नई दिल्ली (एसएनबी)। यह दो बहनों की बहादुरी ही थी कि गोली लगने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लूटपाट करने आए दो बदमाशों में से एक बदमाश को पकड़े रखा। बाद में गांव वालों ने बदमाश की अच्छी तरह खबर लेने के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना में घायल दोनों बहनों को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां एक की हालत गंभीर हैै।पुलिस के अनुसार मयूर विहार थाना क्षेत्र के अंतर्गत चिल्ला गांव में आज सुबह सवा छह बजे दो सगी बहने सुदेश(20 वर्ष) और संतोष (35 वर्ष) उपले पाथने जा रही थीं। अभी दोनों घर से सौ कदम की दूरी पर स्थित बिजली घर के पास ही पहुंची थी कि पल्सर मोटरसाइकिल सवार दो युवक वहां आए।। संतोष को काफी गहने पहने देख कर युवक वहां रूक गए। एक युवक ने संतोष के गले से सोने की चेन झपट ली तथा अन्य गहने भी झपटने लगा इस बीच सुदेश ने उसे पकड़ लिया। इस पर उस बदमाश ने अपने साथी को दोनों बहनों पर गोली चलाने को कहा। दूसरे बदमाश ने पहली गोली हवा में चलाई मगर जब दोनों नहीं डरी तो उसने एक गोली सुदेश पर चलाई जिसके छर्रे उसे लगे, इसके बावजूद जब सुदेश ने पकड़े हुए बदमाश को नहीं छोड़ा तो उसने तीसरी गोली चलाई जो संतोष के हाथ को छूते हुए उसकी छाती में जा लगी। इस बीच शोर-शराब सुनकर कई गांव वाले और सुदेश के दोनों भाई संजय व ज्ञानेंद्र घर से बाहर आ गए। यह देख दूसरा बदमाश वहां से फरार हो गया लेकिन दोनों बहनों ने पकड़े हुए बदमाश को नहीं छोड़ा। गांव वालों ने पकड़े हुए बदमाश को जमकर पीटा। साथ ही घटना की जानकारी पुलिस को भी दे दी। दोनों घायल बहनों को तुरंत लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया जहां से सुदेश को छुट्टी दे दी गयी जबकि संतोष की हालत चिंता जनक होने के चलते उसे होली फैमिली अस्पताल ले जाया गया। पुलिस के अनुसार पकड़े गए बदमाश की पहचान उमेश(35) के रूप में की गई है। पुलिस उमेश के साथी संजय के बारे में पूछताछ कर रही है एवं उसे पकड़ने के लिए कई जगहों पर छापे मारी कर रही है। उल्लेखनीय है कि संतोष शादीशुदा है और उसके पति गजराज सेना में कार्यरत हैं। इस समय अपने तीन बच्चों के साथ मायके आई हुई है। पूरा गांव दोनों बहनों की इस बहादुरी पर नाज कर रहा है और हर एक की जुबान पर यही बात है कि जान की परवाह किए बगैर दोनों ने बदमाश को धर दबोचा। इसे होनी ही कहेंगे की संतोष मंगलवार को सोहना(हरियाणा) स्थित अपनी ससुराल जा रही थी लेकिन भाइयों से उसे रोक लिया। पुलिस भी संतोष और सुदेश की बहादुरी की दाद दे रही है।
लिंक प्रेषित किया दिनेशराय द्विवेदी, कोटा, राजस्थान, भारत
समाचार आभार राष्ट्रीय सहारा
संतोष और सुदेश की हिम्मत काबिले तारीफ है।
ReplyDeleteयही बहादुरी मिसाल है नारी के उस साहस की जो बताता है कि नारी अब कमजोर नही रही
ReplyDeleteइस तरह की खबरो का आना यक़ीनन एक बढ़िया बात है... आजकी नारी स्वयं को अबला नही समझती है.. उनमे पर्याप्त जोश और सूझबूझ नज़र आती है.. जो की होनी भी चाहिए.. दोनो बहादुर बहनो को हमारी और से बधाई.. उमीद है और भी कई लोग इन बहनो से प्रेरणा लेंगे..
ReplyDeletedono behno ki sujh bujh aur bahaduri ko salam.
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