
धीरे धीरे ही सही प्रिंट मीडिया मे उन ब्लोग्स का जिक्र होने लगा हैं जिन मे महिलाए निरंतर
अपने विचार रख रही हैं ।रंजना की कविताए जितनी सुंदर और भावः पूर्ण हैं उनका लेखन भी उतना ही सारगर्भित होता हैं ।
रंजना को बधाई और मनविंदर जी का आभार की हिन्दी ब्लॉग जगत मे नारी के योगदान को निरंतर प्रिंट मीडिया मे छाप रही हैं ।
फैज का एक शेर है,बोल के लबआजाद हैं तेरे,बोल ये थोड़ा वक्त बहुत है,जिस्मो जबान की मौत से पहले,स्त्री हितेषी इस ब्लॉग हेतु अनंत शुभकामनायें
ReplyDeleteरचना जी !
ReplyDeleteरंजना जी का काव्यसंग्रह "साया" के बारे में आपके सौजन्य से ही जान पाया, बहुत अच्छी रचनाएँ हैं ! हिन्दी जगत के लिए उनके योगदान, महिलाओं के लिए एक उदाहरण होना चाहिए !
बहुत अच्छा लगा। आपके लेखन को लोग पहचाने लगे हैं। हमारी शुभकामनाएं आपके साथ है। अब तो रंजू जी पार्टी बनती है।
ReplyDeleteसतीश जी किस दिन रंजना की जिन्दगी के उन पहलुओ पर जरुर लिखूँगी जो वाकई किसी भी नारी के लिये प्रेरणा हो सकते ही .
ReplyDeleteआप को "साया " पसंद आयी थैंक्स मेहनत सार्थक हुई सम्भव हो तो एक समीक्षा कर दे हमारे कविता ब्लॉग के लिये . जितने लोगो तो ये पुस्तक पहुचे उतना अच्छा हैं .
रंजना दीदी मेरी शुभ कामनाएं सदैव आपके साथ हैं...काव्यसंग्रह साया के लिये आपको अनेकों बधाईयाँ...
ReplyDeleteरंजनाजी,,आपके लेखन से तो हम शुरु से ही प्रभावित रहे हैं...साया कविता संग्रह की बहुत बहुत बधाई..रचना, समय समय पर आप ब्लॉगजगत का समाचार देती रहती है..इसके लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ...
ReplyDeletewah wah kya baat hai !itni achchee khabar!--dil khush ho gaya!--Ranjana ji bahut bahut bahut badhayee!--hindi blogs ko charcha mein lane ke liye manvinder ji ka bhi abhaar-
ReplyDelete-Ranjana ji ki kavitayen jan-jan tak pahunchen-yehi meri shubh kamnaa hai.
Ranjana ji Ab jaldi se party ka intzaam kijeeye--hum sab aa rahe hain :)--Abhar sahit-Alpana
आप सबको हमारी वधाई.
ReplyDeleteमुझे बहुत ही अच्छा लगा । आपको बहुत-बहुत बधाई हो ।
ReplyDelete