ये नारी ब्लॉग की ४९९ पोस्ट हैं । ५०० वी पोस्ट से इस लोग को बाइलिन्गुअल किया जा रहा हैं यानी अब सदस्य हिन्दी और इंग्लिश दोनों मे पोस्ट लिख सकेगे । पोस्ट की हेअडिंग भी इंग्लिश और हिन्दी दोनों मे होगी । नारी ब्लॉग की कोशिश होती हैं की हम नारी को ज्यादा से ज्यादा जानकारी उपलब्ध करा सके इस ब्लॉग के जरिये ।
बहुत सी ऐसी रूढ़ियाँ हैं समाज की जिनको केवल और केवल नारी इस लिये स्वीकार कर लेती हैं क्युकी उसको बचपन से यही सिखाया जाता हैं की "इग्नोर करो , ये सब लड़कियों को सहना ही पड़ता हैं " । नारी की इस "कन्दीशनिंग " के ख़िलाफ़ हमारी मुहीम नारी ब्लॉग पर आगे आने वाली पोस्ट होगी ।
पिछले एक हफ्ते से राठोर का रुचिका molestation केस और ऍन डी तिवारी का सेक्स स्कैंडल मीडिया मे छाए रहे । ये दोनों व्यक्ति सीनियर सिटिज़न हैं , हमारे समाज मे एक पुलिस मे ऊँचे पड़ पर हैं तो दूसरा गवर्नर हैं यानी महिमा मंडित हैं । क्यूँ उनको महिमा मंडित किया गया क्युकी उन्होने नारी के खिलाफ जो किया उसको समाज "एक मामूली बात " मानता हैं और नारी को , उसके व्यवहार को , उसकी सोच को , उसके वस्त्रो को " नारी के साथ हुए "यौन शौषण " के लिये जिम्मेदार मानता हैं ।
नारी का शरीर पुरूष की वासना तुष्टि के लिये बना हैं चाहे नारी चाहे या ना चाहे उसको इस बात के ख़िलाफ़ आवाज नहीं उठानी चाहिये । अगर उठायेगी तो मरेगी { जैसे १४ साल की रुचिका मर गयी और ४८ साल का राठोर आज ६७ साल का हो कर मुस्करा रहा हैं } ।
नारी ब्लॉग के जरिये हम हर बार नारी को जाग्रत करने की कोशिश करते हैं की ग़लत के खिलाफ आवाज उठाओ , अपनी आवाज को टंकार बनाओ ताकि लोग समझे की अब हमको ये सब मंजूर नहीं हैं । ग़लत को इग्नोर कर के आज हम यहाँ पहुचे हैं , ग़लत का साथ देकर आज हम यहाँ पहुचे की आज भी हम अपनी बच्चियों को गलियों मे घुमते दरिंदो से बचा लेते हैं लेकिन उन संभ्रांत पढ़े लिखे , सुसंस्कृत भेड़ियों से नहीं बचा पते जो हमारे अपने घरो मे हैं ।
नारी की सबसे बड़ी गलती हैं की वो नारी के साथ नहीं होती वो होती हैं पुरूष के साथ ये जानते हुए भी वो पुरूष चाहे उसके पिता हैं , या पति , या भाई या बेटा लेकिन किसी और नारी का " यौन शोषण " उसने किया हैं ।
बहुत सी नारियां तो इन बातो को अपने जीवन का हिस्सा ही मानती हैं क्युकी उनको पता नहीं हैं की ये एक प्रकार की हिंसा हैं उनके प्रति , उनकी बेटी के प्रति या किसी और नारी के प्रति ।
नारी ब्लॉग पर हम कोशिश करेगे की ये बात उन नारियों तक पहुचे और वो भी अपना विरोध दर्ज करे ।
नारी ब्लॉग पर जो भी महिला सदस्यता ले कर यौन शोषण के खिलाफ कुछ भी लिखना चाहती हैं अपना संपर्क सूत्र दे । आप हिन्दी या इंग्लिश दोनों मे लिख सकती हैं । आप से निवेदन हैं की जो भी रिपोर्ट इस ब्लॉग पर डाली जाए उनको पढे ताकि आप को ज्ञान हो सके की आप के साथ जो व्यवहार होता हैं , आप के ऊपर जो लोग टीका , टिप्पणी करते है वो सब अगर यौनिक हैं तो ग़लत हैं ।
सभी पाठको का धन्यवाद
रचना
सूत्रधार नारी ब्लॉग
" जिसने घुटन से अपनी आज़ादी ख़ुद अर्जित की " "The Indian Woman Has Arrived " एक कोशिश नारी को "जगाने की " , एक आवाहन कि नारी और नर को समान अधिकार हैं और लिंगभेद / जेंडर के आधार पर किया हुआ अधिकारों का बंटवारा गलत हैं और अब गैर कानूनी और असंवैधानिक भी . बंटवारा केवल क्षमता आधारित सही होता है
नारी ब्लॉग को रचना ने ५ अप्रैल २००८ को बनाया था
हिन्दी ब्लोगिंग का पहला कम्युनिटी ब्लॉग जिस पर केवल महिला ब्लॉगर ब्लॉग पोस्ट करती हैं ।
यहाँ महिला की उपलब्धि भी हैं , महिला की कमजोरी भी और समाज के रुढ़िवादि संस्कारों का नारी पर असर कितना और क्यों ? हम वहीलिख रहे हैं जो हम को मिला हैं या बहुत ने भोगा हैं । कई बार प्रश्न किया जा रहा हैं कि अगर आप को अलग लाइन नहीं चाहिये तो अलग ब्लॉग क्यूँ ??इसका उत्तर हैं कि " नारी " ब्लॉग एक कम्युनिटी ब्लॉग हैं जिस की सदस्या नारी हैं जो ब्लॉग लिखती हैं । ये केवल एक सम्मिलित प्रयास हैं अपनी बात को समाज तक पहुचाने का ।
15th august 2011
नारी ब्लॉग हिंदी ब्लॉग जगत का पहला ब्लॉग था जहां महिला ब्लोगर ही लिखती थी
२००८-२०११ के दौरान ये ब्लॉग एक साझा मंच था महिला ब्लोगर का जो नारी सशक्तिकरण की पक्षधर थी और जो ये मानती थी की नारी अपने आप में पूर्ण हैं . इस मंच पर बहुत से महिला को मैने यानी रचना ने जोड़ा और बहुत सी इसको पढ़ कर खुद जुड़ी . इस पर जितना लिखा गया वो सब आज भी उतना ही सही हैं जितना जब लिखा गया .
१५ अगस्त २०११ से ये ब्लॉग साझा मंच नहीं रहा . पुरानी पोस्ट और कमेन्ट नहीं मिटाये गए हैं और ब्लॉग आर्कईव में पढ़े जा सकते हैं .
नारी उपलब्धियों की कहानिया बदस्तूर जारी हैं और नारी सशक्तिकरण की रहा पर असंख्य महिला "घुटन से अपनी आज़ादी खुद अर्जित कर रही हैं " इस ब्लॉग पर आयी कुछ पोस्ट / उनके अंश कई जगह कॉपी कर के अदल बदल कर लिख दिये गये हैं . बिना लिंक या आभार दिये क़ोई बात नहीं यही हमारी सोच का सही होना सिद्ध करता हैं
15th august 2012
१५ अगस्त २०१२ से ये ब्लॉग साझा मंच फिर हो गया हैं क़ोई भी महिला इस से जुड़ कर अपने विचार बाँट सकती हैं
15th august 2011
नारी ब्लॉग हिंदी ब्लॉग जगत का पहला ब्लॉग था जहां महिला ब्लोगर ही लिखती थी
२००८-२०११ के दौरान ये ब्लॉग एक साझा मंच था महिला ब्लोगर का जो नारी सशक्तिकरण की पक्षधर थी और जो ये मानती थी की नारी अपने आप में पूर्ण हैं . इस मंच पर बहुत से महिला को मैने यानी रचना ने जोड़ा और बहुत सी इसको पढ़ कर खुद जुड़ी . इस पर जितना लिखा गया वो सब आज भी उतना ही सही हैं जितना जब लिखा गया .
१५ अगस्त २०११ से ये ब्लॉग साझा मंच नहीं रहा . पुरानी पोस्ट और कमेन्ट नहीं मिटाये गए हैं और ब्लॉग आर्कईव में पढ़े जा सकते हैं .
नारी उपलब्धियों की कहानिया बदस्तूर जारी हैं और नारी सशक्तिकरण की रहा पर असंख्य महिला "घुटन से अपनी आज़ादी खुद अर्जित कर रही हैं " इस ब्लॉग पर आयी कुछ पोस्ट / उनके अंश कई जगह कॉपी कर के अदल बदल कर लिख दिये गये हैं . बिना लिंक या आभार दिये क़ोई बात नहीं यही हमारी सोच का सही होना सिद्ध करता हैं
15th august 2012
१५ अगस्त २०१२ से ये ब्लॉग साझा मंच फिर हो गया हैं क़ोई भी महिला इस से जुड़ कर अपने विचार बाँट सकती हैं
"नारी" ब्लॉग
"नारी" ब्लॉग को ब्लॉग जगत की नारियों ने इसलिये शुरू किया ताकि वह नारियाँ जो सक्षम हैं नेट पर लिखने मे वह अपने शब्दों के रास्ते उन बातो पर भी लिखे जो समय समय पर उन्हे तकलीफ देती रहीं हैं । यहाँ कोई रेवोलुशन या आन्दोलन नहीं हो रहा हैं ... यहाँ बात हो रही हैं उन नारियों की जिन्होंने अपने सपनो को पूरा किया हैं किसी ना किसी तरह । कभी लड़ कर , कभी लिख कर , कभी शादी कर के , कभी तलाक ले कर । किसी का भी रास्ता आसन नहीं रहा हैं । उस रास्ते पर मिले अनुभवो को बांटने की कोशिश हैं "नारी " और उस रास्ते पर हुई समस्याओ के नए समाधान खोजने की कोशिश हैं " नारी " । अपनी स्वतंत्रता को जीने की कोशिश , अपनी सम्पूर्णता मे डूबने की कोशिश और अपनी सार्थकता को समझने की कोशिश ।
" नारी जिसने घुटन से अपनी आज़ादी ख़ुद अर्जित की "
हाँ आज ये संख्या बहुत नहीं हैं पर कम भी नहीं हैं । कुछ को मै जानती हूँ कुछ को आप । और आप ख़ुद भी किसी कि प्रेरणा हो सकती । कुछ ऐसा तों जरुर किया हैं आपने भी उसे बाटें । हर वह काम जो आप ने सम्पूर्णता से किया हो और करके अपनी जिन्दगी को जिया हो । जरुरी है जीना जिन्दगी को , काटना नही । और सम्पूर्णता से जीना , वो सम्पूर्णता जो केवल आप अपने आप को दे सकती हैं । जरुरी नहीं हैं की आप कमाती हो , जरुरी नहीं है की आप नियमित लिखती हो । केवल इतना जरुरी हैं की आप जो भी करती हो पूरी सच्चाई से करती हो , खुश हो कर करती हो । हर वो काम जो आप करती हैं आप का काम हैं बस जरुरी इतना हैं की समय पर आप अपने लिये भी समय निकालती हो और जिन्दगी को जीती हो ।
नारी ब्लॉग को रचना ने ५ अप्रैल २००८ को बनाया था
December 27, 2009
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पांच सौवीं पोस्ट के लिए अग्रिम बधाई। इस पोस्ट को बाइलिंगुअल करना चाहती हैं? अच्छा शायद यह हो कि एक अलग ब्लाग अंग्रेज़ी में ही बना लें। सुझाव पात्र है :)
ReplyDeleteापका प्रयास बहुत अच्छा है धन्यवाद और शुभकामनायें
ReplyDelete500 पोस्ट का आँकडा छूने के लिये बधाई देना तो भूल ही गयी। आपको बहुत बहुत बधाई
ReplyDelete@ cmpershad
ReplyDeletea bilungual blog is what i want so that is what i will go ahead and do .
मैं यही कहूँगी की हम जैसे अनपढ़ों को ख़ुशी होती अगर सिर्फ हिंदी में पोस्टें होती..चलिए कोई बात नही आपका ब्लॉग है आप कोई जनमत संग्रह तो करा नही रहीं...सूचना दे रही हैं....अगली पोस्ट के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteBadhi safalta k lia. Mana kuch darinde hai jo NARI ka shoshan kar rahe hai lekin jo larkiya kam kapre pahan kar larko ka shoshan kar rahi hai us par aap kya kahegi.
ReplyDeletelarkiyo me BHARATIYA SHABHYATA kaha raha gaye hai.larkiyo ke vashtra ghat rahe hai larko ke nhi sach to ye hai ki LARKIYA LARKO KA KHULE TAUR SE YAUN SHOSHAN KAR RAHI HAI,LARKE KAHA KAR PA RAHE HAI LARKE TO BAS INHE DEKH-DEKH KAR PAGAL HO RAHE HAI.
IS mudde par aap kya kahati hai. Ham aapki pratikriya ka intajar kar rahe hai.
VIPIN YOGI
MO.08081680882
रचना जी,
ReplyDeleteहम सभी की तरफ़ से सभी को बधाई. कल की पोस्ट लम्बी थी, इसलिये मैंने उसे सेव कर लिया था. अभी आधा ही पढ़ पायी हूँ. आपका कहना बिल्कुल सही है कि हम हमेशा इग्नोर करते रहते हैं, इसीलिये बात इतनी आगे बढ़ जाती है. नारी ब्लॉग को बाइलिन्गुअल करने के आपके निर्णय का मैं अनुमोदन करती हूँ.
550 वीं पोस्ट की बधाई । बाइलिंगुअल करना अच्छा निर्णय है । लेकिन अँग्रेजी में वही लिखें जो हिन्दी में नहीं लिख सकतीं । ऐसा सुझाव है ।
ReplyDeleteबधाई एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteनारी ब्लॉग कि सब पोस्ट शुरू से आखिर तक पढ़ ले आप को पता लग जायेगा बीस विषय पर नारी क्या चाहती हैं । और इस दक्यिनुसी सोच से ऊपर उठाए , कब तक पुरुष के biological disorder सिद्ध करते रहेगे आप VIPIN YOGI
ReplyDeleteहमारा मुद्दा इंग्लिश हिंदी भाषा का नहीं हैं हमारा मुद्दा नारी कि जागृति हैं और दोनों भाषा मे लिखने से इस ब्लॉग को ज्यादा पाठक मिलेगे यानी ज्यादा लोगो तक हम अपनी बात पंहुचा सकेगे और ज्यादा लोग राय दे सकेगे ।
ReplyDeleteनारी के सदस्यों को बहुत बधाई ! बाइ लिंगुअल होना एक स्वागतयोग्य कदम है।
ReplyDeleteबधाई एवं शुभकामनाएँ.
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