इस बार सोचा सब लोग कमेन्ट कर ही ले तब ही लिखू
पहली बात
क्या ये तस्वीर देनी जरुरी थी ?? क्या इस तस्वीर के बिना आप की पोस्ट की महता कम हो जाती ??
तस्वीर हटा दे क्युकी आप जिस मानसिकता के विरोध में पोस्ट दे रहे हैं खुद उसी चीज़ को जाने अनजाने बढ़ावा भी दे रहे हैं .
यहाँ जितने भी कमेन्ट आये हैं क्यूँ उन सब ने इस तस्वीर को हटा ने की बात नहीं की ?? क्या महज इस लिये की बाहर इस से भी ज्यादा हो रहा हैं या इस लिये की आप की पोस्ट पर आपत्ति नहीं दर्ज करनी चाहिये .
सबसे पहले जो गलत हैं जहां भी गलत हैं उसका वहीँ विरोध करे . सुधार तब ही संभव हैं .
दूसरी बात
बोल्डनेस से मतलब क्या हैं ??
आज से पचास साल पहले जब मै पैदा हुई थी माँ बताती हैं की उनको अपनी ससुराल से लोरेटो कॉन्वेंट कॉलेज जहां वो प्राध्यापिका थी साईकिल रिक्शा से जाना होता था . उनके जेठ का सख्त आदेश था की रिक्शा में पर्दा बंधेगा . रिक्शा वाला आता था परदा बंधता था , बहूजी चले कहता था और माँ बाहर आती थी , सिर पर पल्ला लेकर . गली से बाहर आकर पर्दा खोला जाता था .
लोरेटो कॉन्वेंट कॉलेज में प्राध्यापिका होना बोल्डनेस थी और उसको रिक्शा में पर्दा डाल कर कम किया गया था .
आज ५० साल बाद उसी लखनऊ में उन्ही जेठ की बेटी की बहू अपनी ससुराल में बिना पर्दे के रहती हैं और नौकरी भी करती हैं लेकिन बोल्ड नहीं हैं क्युकी वो सूट पहनती हैं हां बराबर के घर की बहूँ बोल्ड हैं क्युकी जींस और टॉप पहनती हैं .
वही जेठ की बेटी की बेटी की शादी जहां हुई हैं सास बड़ी बोल्ड हैं क्यों उसने कहदिया था की उसकी बहू को ज्यादा साडी सूट ना देकर जींस दे क्युकी उसके बेटो को ये पसंद हैं
बोल्ड कुछ नहीं हैं बस एक बदलाव मात्र हैं . नगनता और बोल्डनेस में अंतर होता हैं .
आज से २० साल पहले जब केबल टी वी आया था तब तमाम ऐसे इंग्लिश चॅनल आते थे जिनमे ऍम टी वी प्रमुख था जहां के गानों की नगनता का जिक्र होता था . देखता कौन था हम सब ही ना फिर हमारे यहाँ के फिल्म और टी वी प्रोग्राम वालों को लगा अगर वो खुद ही ये सब दिखाये तो भी दर्शक हैं .
जो तब नहीं देखते थे वो अब भी नहीं देखते .
सीरियल का प्रोमो सबको पहले बता देता हैं की क्या होना हैं क्यूँ टी वी उस दिन देखा ही जाता हैं ? फिर भी लोग देखते और तो और रिपीट भी देखते हैं .
नेट इन्टरनेट इत्यादि कुछ बुरा नहीं हैं बुरा हैं हमारा केवल उस और आकर्षित होना जहा सो काल्ड बोल्डनेस हैं .
फेस बुक इत्यादि सोशल नेट्वोर्किंग साईट , प्रोनो और भी न जाने क्या क्या हैं होने दीजिये ये बोल्ड नेस नहीं हैं ये सब बदलती जीवन चर्या हैं जो हर पीढ़ी में बदल जाती हैं .
कभी शादी के समय घुघट होता था आज चुन्नी सामने होती ही नहीं हैं ?? फैशन को बोल्डनेस ना कहे
फिल्म को देख कर लोग अपनी जीवन शैली बदलते हैं या अब फिल्मे कणटेमप्रोरी जीवन शैली पर बन रही हैं .
औरत की नंगी देह ना पहले नयी थी ना अब हैं फिर भी देखने वाले हैं खुशदीप और जब तक खरीदार हैं इसको रोकना मुश्किल हैं पर आपत्ति दर्ज होती ही रहनी चाहिये
विनम्र आग्रह हैं
चित्र हटा दे
All post are covered under copy right law . Any one who wants to use the content has to take permission of the author before reproducing the post in full or part in blog medium or print medium .Indian Copyright Rules
पहली बात
क्या ये तस्वीर देनी जरुरी थी ?? क्या इस तस्वीर के बिना आप की पोस्ट की महता कम हो जाती ??
तस्वीर हटा दे क्युकी आप जिस मानसिकता के विरोध में पोस्ट दे रहे हैं खुद उसी चीज़ को जाने अनजाने बढ़ावा भी दे रहे हैं .
यहाँ जितने भी कमेन्ट आये हैं क्यूँ उन सब ने इस तस्वीर को हटा ने की बात नहीं की ?? क्या महज इस लिये की बाहर इस से भी ज्यादा हो रहा हैं या इस लिये की आप की पोस्ट पर आपत्ति नहीं दर्ज करनी चाहिये .
सबसे पहले जो गलत हैं जहां भी गलत हैं उसका वहीँ विरोध करे . सुधार तब ही संभव हैं .
दूसरी बात
बोल्डनेस से मतलब क्या हैं ??
आज से पचास साल पहले जब मै पैदा हुई थी माँ बताती हैं की उनको अपनी ससुराल से लोरेटो कॉन्वेंट कॉलेज जहां वो प्राध्यापिका थी साईकिल रिक्शा से जाना होता था . उनके जेठ का सख्त आदेश था की रिक्शा में पर्दा बंधेगा . रिक्शा वाला आता था परदा बंधता था , बहूजी चले कहता था और माँ बाहर आती थी , सिर पर पल्ला लेकर . गली से बाहर आकर पर्दा खोला जाता था .
लोरेटो कॉन्वेंट कॉलेज में प्राध्यापिका होना बोल्डनेस थी और उसको रिक्शा में पर्दा डाल कर कम किया गया था .
आज ५० साल बाद उसी लखनऊ में उन्ही जेठ की बेटी की बहू अपनी ससुराल में बिना पर्दे के रहती हैं और नौकरी भी करती हैं लेकिन बोल्ड नहीं हैं क्युकी वो सूट पहनती हैं हां बराबर के घर की बहूँ बोल्ड हैं क्युकी जींस और टॉप पहनती हैं .
वही जेठ की बेटी की बेटी की शादी जहां हुई हैं सास बड़ी बोल्ड हैं क्यों उसने कहदिया था की उसकी बहू को ज्यादा साडी सूट ना देकर जींस दे क्युकी उसके बेटो को ये पसंद हैं
बोल्ड कुछ नहीं हैं बस एक बदलाव मात्र हैं . नगनता और बोल्डनेस में अंतर होता हैं .
आज से २० साल पहले जब केबल टी वी आया था तब तमाम ऐसे इंग्लिश चॅनल आते थे जिनमे ऍम टी वी प्रमुख था जहां के गानों की नगनता का जिक्र होता था . देखता कौन था हम सब ही ना फिर हमारे यहाँ के फिल्म और टी वी प्रोग्राम वालों को लगा अगर वो खुद ही ये सब दिखाये तो भी दर्शक हैं .
जो तब नहीं देखते थे वो अब भी नहीं देखते .
सीरियल का प्रोमो सबको पहले बता देता हैं की क्या होना हैं क्यूँ टी वी उस दिन देखा ही जाता हैं ? फिर भी लोग देखते और तो और रिपीट भी देखते हैं .
नेट इन्टरनेट इत्यादि कुछ बुरा नहीं हैं बुरा हैं हमारा केवल उस और आकर्षित होना जहा सो काल्ड बोल्डनेस हैं .
फेस बुक इत्यादि सोशल नेट्वोर्किंग साईट , प्रोनो और भी न जाने क्या क्या हैं होने दीजिये ये बोल्ड नेस नहीं हैं ये सब बदलती जीवन चर्या हैं जो हर पीढ़ी में बदल जाती हैं .
कभी शादी के समय घुघट होता था आज चुन्नी सामने होती ही नहीं हैं ?? फैशन को बोल्डनेस ना कहे
फिल्म को देख कर लोग अपनी जीवन शैली बदलते हैं या अब फिल्मे कणटेमप्रोरी जीवन शैली पर बन रही हैं .
औरत की नंगी देह ना पहले नयी थी ना अब हैं फिर भी देखने वाले हैं खुशदीप और जब तक खरीदार हैं इसको रोकना मुश्किल हैं पर आपत्ति दर्ज होती ही रहनी चाहिये
विनम्र आग्रह हैं
चित्र हटा दे
आप रोक सकते हैं अगर आप चाहे तो टी वी पर अश्लीलता .
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राहुल सांकृत्यायन की मेरी जीवन यात्रा के उस भाग में जब वे तिब्बत यात्रा पर थे लिखा है कि वहाँ उन्हों ने बच्चे, जवान, अधेड़ और वृद्ध स्त्री पुरुषों को पूर्णतः निर्वस्त्र अवस्था में एक साथ स्नान करते देखा। यह पाया कि किसी भी देह को उस अवस्था में देख कर किसी को उत्तेजना महसूस न होती थी। उन्हें स्वयं भी नहीं।
ReplyDeleteवस्तुतः सब कुछ समाज और समय सापेक्ष है।
लेकिन जिसे बोल्डनेस कहा जा रहा वह बोल्डनेस नहीं, निरी अश्लीलता है।
बिलकुल यही बात मैने कहीं हैं दिनेश जी की नगनता को बोल्ड ना कहना चाहिये ना मानना चाहिये और अश्लीलता के विरोध में अगर अश्लील चित्र लगा दिये तो विरोध कहा हुआ , एक प्रकार का बढ़ावा ही हुआ
Deleteमुझे अभी तक बोल्डनेस का सही-सही अर्थ नहीं मालूम.
ReplyDelete— कुछ किञ्चित (किंजल्क) वस्त्रों के सेवन को बोल्डनेस ठहराते हैं.
— कुछ बिना श्रम के फूहड़ वाक्यों को कह पाते हैं और उसे अपना बोल्ड स्वरूप बताते हैं.
— कुछ अपने ओवर कांफिडेंस को बोल्डनेस कहते हैं.
— कुछ परस्पर व्यवहार में तू-तड़ाक शैली को अपनाकर बोल्ड होते पाये जाते हैं.
— तो कुछ अपनी लज्जा के क्लीनबोल्ड होने पर ही बोल्डनेस महसूस करते देखे गये हैं.
.......... सच में मुझे बोल्ड का अर्थ नहीं पता. यदि मुझे इसका सही-सही अर्थ पता चल जाये तो मेरे ज्ञान में वृद्धि हो.
श्रम = शर्म
Deletehttp://dictionary.reference.com/browse/bold
Deletehttp://thinkexist.com/dictionary/meaning/bold/
http://www.macmillandictionary.com/dictionary/british/bold
http://dict.hinkhoj.com/words/meaning-of-BOLD-in-hindi.html
प्रतुल
कुछ लिंक उपलब्ध करा दिये हैं
बोल्ड का अर्थ काफी स्पष्ट होता हैं उनसे
http://www.timelessinformation.com/100-ways-to-show-boldness/
Deleteये लिंक बहुत सटीक हैं देखिये प्रतुल बोल्डनेस के ऊपर
मेरी इस पोस्ट के बाद "अदा" की पोस्ट पर भी बोल्डनेस का मतलब समझाया गया हैं जो काफी विस्तार से हैं उसको भी पढ़ा जा सकता हैं इस शब्द का मतलब समझने के लिये
ReplyDeletehttp://swapnamanjusha.blogspot.in/2012/03/bold-and-beautiful.html
आपकी इस बात से सहमत हूँ कि वहाँ वहाँ ऐसी तस्वीर लगाने का कोई मतलब नहीं था.बोल्डनेस को लेकर आपके विचारों से भी सहमत हूँ.अदा जी की पोस्ट भी अच्छी लगी लेकिन यदि महिलाएँ कुछ खास तरीके के कपडे और कुछ खास तरीके से पहनती हैं तो उन्हें बेशर्म बताने से भी मैं सहमत नहीं हूँ.
ReplyDeleteमैं कुछ कुछ इससे मिलते जुलते विषय पर एक पोस्ट लिखने की सोच रहा था.एक दो दिन में समय मिलते ही लिखता हूँ.
मैं माफी चाहता हूँ कि बहुत लेट हो गया लेकिन किसी तरह समय निकालकर ये पोस्ट लिखी हैं आप देख सकते हैं.http://rajansingh2002.blogspot.in/2012/04/blog-post.html
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