"जाने क्या बात हुई" नाम हैं कलर्स चैनल पर शुरू हुए नए धारावाहिक का । इस धारावाहिक के बारे मे इस लिये नारी ब्लॉग पर लिख रही हूँ क्योकि इस सीरियल मे कुछ ऐसा दिखा जो पहले टीवी पर किसी भी सीरियल मे इतनी गंभीरता से नहीं दिखाया गया हैं ।
इस धारावाहिक मे दिखाया हैं की कैसे एक पुरूष अपनी पत्नी के होते हुए भी दूसरी औरत से सम्बन्ध बनाता हैं । अब शायद आप सोचेगे इसमे नया क्या हैं , सब धारावाहिक यही सब दिखाते हैं । लेकिन नहीं बात ये नहीं हैं . इस सीरियल को जो एपिसोड मैने देखा उस मे दिखाया गया की दो पीढियों मे एक ही समस्या हैं ।
कहानी की नायिका हैं अनुराधा और अनुराधा को पति हैं शैलेन्द्र जिसके शारीरिक सम्बन्ध हैं अपनी ऑफिस मे काम कर रही मेनेजर के साथ ।
शैलेन्द्र की माँ के साथ भी शैलेन्द्र के पिता ने वही किया था जो शैलेन्द्र अपनी पत्नी के साथ कर रहा हैं । शैलेन्द्र के माता पिता साथ रहते हैं एक ही छत के नीचे और " the ideal husband wife happily married " का नाटक सालो से निभा रहे हैं । शैलेन्द्र की माँ ने उसके पिता की "गलती !!!" को माफ़ नहीं किया , भूली भी नहीं और घर परिवार बचाने के लिये साथ रही !!!!!
लेकिन अंत क्या हुआ इस परिवार को बचाने का, शादी को निभाने का जबकि वर्तमान मे उनके परिवार का लड़का भी वही कर रहा हैं । यानी पिता की "गलती" को दोहरा रहा हैं ।
जो भी लोग ये सोचते हैं की शादी को बचाने से परिवार बच जाता हैं उनको ये धारावाहिक जरुर देखना चाहिये , एक कड़वा और घिनोना सच कि एक बार शादी मे दरार आजाये तो वो कभी नहीं भरती और जिन बच्चो के लिये आप ग़लत आदमी /औरत के साथ रहते रहते हैं वो बच्चे , बड़े हो कर , निर्भीक हो कर वही काम करते हैं क्यों कि उनको ये पता हैं कि शादी तो कभी टूटेगी ही नहीं । वो जानते हैं कि सामजिक दबाव के चलते शादी अपने आप निभ जाएगी । !! ।
आगे क्या दिखाया जाएगा पता नहीं पर अब धारावाहिक मे भी कुछ सच दिखाया जा रहा हैं । हो सकता हैं कुछ चेतना आए लोगो मे और लोग गलत जगह रह कर गलतियां करने कि जगह अपनी जिन्दगी को सही तरीके से दुबारा शुरू करने कि सोचे ।
बहुत सोचने वाली बात है । ऐसे में न शादी निभाना सरल है न तोडना ।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
ठीक कह रही हैं आप।
ReplyDeleteदेखते है जी एंड क्या होता है ...अभी एक एक आम बात ही लग रही है ..इस तरह की खबर तो अब मैं न्यूज़ में भी सुनते हैं
ReplyDeleterachana ,
ReplyDeleteaapne mere dil ki baat cheen li hai.....raat mai bhi yahi soch rahi thi......
बड़ा पेचीदा मामला है। घुघूती जी ठीक कह रही हैं
ReplyDeleteये निभाना ही तो एक नारी कि फिदरत है और उसका ही फायदा उठाया जाता रहा है. कहते हैं न कि इतिहास स्वयं को दुहराता है. बस वही हुआ न. लेकिन परिवार बचने का यह मतलब नहीं होता है कि खुद को उस आग में झोंक दिया जाय , जिसमें तिलतिल जलकर मरा जाय.
ReplyDeleteअभी एक पत्रिका में पढ़ा था कि उनके पति का अफेयर किसी के साथ है और घर को पूरी तवज्जो देते हैं, लेकिन अब उस से न मिलाने का वादा कर रहे हैं क्या करूँ? यह वादा क्या इतना आसन है, जब पोल खुल गयी तो ये वादा अगर ईमानदार ही होते तो यह नौबत ही क्यों आती? फिर हम पुरुष को ही क्यों दोष दें. जो उसके साथ जुड़ी है क्या नहीं जानती कि इसका परिवार है. सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए खुद को बेच रही है तो वह भी उतनी ही धिक्कार के योग्य है. ऐसे में जिसे सुख और शांति कहते हैं वह किसी को भी नहीं मिलाता है. उधार का जीवन किसको क्या दे सकता है.
आप की टैग लाइन ,जिसने घुटन से खुद आजादी अर्जित की , या फिर घुटन को ही अपनी जिन्दगी मान जीती रहेगी ,।यह देख रहे हैं समाज मे आगेजाने क्या बात हुई.....,
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