नारी ब्लॉग सक्रियता ५ अप्रैल २००८ -से अब तक
पढ़ा गया १०७५६४ फोलोवर ४२५ सदस्य ६०
पढ़ा गया १०७५६४ फोलोवर ४२५ सदस्य ६०
नारी को अपने अस्तित्व को सिद्ध करते करते युगों गुजर गए नहीं तो वह दोयम दर्जे का जीवन जीने के लिए ही बनाई गयी समझी जाती रही है। आज वह जिस स्थिति में आई वह भी कितने प्रतिशत इसका आकलन अभी बाकी है क्योंकि जब भी उसके कदम आगे बढे उसके कदमों को गलत रास्ते पर चलते हुए सिद्ध करने के लिए सैकड़ों हाथ खड़े हो जाते हैं। हमारा "नारी ब्लॉग " भी तीन वर्ष के सफर को पूरा करते एक स्थापित ब्लॉग के रूप में जाना जा रहा है। इसको यहाँ तक लाने में अपने सम्पूर्ण समर्पण से प्रतिबद्ध 'रचना ' रही हैं। इसके लिए वे प्रथमतः बधाई की पात्र हैं।
ये सफर भी बहुत ही आसान नहीं रहा है। इसमें प्रकाशित हर लेख पर और एक एक शब्द को पकड़कर उसका पोस्ट मार्टम करने वाले टिप्पणीकारों की कमी नहीं रही हैइ किन्तु अपने पैरोंतले जमीन तलाशता यह ब्लॉग ऐसे अंधड़ों से खुद को बचाते हुए आगे बढ़ता रहा। वह दिन भी मुझे याद है की जब इसके २०० समर्थक पूरे होने वाले थे और जैसे ही २०० संख्या पूर्ण हो कोई सदस्य उसमें से हट जाए और संख्या पुनः१९८ -१९९ पर अटक जाए। मैंने इस बात को बहुत देर तक देखा और आखिर में खुद को ही समर्थक में डाल कर उसकी संख्या २०० की । आज हम ४०० से ऊपर समर्थकों के साथ अपना सफर आज भी जारी किये हैं । एक दिन वह भी आया जब की रचना ने कहा की हम नारी ब्लॉग बंद करने जा रहे हैं तब काफी सदस्यों ने उसे इसके लिए मना किया और आज नारी ब्लॉग अपने सफर में आगे बढ़ता ही जा रहा है।
इसके हर लेख को सभी लोगों के द्वारा बड़ी ही बारीकी से पढ़ा जाता रहा है क्योंकि इसमें मिलने वाली टिप्पणियां इस बात की द्योतक हैंकि इसको आलोचना का शिकार बनाने में कितने इच्छुक लोग हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि कुछ स्वयं को प्रबुद्ध, लोकप्रिय और स्थापित लेखक और कवि कहने वाले महानुभावों ने इसके लेखो के विषय के सिर्फ कुछ शब्दों को लेकर अश्लीलता की सारी सीमायें तोड़ते हुए ऐसी रचना रची की उसको उनके मानसिक दिवालियेपन का प्रतीक मान कर आलोचना की गयी। सिर्फ आधी आबादी ने ही नहीं बल्कि शेष आधी आबादी के कुछ लोगों को छोड़ कर उसकी भर्त्सना की गयी।
खैर ये तो जीवन के कुछ पक्ष -- चाहे लेखन हो या जीवन जहाँ भी लीक से हटा कर उसने चलने कि कोशिश कीसबसे पहले आलोचना कि शिकार हुई लेकिन जब आसमान छूने लगी तो सराही गयी। ये धरती पर चलकरआसमान छूने वाली आधी आबादी का ब्लॉग है और इसके सतत प्रकाशन से इसकी शक्ति को आँका जा सकता है। इसके प्रकाशन ने ब्लॉग जगत की दृष्टि को अपनी ओर आकर्षित किया है तो ये इसका सौभाग्य है।
हम अपनी सभी उपलब्धियों पर गर्व करते हुए इसकी तीसरी वर्षगाँठ पर सभी सदस्यों और समर्थकों सहित अपनेसुधी पाठकों का अभिनन्दन करना चाहेंगे जिनके सतत सहयोग से ही नारी आज इस मुकाम पर आ खड़ी हुई है। भविष्य में भी इसी तरह से आपके सहयोग कि अपेक्षा करती हूँ।
tumane hamesha aagey badh kar saath diyaa haen har uthal puthal mae
ReplyDeleteshukriyaa aur badhaii
संवेदनशील ...यथार्थ.... बहुत बढ़िया....
ReplyDeleteVivek Jain vivj2000.blogspot.com
बिलकुल सही कहा कई बार लेखो में लिखे शब्दों को पकड़ कर लोग बैठ जाते है उसमे लिखने के अर्थो को कही पीछे छोड़ देते है | शब्द केवल शब्द नहीं होते है न उनका केवल एक अर्थ होता है वो कई जगह अलग अलग रूपों में प्रयोग किये जाते है कही सीधे उसी अर्थो में तो कही प्रतीकात्मक पर सिर्फ आलोचना करने वालो को ये बात समझ नहीं आती है |
ReplyDeleteबहुत बढ़िया....आगे बढ़ो और अपनी बात को दुनिया तक पहुचाओ ।
ReplyDeleteरेखाजी वटवृक्ष है नारी ब्लॉग के लिए |ऐसी ही बनी रहे और मार्गदर्शन करती रहे |
ReplyDeleteबधाई
नारी ब्लोग की गरिमा हमेशा बनी रहे।
ReplyDeleteरेखा जी ने बहुत अच्छा लिखा है.आपका सफर यूँ ही जारी रहे.
ReplyDeletenaari sakti ko mera namaskaar bahoot achha likha hai
ReplyDeleteशोभनाजी से सहमत....आपको भी यह सफर मुबारक हो..
ReplyDeleteआप लोगों का बहुत बहुत धन्यवाद जो इतना सम्मान दिया. हम सब एक हैं लड़ना हमें सामाजिक विसंगतियों के खिलाफ है स्त्री या पुरुष के खिलाफ नहीं.
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