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नारी संघर्ष के ये दो सशक्त चेहरे हैं। म्यांमार की क्रांतिकारी नेता आंग सांग सू की और दूसरी मणिपुर की आंदोलनकारी इरोम शर्मिला। म्यांमार की सू की ने सैन्य सरकार के खिलाफ़ लोकतंत्र बहाली का बिगुल फूंक रखा है। ज़िंदगी का एक बड़ा हिस्सा नज़रबंदी में बीता, वो अब भी अपने घर में ही नज़रबंद हैं।
दूसरा चित्र इरोम शर्मिला का है जो मणिपुर की आंदोलनकारी है। पूर्वोत्तर में सेना की बर्बरता और सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून जिसका सैनिक बेजा फायदा उठाते रहे, को रद्द करने की मांग को लेकर साल 2000 से आमरण अनशन पर हैं। एक क्रांतिकारी महिला के सैनिकों द्वारा बलात्कार के बाद इंफाल में असम राइफल्स के मुख्यालय के सामने उन्होंने नग्न होकर प्रदर्शन किया, बैनर पर लिखा था, भारतीय सेना आओ हमसे बलात्कार करो।
दृढ़ इच्छाशक्ति और संघर्ष के ये दो चेहरे। कई बार मैं इनके बारे में सोचती हूं तो दहल जाती हूं। इनके बारे में मैं ज्यादा नहीं लिख सकती। इनकी नाम सुन भर लेना या इनकी तस्वीरों को देख लेना ही एक पूरा आंदोलन देखने जैसा है।
is pahal ka swagat hai.
ReplyDeleteबेहतरीन कोशिश है...
ReplyDeleteदृढ़ इच्छाशक्ति और संघर्ष के ये दो चेहरे। कई बार मैं इनके बारे में सोचती हूं तो दहल जाती हूं। इनके बारे में मैं ज्यादा नहीं लिख सकती। इनकी नाम सुन भर लेना या इनकी तस्वीरों को देख लेना ही एक पूरा आंदोलन देखने जैसा है।
ReplyDeletebikul sehmati haen aap ki baat sae
in chritro sae parichay karvaaney kae thanks
ये दो चेहरे तो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हैं. कस्बाई स्तर और प्रादेशिक स्तर पर भी ऎसी बहुत सी महिलाओं के उदहारण हैं. आपको पूरा विवरण एक-दो दिनों में भेजूंगा. अपने ब्लॉग पर भी पोस्ट करूंगा. वैसे यही और ऐसे ही उदहारण ही नारी को शक्तिशाली बना सकते हैं. बधाई...........प्रयास सराहनीय है.
ReplyDeleteये दो चेहरे तो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हैं. कस्बाई स्तर और प्रादेशिक स्तर पर भी ऎसी बहुत सी महिलाओं के उदहारण हैं. आपको पूरा विवरण एक-दो दिनों में भेजूंगा. अपने ब्लॉग पर भी पोस्ट करूंगा. वैसे यही और ऐसे ही उदहारण ही नारी को शक्तिशाली बना सकते हैं. बधाई...........प्रयास सराहनीय है.
ReplyDeleteइन दोनों महिलाओं को मेरा अभिनंदन
ReplyDeleteअन्याय के ख़िलाफ़ संघर्षरत इन नारियों को वधाई.
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