छेड़ा तो शेरनी बनकर टूटी शोहदे पर
कानपुर। १९ फरवरी (दैनिक जागरण )शोहदे ने सोचा था कि टिप्पणी करके भाग निकलेगा मगर स्कूटी सवार युवती ने लोडर को ओवरटेक कर रोक लिया। लोडर से नीचे उतारा और तबीयत से पीटा। फिर पुलिस को सौंप दिया। इतना ही नहीं उसने तमाशबीनों को भी 'क्या तुम्हारी मां-बहन नही है' कहकर बड़ा सबक सिखा दिया।
किदवईनगर सब्जी मंडी निवासी शाहिद गुरुवार को लोडर में सब्जी लादकर आ रहा था। वह लोडर में बैठा था, सचान गेस्ट हाउस के पास उसने स्कूटी सवार एक युवती से अश्लीलता शुरू कर दी। अभद्र टिप्पणियां कीं, चालक ने भी लोडर दौड़ा दिया। युवती ने साहस दिखाकर स्कूटी पीछे दौड़ायी और लोडर को ओवरटेक कर रोक लिया। फिर शोहदे शाहिद को नीचे उतारा और जमकर पिटाई की। बीच सड़क पर यह अजीब दृश्य देख वहां मजमा लग गया। युवती ने तमाशबीनों को भी खूब खरी-खरी सुनाई और संदेश दिया कि जनता ही ऐसी न हो तो शोहदों हिम्मत ही न करें। इसी दौरान सूचना पर बर्रा पुलिस पहुंच गयी। युवती ने शोहदे को पीटते हुए बर्रा पुलिस को सौंप दिया।
छेड़छाड़ के विरोध में कुछ भी कहने के पहले ये आज की घटना देख लेना काफी है. लेकिन ऐसी हिम्मत वाली लड़कियाँ कितनी होती हैं? आज क्यों लड़कियाँ जूडो कराटे में प्रशिक्षण लेना चाहती हैं क्योंकि अपनी सुरक्षा स्वयं करनी होगी. ये शोहदे सिर्फ फिकरे बाजी कर सकते हैं और उनमें इतनी हिम्मत नहीं होती कि हिम्मतवालों का सामना कर लें.
इसमें हमारा समाज कम दोषी नहीं है, कई बार ऐसी घटनाएँ घटित होती रहती हैं और भीड़ इसी तरह से तमाशा देखती रहती है. बेकार आवारा लड़कों के पास कुछ भी काम नहीं होता है सिवा इसके कि लड़कियों के कोचिंग के सामने , पान कि दुकानों पर जमा होकर फिकरे कसें. एक ढांचा तैयार करना होगा, जिसमें लड़कियों को अपनी सुरक्षा के लिए बचपन से ही स्वरक्षा के लिए कुछ ठोस तरीके जैसे कि बड़े होकर वे जुडो और कराटे में रूचि लेती हैं, स्वरक्षा के तौर पर विद्यालय स्तर पर ही इन विषयों को समावेशित कर दिया जाना चाहिए. बहुत महारत हासिल नहीं भी करेंगी तब भी वे स्वरक्षा के लिए सक्षम होंगी. बल्कि ये तो सभी बच्चों के लिए आवश्यक है. समाज में बढती अव्यवस्था में अपनी सुरक्षा अपने हाथ में होनी चाहिए. इस से सिर्फ छेड़छाड़ कि घटनायों में कमी आएगी बल्कि बलात्कार जैसी घटनाएँ भी कम हो जायेंगी. कम से कम लड़की इतनी सक्षम होगी कि वह उनका बहादुरी से सामना कर सकें. ऐसी घटनायों का शिकार होकर उन्हें आत्महत्या जैसे कदम तो नहीं उठाने पड़ेंगे.
आज किशोरावस्था कि ओर बढ़ रही लड़कियों के लिए ये प्रशिक्षण बहुत हितकारी साबित होगा. आने वाली पीढ़ी को तो शिक्षा के साथ ही इसका ज्ञान देना आवश्यक हो गया है.
tareef karni hogi...
ReplyDeleteaisi ladkiyan hon tabhi sarthak hoga ye geet--
HAR BALA DEVI KI PRATIMA
BACHCHA BACHCHA RAM HAI
CHANDAN HAI IS DESH KI....
Jai Hind...
rekha ji, i also agree with you at this point that girls must be trained in self defense course and martial art.
ReplyDeletedekiye sirf mar pitayee karane se kaam nahi chalega isake liye sampuran vatavarar me parivaratan jaroori hai ham aisa n kare jodosaro ko anuchit lage samaaj sichha tatha swatanta mahoul kee jarorat hai
ReplyDeleteसही कहा आपने . लड़कियों को अपना स्वयं सुरक्षा समूह बनाना चाहिए .
ReplyDeleteलड़कियों को अपनी सुरक्षा आप करने के लिए खुद को मानसित रूप और शारीरिक रूप से तैयार करना होगा ....सादर
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