A Youtube Video on UN Reports on Women's Status
आज नारी ने काफी तर्रकी की है और यह ब्लॉग उसका ही एक प्रमाण है. बहुत अच्छा लगता है ये देख कर की यहाँ इतनी सारी महिलायें एकत्रित हुई हैं, तरह तरह के विषयों पर अपनी बात दिल खोल के कहने के लिए. और मुझे पूरी उम्मीद है की यह आवाज़ कृत्य में भी तब्दील हो रही है, चाहे धीरे धीरे ही सही.
इस अभियान को हमें और भी आगे बढाना है, इन्टरनेट के आगे, शहरों के बाहर, गाँव में, बीहड़ इलाकों में, क्यूंकि शिक्षित और सशक्त नारी सच्चे विकास की पहचान है और उसकी स्थिरता की गारंटी है. चाहे हम जहाँ भी हों, हम भी इस प्रक्रिया में अपना योगदान बड़ी सरलता से दे सकते हैं. यानि की निरक्षर (चाहे औरत हो या मर्द) को लिखना-पढना सिखा के, उन्हें उनके अधिकारों के या उन्हें उनकी और उनके परिवार की सेहत के बारे में जानकारी देकर.
अधिकार, वो भी महिला का, अक्सर विवाद का विषय बन जाता है. अगर पति अच्छे हों तो अधिकार स्वयं ही मिल जाते हैं मगर अगर पति और परिवार घर की स्त्री को अधिकार और सम्मान न दे तो स्त्री की जानकारी धरी की धरी रह जाती है. इसीलिए हम ब्लॉगर महिलायों का ये कर्त्तव्य भी बनता है की हम अधिकारों के बारे में एसा संवाद डेवेलप करें जो मिजाज़ में नम्र हो मगर अमल में प्रभावी हो.
इस पहल के लिए ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ सादर, अंजना (गुड़िया)
इस अभियान को हमें और भी आगे बढाना है, इन्टरनेट के आगे, शहरों के बाहर, गाँव में, बीहड़ इलाकों में, क्यूंकि शिक्षित और सशक्त नारी सच्चे विकास की पहचान है और उसकी स्थिरता की गारंटी है. चाहे हम जहाँ भी हों, हम भी इस प्रक्रिया में अपना योगदान बड़ी सरलता से दे सकते हैं. यानि की निरक्षर (चाहे औरत हो या मर्द) को लिखना-पढना सिखा के, उन्हें उनके अधिकारों के या उन्हें उनकी और उनके परिवार की सेहत के बारे में जानकारी देकर.
अधिकार, वो भी महिला का, अक्सर विवाद का विषय बन जाता है. अगर पति अच्छे हों तो अधिकार स्वयं ही मिल जाते हैं मगर अगर पति और परिवार घर की स्त्री को अधिकार और सम्मान न दे तो स्त्री की जानकारी धरी की धरी रह जाती है. इसीलिए हम ब्लॉगर महिलायों का ये कर्त्तव्य भी बनता है की हम अधिकारों के बारे में एसा संवाद डेवेलप करें जो मिजाज़ में नम्र हो मगर अमल में प्रभावी हो.
इस पहल के लिए ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ सादर, अंजना (गुड़िया)
अंजना (गुडिया) के विचार बहुत सकारात्मक लगे ,
ReplyDeleteनारी-शक्ति हेतु इसी जाग्रति व प्रेरणा की आज बहुत जरुरत है .
मिलकर करें प्रयास हमें परिवर्तन लाना है ,
यदि हो गए उदास नहीं कुछ होना जाना है.
सत संकल्पों का साहस लेकर हम आगे आयें ,
ज्ञान यज्ञ की ले मशाल हम जन-जन तक जाएँ .
पुनः जगा उत्साह , लक्ष्य पाकर दिखलाना है ,
दुश्चिन्तन के विष से अब उनको मुक्ति दिलाना है.
अलका मधुसूदन पटेल ,लेखिका-साहित्यकार
बहुत अच्छे विचार.इस ब्लॉग की सबसे अच्छी बात जो मुझे लगती है वो यह कि ये स्त्री सम्बंधी मुददों पर साहित्यिक बहस के बजाय एक आम महिला के अनुभव को सामने लाने और उसके नजरिये से समाज को जानने का जरिया है.साथ ही यहाँ उन सभी मुद्दों को भी उठाया जाता है जिन पर ज्यादातर लोग पॉलिटिकली करैक्ट बने रहने के लिए बात ही नहीं करना चाहते.खासकर के रचना जी के प्रयास इस दिशा में बहुत सकारात्मक रहे हैं.
ReplyDeleteशायद आपकी ये पहली पोस्ट है.इस पर सिर्फ इतना ही कहना चाहूँगा कि लडकियों को अपने अधिकारो के प्रति इस हद तक जागरुक होना चाहिये कि पति के अच्छे या बुरे होने की चिंता बीच में ही न आये मतलब वो खुद ही सक्षम बने.शुभकामनाएँ.
Skaratmak pahal....
ReplyDeleteबहुत आची पहल है .... अंजना (गुडिया) विचार हमें अच्छे लगे
ReplyDeletewelcom to naari blog anjana
ReplyDeletekeep writing and KEEP IMPLEMENTING
सार्थक पहल्………स्वागत है।
ReplyDelete@आज नारी ने काफी तर्रकी की है और यह ब्लॉग उसका ही एक प्रमाण है. बहुत अच्छा लगता है ये देख कर की यहाँ इतनी सारी महिलायें एकत्रित हुई हैं, तरह तरह के विषयों पर अपनी बात दिल खोल के कहने के लिए
ReplyDeleteहाँ ये बात तो है ..मैं भी सहमत हूँ ....मुझे ये ब्लॉग सचमुच ब्लॉग जगत की चुनिन्दा उपलब्धियों में से एक लगता है ...अभी पोस्ट में दिया गया वीडियो नहीं देख पाया हूँ
मेरी ओर से भी ढेर सारी शुभकामनाएं
सादर
~~~गौरव~~~