यौन व्यापार को प्रतिबंधित क्यूँ नहीं किया जा सकता ??
क्या केवल इस लिये क्युकी यौन व्यापार को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता हैं उसको मान्यता दी जाने की पेशकश हैं ??
कौन लोग हैं जो मासूम लड़कियों से यौन व्यापार करवाते हैं ? { यहाँ उनको छोड़ दे जो लडकिया अपने फायदे / गैर जरुरी जरुरतो को पूरा करने के लिये ये काम करती हैं }
यौन व्यापार मे ग्राहक कौन हैं ??? क्या उस ग्राहक पर प्रतिबन्ध लग सकता हैं ??
उस पर अगर प्रतिबन्ध नहीं लग सकता तो जिनका वो शोषण करता हैं उनके शोषण को व्यापार की मान्यता अगर दे दी जाती हैं तो कम सा कम शोषण बंद होगा .
लोग विदेशो की बात करते हैं वहाँ तो एक कॉल गर्ल भी रेप का चार्ज अगर लगा देती हैं तो “ग्राहक ” को उसको “मुआवजा ” देना पड़ता हैं .
अगर बच्चा होता हैं और कॉल गर्ल डी अन ऐ टेस्ट के जरिये पिता का पता करती हैं तो पिता को बच्चे का खर्चा भी देना होता है और “मुआवजा” भी
हमारे यहाँ पुरुष जो करे वो सब जयाज और स्वीकार्य हैं । कुछ साल से कानून मे बदलाव आये हैं जो शोषित महिला के हितो की रक्षा हेतु हैं । अगर १८ वर्ष की आयु से कम की लड़की को रेप किया जाए , उस को यौन व्यापर मे डाला जाए तो जो भी ये करता हैं/ करवाता हैं उसको आजीवन कारावास हो वो भी फास्ट कोर्ट से . तब ही जा कर ये सब बहस ख़तम हो सकती है
औरतो के हितो की बातो को संस्कृति के नाम पर कब तक नकारते रहेगे . भारतीये संस्कृति मे अगर औरत को देवी मान कर दासी माना जाता हैं तो ये सब जो हो रहा हैं शायद उसी सोच का नतीजा हैं .
अगर स्त्री पुरुष समानता को हमारी संस्कृति मानती तो आज ये “यौन व्यापार ” नाम की चीज़ ही ना होती । अगर यौन व्यापार जैसी चीज़ ना होती तो उसको मान्यता देने कि बात ना उठती । मात्र मान्यता दे देने से हम भारतीये संस्कृति से पाश्चात्य संस्कृति कि तरफ नहीं जा रहे हैं हां हम भारतीये संस्कृति के इतिहास को नये कानून लगा कर और सुसंकृत करने के प्रयास मे हैं ।
हम जितनी जल्दी समानता कि बात करेगे और लायेगे
हम जितनी जल्दी नारी शोषण को समझेगे और जेंडर बायस को मिटाने के लिये अग्रसर होगे उतनी जल्दी हम समाज को बेहतर बनायेगे ।
नारी विषयों पर कुछ अच्छी पोस्ट
आप से सहमति है।
ReplyDeleteGood post! Any steps that ensure the rights of the little children and women who are stuck in sex trade are welcome. Not only their rights in terms of health and finances but also in terms of dignity and respect.
ReplyDeleteरचना जी, सुरुआत यूं करुंगा कि वैसे तो मैं आपके इस ब्लोग पर एक लम्बे समय से नही आया, इसलिये जिस मुद्दे को मैं इस टिप्प्णी मे उठाने जा रहा हूं उसके बारे मे मुझे नही मालूम कि वह मुद्दा आपके ब्लोग पर उठा अथवा नही, आज चुंकि इस लेख का लिंक मेरे ब्लोग पर मौजूद था अत: उस पर क्लिक कर यहा तक पहुंचा हूं।
ReplyDeleteइसमे कोई सन्देह नही कि इन सब बुराइयों का जिम्मेदार हमारा मूछ्धारी समाज ही है, किन्तु महिला समाज खासकर वह समाज जो पढ लिख गया है,और दो वक्त की इज्जत की रोटी खा पाने मे सक्षम है, वह भी उतना ही दोषी है,महिलाऒ के प्रति अपराधो के निरन्तर बढने के लिये।
शायद अभी कुछ दिन पहले की इस खबर से आप भी वाकिफ़ होंगी जिसमे हरियाणा के कौंग्रेस के एक विधायक ने अपनी बेटी/बेटे की शादी दो अरब रुप्ये खर्च करके की । दहेज मे हैलीकाप्टर और यहां तक कि एक नाई को भी बाल बनाने के ढाइ लाख रुप्ये मिले। हमारे समाज ने इसको बहुत हल्के मे लिया, किसी ने अगर इस पर तल्ख टिप्पणी भी की होगी तो यह कहा कि उसके पास राजा और कलमाडी की तरह चोरी का माल पडा होगा...... लेकिन किसी ने यह नही सोचा कि पहले से दहेज की कुरीतियों मे फंसे हमारे इस समाज मे आगे आने वाले वक्त मे इस घटना से महिलाऒ को( खासकर नई दुल हनों को ) दहेज के एक और राक्षस से जूझ्ना पडेगा। बात-बात पर हुंकार भरने वाली महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती गिरिजा व्यास क्या सिर्फ़ इस लिये खामोश है कि मामला एक कंग्रेस के नेता का है ? अन्य महिला संगठ्नो ने क्यों नही इसका पुरजोर विरोध किया?
महिला दिवस पर दुनिया एवंग बिशेष तौर पर भारतीय महिला वर्ग को बहुत सारी शुभ कामनाये ! हर देश में अपराध से जूझने के लिए अपने कानून , समय - समय पर फेर बदल होकर बनते ही रहते है ! जो इस तरह के ब्याभिचार में लिप्त है वे समाज के दुश्मन और हे के पात्र है ! कानून इन्हें रोकने में सक्षम नहीं है, अतः सामाजिक तौर पर कार्यवाही जरूरी है ! जो इस में लिप्त है , वे भी हमारे मध्य में ही रहते है ! हमें दोषियों के अंग -भंग करने होंगे , जैसा के अरब देशो में होता है .! चिंता जनक और गहरा नासूर !धन्यवाद !मेरे ब्लॉग पर भी पधारे ,कृपया चुपके से न जाये ! कुछ टिपण्णी भी दे ?
ReplyDeleteपोस्ट की भावना से सहमत! आप सभी को महिला दिवस मुबारक!
ReplyDeleteआज मंगलवार 8 मार्च 2011 के
ReplyDeleteमहत्वपूर्ण दिन "अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस" के मोके पर देश व दुनिया की समस्त महिला ब्लोगर्स को "सुगना फाऊंडेशन जोधपुर "और "आज का आगरा" की ओर हार्दिक शुभकामनाएँ.. आपका आपना
बिल्कुल सही कहा आपने रचना जी.वैसे एक बात आपने बडी शानदार कही कि देह व्यापार को केवल मान्यता देने से ही हम पश्चिम की तरफ नहीं जा रहे.लेकिन लोग अपनी तरफ तो देखना ही नहीं चाहते.ये सब पुरुष के लम्पट व्यवहार का नतीजा है.वैसे आज के दिन तो आपकी कोई कविता भी आनी चाहिये थी.
ReplyDeleteइस ब्लॉग ने अपना एक अलग स्थान बनाया है आशा है कि आपका ये सफर आगे भी यूँ ही जारी रहेगा.मेरी ओर से इस ब्लॉग की सभी सदस्यों को महिला दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएँ.
बहुत ही सुन्दर ।
ReplyDeleteअच्छी भावनायें हैं..
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