानिया बदस्तूर जारी हैं और नारी सशक्तिकरण की रहा पर असंख्य महिला "घुटन से अपनी आज़ादी खुद अर्जित कर रही हैं " इस ब्लॉग पर आयी कुछ पोस्ट / उनके अंश कई जगह कॉपी कर के अदल बदल कर लिख दिये गये हैं . बिना लिंक या आभार दिये क़ोई बात नहीं यही हमारी सोच का सही होना सिद्ध करता हैं

15th august 2012

१५ अगस्त २०१२ से ये ब्लॉग साझा मंच फिर हो गया हैं क़ोई भी महिला इस से जुड़ कर अपने विचार बाँट सकती हैं

"नारी" ब्लॉग

"नारी" ब्लॉग को ब्लॉग जगत की नारियों ने इसलिये शुरू किया ताकि वह नारियाँ जो सक्षम हैं नेट पर लिखने मे वह अपने शब्दों के रास्ते उन बातो पर भी लिखे जो समय समय पर उन्हे तकलीफ देती रहीं हैं । यहाँ कोई रेवोलुशन या आन्दोलन नहीं हो रहा हैं ... यहाँ बात हो रही हैं उन नारियों की जिन्होंने अपने सपनो को पूरा किया हैं किसी ना किसी तरह । कभी लड़ कर , कभी लिख कर , कभी शादी कर के , कभी तलाक ले कर । किसी का भी रास्ता आसन नहीं रहा हैं । उस रास्ते पर मिले अनुभवो को बांटने की कोशिश हैं "नारी " और उस रास्ते पर हुई समस्याओ के नए समाधान खोजने की कोशिश हैं " नारी " । अपनी स्वतंत्रता को जीने की कोशिश , अपनी सम्पूर्णता मे डूबने की कोशिश और अपनी सार्थकता को समझने की कोशिश ।

" नारी जिसने घुटन से अपनी आज़ादी ख़ुद अर्जित की "

हाँ आज ये संख्या बहुत नहीं हैं पर कम भी नहीं हैं । कुछ को मै जानती हूँ कुछ को आप । और आप ख़ुद भी किसी कि प्रेरणा हो सकती । कुछ ऐसा तों जरुर किया हैं आपने भी उसे बाटें । हर वह काम जो आप ने सम्पूर्णता से किया हो और करके अपनी जिन्दगी को जिया हो । जरुरी है जीना जिन्दगी को , काटना नही । और सम्पूर्णता से जीना , वो सम्पूर्णता जो केवल आप अपने आप को दे सकती हैं । जरुरी नहीं हैं की आप कमाती हो , जरुरी नहीं है की आप नियमित लिखती हो । केवल इतना जरुरी हैं की आप जो भी करती हो पूरी सच्चाई से करती हो , खुश हो कर करती हो । हर वो काम जो आप करती हैं आप का काम हैं बस जरुरी इतना हैं की समय पर आप अपने लिये भी समय निकालती हो और जिन्दगी को जीती हो ।
नारी ब्लॉग को रचना ने ५ अप्रैल २००८ को बनाया था

December 29, 2009

क्या ब्लॉगर शब्द पुल्लिंग हैं ?? जागिये महिला ब्लॉगर जागिये

क्या ब्लॉगर शब्द पुल्लिंग हैं ?? अगर नहीं तो फिर इसके लिये स्त्रीलिंग शब्द क्यूँ खोजा जा रहा हैं ? क्या अब और कुछ नहीं बचा हैं जिस पर अधिपत्य जमाया जा सके जो शब्दों पर अधिपत्य जमाया जा रहा हैं । "ब्लॉगर" शब्द को पुल्लिंग बना कर क्या ये सिद्ध करने कि कोशिश कि जा रही हैं कि "ब्लॉग" लेखन पुरुषो के लिये बना हैं

क्या किसी भी काम को लिंग के आधार पर बाँटना "शोषण " नहीं हैंअगर हाँ तो फिर क्या महिला ब्लॉगर इस बात के लिये तैयार हैं कि "ब्लॉगर " शब्द को पुल्लिंग मान लिया जाए

महिला ब्लॉगर से आग्रह हैं , कि कोई भी ऐसा भेद भाव जो लिंग के आधार पर किया जाता हैं वो " यौन शोषण " कि परिधि मे आता हैं , इस लिये अपनी आपति अवश्य दर्ज कराये जहां भी आप "ब्लॉगर " शब्द को पुल्लिंग माना जाता होये मजाक का मुद्दा नहीं हैं , एक गभीर बात हैं क्युकी अगर आज आप आपत्ति नहीं दर्ज करेगी तो कल वाकई ये मान लिया जायेगा कि "ब्लॉगर" शब्द पुल्लिंग हैं और ब्लोगिंग पर पहले पुरुषो का अधिकार हैं और नारी उनसे अब बराबरी कर रही हैं ब्लॉग लिख कर ।

जागिये महिला ब्लॉगर जागिये

48 comments:

  1. हाथी शब्द में पीछे "ई" आती है, इस हिसाब से उसे स्त्री (लिंग) होना चाहिए. मगर है नर. अतः शब्दों की रचना के आधार पर लिंग भेद वाली बात क्यों उठ रही है. रचनाजी ब्लॉगर है. रतनसिंह ब्लॉगर है. क्या भेद हुआ? आज कल तो महिला भी "एक्टर" ही होती है. न कि एक्ट्रेस. :)

    ReplyDelete
  2. आपकी टिप्पणी सहेज दी गई है और ब्लॉग "स्वामी" की स्वीकृति के बाद दिखने लगेगा.

    स्वामी या स्वामिनी?

    मेरा तत्पर्य मजाक बनाना कतई नहीं है. मैं तभी टिप्पणी करता हूँ जब मामला गम्भीर लगे. विचार करें.

    ReplyDelete
  3. बस एक शब्द -हास्यास्पद! ब्लॉगर लिंग भेद सूचक भले न हो मगर ब्लागरा तो शायरा जैसा लगता है ना ?

    ReplyDelete
  4. उनको भी पढ़कर हंसा था, और आपको भी पढ़कर हंस रहा हूं.. :)

    ReplyDelete
  5. ब्लॉगर शब्द ही सही है. ब्लॉगर शब्द में लिंग भेद की को६ आवश्यकता नहीं है. मैं तो अपने को ब्लॉगर ही कहूँगी.
    घुघूती बासूती

    ReplyDelete
  6. ब्लॉगर लिंग भेद सूचक भले न हो मगर ब्लागरा तो शायरा जैसा लगता है ना ?

    jis shabd ko ling bhedh suchak nahin banaaya gaya uska viprit ling kaese ho saktaa respected dr arvind sir

    ReplyDelete
  7. पहले भी यही लिखा था अब भी यही लिख रही हूँ ..ब्लागर शब्द ही उचित है ...

    ReplyDelete
  8. .
    .
    .
    "महिला ब्लॉगर से आग्रह हैं , कि कोई भी ऐसा भेद भाव जो लिंग के आधार पर किया जाता हैं वो " यौन शोषण " कि परिधि मे आता हैं , इस लिये अपनी आपति अवश्य दर्ज कराये जहां भी आप "ब्लॉगर " शब्द को पुल्लिंग माना जाता हो । ये मजाक का मुद्दा नहीं हैं , एक गभीर बात हैं क्युकी अगर आज आप आपत्ति नहीं दर्ज करेगी तो कल वाकई ये मान लिया जायेगा कि "ब्लॉगर" शब्द पुल्लिंग हैं और ब्लोगिंग पर पहले पुरुषो का अधिकार हैं और नारी उनसे अब बराबरी कर रही हैं ब्लॉग लिख कर ।"

    मैं महिला तो नहीं हूँ पर आपकी बात में वजन है अत: कृपया मेरी आपत्ति दर्ज की जाये।

    ReplyDelete
  9. शब्द पुलिंग हो तो ये ज़रूरी नहीं की वो पुरुषों के अधिकार में आता हो....
    अब मूंछ - दाढ़ी दोनों ही शब्द स्त्री लिंग होते हुए भी पुरुषों की शान हैं...
    इस पर क्या स्त्रियाँ अधिकार जमाएंगी ? अब राष्ट्रपति शब्द पुल्लिंग है
    आज भारत में इस पद पर एक महिला आसीन हैं तो इस पद को
    राष्ट्रपत्नी तो नहीं कहा जा सकता ना....तो इस तरह के व्यर्थ मुद्दों का क्या औचित्य ????????
    ब्लॉगर शब्द दोनों के लिए प्रयोग में आने वाला शब्द है...

    ReplyDelete
  10. रचना जी आप लोग क्यों बेकार की बात पर इतना तूल दे रहे हैं? ऐसी अगंभीर चीजों पर मुझे टिप्पणी करने की आदत नही है..पर आपके लिए कर रही हूँ...कोई गंभीर सा मुद्दा चुने...वरना बात सिर्फ ब्लॉग पर ट्रेफिक बढ़ाने जैसी होकर रह जाएगी..कोई ऐसे बेकार मुद्दों पर समय जाया नही करता आजकल ..

    फिर भी आप सुनना चाहे तब सुन लीजिए मैं इसके विरुद्ध हूँ.

    ReplyDelete
  11. Hmmm aap kafi gusse me hai...
    lekin ek baat suniye plz aise mudde na uthayiye jisse ye sabit ho ki hum naari samaj hmesha purusho k virodh me rehta ha....aur yaha to koi mudda hi nhi ha...
    bohot c chize ha likhne ko...GAMBHEER CHIZE....plz unpar kuch likhiye...ye keval ek behes ha jisdka koi fayeda bhi nhi hone wala...

    ReplyDelete
  12. ब्लॉगर शब्द न स्त्रीलिंग है न पुल्लिंग. यह एक "जेन्डर न्यूट्रल" शब्द है. और इसीलिये पहले भी मैं कह चुकी हूँ कि मैं ब्लॉगर शब्द के पक्ष में हूँ. आपका कहना बिल्कुल सही है, इसे पुल्लिंग नहीं मानना चाहिये. पहले जीवन के हर क्षेत्र में पुरुषों का वर्चस्व होने के कारण अधिकतर शब्द पुल्लिंग होते थे, पर अब चूँकि महिलाएँ भी हर कार्यक्षेत्र में आगे आ रही हैं. इसलिये जेन्डर न्यूट्रल शब्दों का प्रयोग ही उचित है.

    ReplyDelete
  13. mere samajh ke bahar hai ki hum ek shabd par striling aur purling ki bahas kyu kar rahe hain ?? kya "Naari" ke paas behas ke liye ab aise mudde bache hain ? We should draw a line what to discuss and what not to, this makes us crying baby and nothing else.
    Blogger is an english word and means A contributor to a blog or online journal.
    http://en.wiktionary.org/wiki/blogger
    ab isse log purling samjhe ya purling ye unki samajh hai, hum kyu apne standards giraye.

    ReplyDelete
  14. हिन्दी में शब्द या तो पुर्लिंग होते हैं या स्त्रीलिंग। तीसरा लिंग इस में है ही नहीं। लेकिन यह आवश्यक नहीं कि कोई शब्द पुर्लिंग हो तो उस से स्त्री होने का ही भान हो। पत्थर पुर्लिंग है उस का कोई स्त्री लिंग नहीं लेकिन प्रतिमा और मूर्ति का कोई पुर्लिंग भी नहीं। शब्दों के लिंग भेद से स्त्री-पुरुष भेद का कोई संबंध नहीं है।

    ReplyDelete
  15. एक गभीर बात हैं क्युकी अगर आज आप आपत्ति नहीं दर्ज करेगी तो कल वाकई ये मान लिया जायेगा कि "ब्लॉगर" शब्द पुल्लिंग हैं और ब्लोगिंग पर पहले पुरुषो का अधिकार हैं और नारी उनसे अब बराबरी कर रही हैं ब्लॉग लिख कर ।

    clap clap clap

    uper likhi ye panktiya hi purushwad dikha rahi hai. matlab jabardasti ye baat ek tareh se thopi hi ja rahi hai ki ise objection na uthane par pulling maan liya jayega...kisi ne aisa kyu nahi likha ki is shabd ko istriling maan liya jayega.

    samajh me nahi aata ki pehle se hi mind set kyu hote hai aur purush ki favour me comments de diye jate hai.

    sabse sahi baat to yeh hai ki ye ek nutral word hai aur is per behes honi hi nahi chaahiye. aur me ranjna ji ki baat per sehmat hu.

    fir bhi agar already mind set hai hi to fir poochhne ki koi tuk nahi banti. ek baar me fir se highlight karna chahungi ki अगर आज आप आपत्ति नहीं दर्ज करेगी तो कल वाकई ये मान लिया जायेगा कि "ब्लॉगर" शब्द पुल्लिंग हैं ....is se aap purush ki favour kar ke purushwad ko badhava de rahe hai.

    ReplyDelete
  16. आदरणीया रचना जी ,
    आज के आपाधापी और तनाव के क्षणों में अगर अगर कुछ मनोविनोद भी हो जाय तो वह क्या
    अच्छा नहीं ? यह बहस गंभीर विमर्श के लिए आहूत ही नहीं थी मगर सोने में सुहागा रहा कि
    इस पर बहुत ज्ञानभरी बातें भी हो गयीं ! यहाँ भी ! आप भी न .....

    ReplyDelete
  17. एक शेर याद आया:

    सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
    मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।


    ----

    यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।

    हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.

    मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.

    नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।

    निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।

    वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

    आपका साधुवाद!!

    नववर्ष की अनेक शुभकामनाएँ!

    समीर लाल
    उड़न तश्तरी

    ReplyDelete
  18. रिचा जी से पूरी तरह सहमत
    Blogger is an english word and means A contributor to a blog or online journal.

    ReplyDelete
  19. Dr Arvind Mishra
    When KPS gill patted the bottom of an IAS officer , he was smiling so were others because for him to pat a ladys bottom was a matter of mirth

    when rathor fondled a baby of 14 years he was smiling because for him it was a matter of getting joy in the hectic pace of life .

    getting joy in the hectic pace of life by making fun of woman bloggers may be your way of life but i obeject to it and will keep doing so

    woman are not toys that you can play with them

    take care

    ReplyDelete
  20. बाकी सब से विनम्र आग्रह , मुद्दे कि गभीरता समझिये , और ये भी समझिये इग्नोर करने से बात बनती नहीं बिगडती हैं । नारी के लिये , नारी के अधिकारों के लिये , नारी को जगाना बहुत जरुरी हैं । अपने प्रति हो रहे दुराग्रह को जब तक नारी जानेगी और समझेगी नहीं दोयम दर्जा उसका ही होगा ।

    ReplyDelete
  21. प्रवीण शाह
    thanks khul kar saath kadhey honae kae liyae

    ReplyDelete
  22. मुक्ति जी की बात से सर्वथा सहमत होते हुए शब्द को पुल्लिंग मानने से इंकार करता हूँ !

    पोस्ट की भावना सही है, बात भले ही थोड़ी तीव्रता में कह दी गयी हो !

    ReplyDelete
  23. बहुत उम्दा लेख। मगर इसमें इतना नाराज़ होने की क्या बात है ? इतने बरस से आदमी से भरी पुलिस स्त्रीलिंग बनी हुई है। आदमी ने तो कभी आब्जेक्शन नहीं लिया। खै़र आप अपनी जगह सही हैं। महिला ब्लॉगर के स्थान पर ब्लॉगरनी वगैरह या इसी तरह के किसी स्त्रीलिंग शब्द का इस्तेमाल होना चाहिए। आपसे पूर्णत: सहमत हैं हम।

    ReplyDelete
  24. पहले भी कहा था, "ब्लॉगरा" तो वाकई अटपटा लगता है… "ब्लॉगर" शब्द ही ठीक है, और इस पर अनावश्यक विवाद हो रहा है… ऐसा मुझे लगता है…। प्रवीण शाह से सहमत…

    ReplyDelete
  25. हां जैसा कि सभी महसूस कर रहे हैं कि इस मंच का उपयोग ज्यादा सार्थक मुद्दों के लिए किया जाए तो इस मंच की सार्थकता बढ जाएगी । एक तो यही है कि अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में महिला चिकित्सकों का एक ऐसा गिरोह मिला है जो अनपढ महिलाओं को गर्भधारण की गलत जानकारी देकर उनका नकली गर्भपात करा के पैसे ऐंठता था ...जानती हैं भंडाफ़ोड किसने किया कुछ महिला चिकित्सकों ने ही ॥

    ReplyDelete
  26. अजय बहुत धन्यवाद ये बताने के लिये कि हमारे सार्थक मुद्दे क्या हैं । अभी तो वो मुद्दे लिखने हैं जो इस हिंदी ब्लॉग जगत मे ही फैलाए गए हैं क्युकी पहले घर साफ़ करले फिर ही ना बाहर नज़र जाएगी बाहर पहली गंदगी पर । हमें क्या और कब करना हैं क्या इसका फैसला हम खुद करे तो बात कुछ बढ़िया होगी
    जो मुद्दा इस पोस्ट मे हैं वो सिर्फ इतना हैं कि ये आपतिजनक बात हैं कि ब्लॉगर का स्त्रीलिंग शब्द खोजा जाए आप इस बात से सहमत हैं या असहमत ये आप नए अभी तक नहीं बताया

    ReplyDelete
  27. लाल और बवाल (जुगलबन्दी)

    yaa to aap ne aalekh padhaa nahin yaa samjha hi nahin

    ReplyDelete
  28. रचना जी ,
    ' नारी ' का नियमित पाठक हूँ . जरूरी नहीं था की टिप्पणी देता क्यूंकि बहुत सारे विचारों से मेरा मेल मिला . खास कर नारियों से ही .....अब यही कहूँगा की इस पर अजीत वडनेरकर ही कहें . यह ब्लॉग शायद इस बहस के लिए ही सही नहीं था क्योंकि इसमें बहस की कोई बात नहीं पा रहा .

    आपसे विनम्र निवेदन करूंगा की मेरे सहित किसी को यह न लगे की आपका लेखन ' पुरुष द्रोही ' की श्रेणी में गिना जाये .आपके बहुत से लेखों को मन से सराहता रहा हूँ ,उद्देश को भी .लेकिन इस बार आपने साफ़ पूछा है तो कह रहा हूँ की आपसे बिलकुल सहमत नहीं हूँ.सिर्फ आपकी अप्रतिम उर्जा की व्यर्थता दिख रही है. उसे सही दिशा में ही तब्दील करें .

    हाँ मैं मानता आया हूँ कि भातीय समाज ही क्या पूरी दुनियां में हर काल में पुरुष सत्तातात्मकता ही नारी शोषण का जरिया रही है ,और उसका मूल स्रोत करीब करीब हर धर्म की अवधारणा में निहित है . हर धर्म पुरुषों के ही बनाये हैं पर इस शोषण में नारीयों का योगदान भी पुरुषों से कम नहीं रहा .और बहुत सारे पुरुष भी रहे हैं जिन्होंने इस शोषण के खिलाफ आवाज़ और भूमिका निबाही है .

    अगर मेरी बात आह़त कर गयी हो तो छमा पर अगर विनोद में अपना मत दर्ज करना हो तो मैं कहूँगा कि दर्ज कर लें और हिन्दी का व्याकरण ही बदल कर बंगला का व्याकरण अपना लिया जाये जहां पर क्रिया ही नहीं संज्ञा भी करीब करीब ' उभय लिंगी ' होती है :) .

    @ दिनेश द्विवेदी जी ,व्याकरण में कोई दखल तो नहीं रखता पर सस्कृत में ' नपुंसक लिंग ' और हिन्दी में शब्दों की ' उभय लिंगी ' श्रेणी भी है.

    ReplyDelete
  29. तो ठीक क्या रहेगा ? ब्लॉगरिनी या ब्लोगरी या ब्लोगिता या ब्लोगिन???

    वैसे व्यापारी महिला को वैश्या न कह कर वैश्य कहना कर्ण को अधिक श्रेयकर प्रतीत होता है !

    लिंग भेद की मानसिकता से दूरगमन उपरांत ही विकसित समाज का श्रेष्ठ आयाम स्थापित कर पाना संभव है !

    ReplyDelete
  30. रचना जी ,
    आप अनावश्यक एक ऐसे मुद्दे को जानबूझकर अपनी ख़ास मनोवृत्ति के वशीभूत तूल दे रही हैं और असंगत उदाहरणों को जोड़ रही हैं जो वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं है !
    यह आपकी आत्मप्रचार की एक निंदनीय प्रवृत्ति की परिचयाक है और कुछ नहीं है -ब्लागर ,महिला -पुरुष दोनों का समानार्थी शब्द है कोई लिंगभेद नहीं है यहाँ ! दूसरों को न कहें आप ही इंगित पोस्ट को ठीक से समझ नहीं पायीं ! और जिन उदाहरणों को आपने इस मामले से जोड़ा है वह घोर आपत्तिजनक है -मुझे लगता है आप जानबूझ कर पुरुषों का आपमान कर रही हैं और खुद एक कट्टर एनड्रोजीनिस्ट हैं !
    मुझे लगता है आपको पुनर्चिन्तन करना चाहिए !

    ReplyDelete
  31. रचना जी, जैसा कि आपकी नजर में अगर ये इतना गम्भीर मुद्दा है, तो फिर जैसा कि मैंने आपको मेल से भी बताया था कि उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान और सूचना और प्रसारण मंत्रलाय, भारत सरकार हर साल महिला विषयों पर लिखने वाली महिलाओं को सम्मानित करता है। आप लोगों को इसके विरूद्ध भी आवाज उठानी चाहिए।

    ReplyDelete
  32. जी शुक्रिया इस बात को बताने के लिए कि मुझे ये कहने का कोई हक नहीं कि आपको इस ब्लोग पर कौन सा मुद्दा उठाना है कौन सा नहीं । गौर से देखिए शायद आपको पता चले कि कि ऐसा मैंने कहा भी नहीं है बल्कि आपकी सदस्या/गैर सदस्या साथिनों ने ही कहा है रही बात घर की गंदगी साफ़ करने की तो इससे मैं भी सहमत हूं और हां इस मुद्दे पर मैं आपको पहले ही अपना मत दे चुका हूं एक बार फ़िर लिजीये

    रिचा जी से पूरी तरह सहमत
    Blogger is an english word and means A contributor to a blog or online journal.

    December 30, 2009 9:06 AM

    हां चलते चलते एक बात और कहना चाहता हूं हालांकि मुझे मालूम है कि इसे भी शायद आप अपने नजरिये से देखें ,केपीएस गिल और राठोर द्वारा किया गया काम और यहां पर लिखी गई पोस्ट में यदि आपको समानता दिखती है तो .......हास /परिहास/ हास्य ....जैसा भी कुछ होता है जीवन में ......हां गंभीर मुद्दों से जरूर इनकी दूरी होनी चाहिए ....मगर फ़िर इनको सहारा बना के मुद्दों को जबरन गंभीर भी नहीं बनाना चाहिए ...अब देखिए न आप मुझे उत्तर दे रही हैं ..मगर अपनी साथिन ब्लोग्गर्स को नहीं (मैं तो ब्लोग्गर्स ही कहूंगा )वैसे आप कहेंगी ये भी मेरा हक है किसे दूं और किसे नहीं .......और मैं उसे भी मानने को तैयार हूं

    ReplyDelete
  33. मेरे हिसाब से ये मुद्दा एकदम फ़िज़ूल है....ब्लॉगर पर इतनी बहस? डायरेक्टर, इन्स्पेक्टर, कन्डक्टर....इन शब्दों को कहाँ ले जायेंगी जो महिला पुरुषों दोनों पर सामान रूप से लागू होते हैं!

    ReplyDelete
  34. जब हम अंग्रेजी शब्दों को उपयोग में ला रहे हैं तो इतने सूक्ष्म विश्लेषण कि क्या आवश्यकता कि हम उसका हिंदी अनुवाद करें और उसको लिंग की परिभाषा में परिवर्तित करें? ये बात हर हिंदी भाषी को मालूम है कि कुछ सूचक शब्द दोनों के लिए ही प्रयोग किये जाते हैं. बेकार में क्यों उसके लिए टिपण्णीकी जाए. चाहे नारी हो या नर ब्लॉगर शब्द ही उपयुक्त है जैसे कि महामहिम चाहे नारी हो या नर दोनों के लिए आता है. पत्रकार कोई भी हो वह पत्रकार ही कहलाता है.
    ये बात सभी सुधी जनों के विचारों से स्पष्ट हो चुकी है अतः ये लिंग भेद को लेकर कोई बखेड़ा खड़ा न किया जाय. सार्थक विषयों को गंभीरता पूर्वक प्रस्तुत किया जाना ही हमारे ब्लॉग दुनियाँ की सफलता का द्योतक है. हम सभी एक ही पथ के राही हैं और हमें एक दूसरे के साथ मिलकर ही चलना है. एक परिवार में नर और नारी की उपस्थिति विवादस्पद नहीं होती तो फिर ब्लॉग में ही क्यों? आपत्ति जनक बातों का प्रतिरोध किया जाना चाहिए उसे चाहे हम लिख रहे हों या आप लेकिन जानबूझ कर किसी कोआहत करने का प्रयास एक बुद्धिजीवी और संवेदशील मानव के लिए उचित नहीं है.

    ReplyDelete
  35. वाह..जो खुद हर बात का मजाक बनाते फिरते हैं दुसरे को सलाह दे रहे हैं...मैंने खुशदीप जी के ब्लॉग पर लिख था मुझे इनसब से समस्या है, क्योंकि वे मुझे गंभीर लगे ..रही बात उन ब्लोगर की जिन्होंने यह पूछा तो जनमत संग्रह करने वालों से मेरा अनुरोध है की ब्लोगारा/भटियारा जिस शब्द पर भी आपको प्रसन्नता हो उसे उसी महिला/पुरुष के लिए इस्तेमाल करें जो इससे सहमत हो..और शिष्टाचार का तकाजा है की उनसे पहले सार्वजनिक पूछ लिख जाए की मैं आपको इस उपमा से विभूषित करूँ की नही ?
    बस..और कुछ नही कहना है .

    ReplyDelete
  36. ब्लॉगर एक अंग्रेजी शब्द है इसके हिन्दीकरण की जरूरत नहीं है। हम भी पुरुष ब्लॉगर की तरह ब्लॉगर ही है....ब्लॉगरा या और कुछ नहीं....

    ReplyDelete
  37. नव वर्ष में सभी से निवेदन है की एक दूसरे की समस्या को समझें और व्यवहार करें। ज्यादा ही किसी को परेशानी है तो अंग्रेजी शब्द को छोड़ कर चिट्ठाकार व चिट्ठाकारा शब्द इस्तेमाल कर लें। मगर झगड़ा कतई अच्छा नही है, ब्लॉगर शब्द तो है ही अंग्रेजी का जिसमें शी इज़ ब्लॉगर और ही इज़ ब्लॉगर कहा जा सकता है। आप सभी से निवेदन हैं, जब तक मिल रही है ब्लॉगिंग की मुफ़्त की सुविधा का फ़ायदा उठाये और हिंदी को आगे बढ़ायें।

    ReplyDelete
  38. sunita shanu

    aap apne ko चिट्ठाकारा चिट्ठाकार shabd manay nahin haen

    ReplyDelete
  39. लानत है ऐसी बहस पर जो अब तक जिन्दा है जब कि बहुत पहले ‘ब्लॉगरा’ शब्द को सभी खारिज कर चुके हैं। किसी ने इसे विनोद में भले ही कह दिया हो लेकिन वास्तव में इस रूप में प्रयोग नहीं हो सकता।

    कल से महिला डॉक्टर को आप डॉक्टरा कहेंगे क्या? कुछ तो रहम करें जी।

    ReplyDelete
  40. I prefer gender neutral word blogger , the idea of divining male vs. female blogger is not very intelligent and is not going to achieve anything sooner or later.

    Give value to the good writing and thoughtful exchange of ideas in this platform. It does not matter if the writer is male or female. We all share common space and common humanity, though may have different perspective. Its a great opportunity that we can learn from people who are diiferent than us in terms of socio-economic, religious background or even in terms of gender. Variety can bring enrichment, even if we do not categorize people into strict identities.

    ReplyDelete
  41. rachnaji,
    Aap kitni achchhi baat aur upkar nario par kar rahi hai " Nario ke liye Sangharsh", " unke adhikaro ke liye sangharsh", nari- bodhak sabdo ke liye sangharsah", Vastav me app dhanyawad ki patra hai.

    In purusho ne ham nario ko hamesha dabaya aur hamara shoshan kiya nahi to:-
    Aj pariwar ki mukhiya ham nariya hoti.
    Ham kheto me kaam karti aur purush ghar me bachchho ko dekhtey aur ghar ka kaam kartey.
    samaj me bachcho ki pehchan ma ke nam se hoti.
    nariya bahar baith kar panchayat karti aur purush unka bojan taiyar kartey.
    Ghar ke kamo me galti hone par nari purush ko peetey.....ha..ha..kitna acchha ho agar aisa ho jaye samaj me.

    ReplyDelete
  42. लगता है कि ब्लॉगजगत में मुद्दों का अकाल पड़ गया है

    ReplyDelete
  43. क्या फिजूल की बहस है-'सूत न कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठा'
    लानत है..

    ReplyDelete
  44. एक गभीर बात हैं क्युकी अगर आज आप आपत्ति नहीं दर्ज करेगी तो कल वाकई ये मान लिया जायेगा कि "ब्लॉगर" शब्द पुल्लिंग हैं और ब्लोगिंग पर पहले पुरुषो का अधिकार हैं और नारी उनसे अब बराबरी कर रही हैं ब्लॉग लिख कर

    ReplyDelete
  45. सचमुच मैने इसपर ध्‍यान नहीं दिया था .. शास्‍त्री जी ने मुझे ज्‍योतिषी संगीता पुरी कहा .. ज्‍योतिषिणी तो नहीं .. फिर ब्‍लॉगर की जगह ब्‍लॉगरा क्‍यूं ??

    ReplyDelete
  46. रचना जी - मेरी भी आपति दर्ज की जाए |
    कुर्सी, मेज़, आदि न्यूट्रल जेंडर हैं hindi me bhi|

    ब्लोगरा गलत होगा , क्योंकि ब्लोगर का अर्थ है "one who blogs " न कि "he who blogs " |

    ReplyDelete
  47. the history of the word

    web (spider web style network of computers)
    log (jotting down of notes)

    web + log = keeping notes on the web

    web + blog = weblog = we blog
    === blog

    blogger = one who blogs
    i.e one who keeps a log on the web

    and web users are both genders.
    driveR
    writeR
    paintER
    teachER
    :
    :
    blogGER

    ReplyDelete

Note: Only a member of this blog may post a comment.

copyright

All post are covered under copy right law . Any one who wants to use the content has to take permission of the author before reproducing the post in full or part in blog medium or print medium .Indian Copyright Rules

Popular Posts