नारी ब्लॉग के सदस्यों के नाम की लिस्ट भी संलगन हैं क्युकी
वो ना होते तो हिन्दी ब्लॉग जगत का पहला ब्लॉग जहाँ केवल महिला ब्लॉगर , ब्लॉग पोस्ट करती हैं , भी ना होता । संवाद होता रहा , विवाद होता रहा , सदस्य आते जाते !!! रहे सो ये सूची आप भी देखे ।
नारी ब्लॉग आज एक वर्ष का हुआ । सदस्यों को बधाई ।
सदस्य
सब को अपनी अपनी मंजिल ख़ुद पानी हैं । चलना जरुरी हैं और जरुरी नहीं हैं की एक लाइन मे ही चला जाये । महिला की लाइन का मतलब महिला के लिये अलग लाइन नहीं हैं महिला की लाइन का मतलब केवल बंधी बंधाई लाइन { लीक } हैं जिस पर महिला को चलना ही हैं या होता हैं । मेरा मतलब किसी आरक्षण या कानून से नहीं हैं बल्कि घिसी घिसाई मानसिकता से ऊपर उठ कर चलाना हैं । ये तो सब मानते हैं की महिला के लिये एक लाइन अभी भी बनी हैं .उस लाइन को तोड़ कर बराबरी की बात जो महिला करती हैं वही जिन्दगी मे आगे जाती । विद्रोह व्यक्ति या जाति से नहीं किया जाता हैं , विद्रोह किया जाता हैं समाज मे फैली रुढिवादिता से , दोयम फेलाने वाली मानसिकता से लेकिन किसी भी विद्रोह से पहले अपने पैरो के नीचे की जमीन को देखना जरुरी होता हैं । अगर आप के पैरो के नीचे दलदल हैं तो आप का विद्रोह आप के लिये ही हानिकारक होगा ।
नारी सशक्तिकरण यानी वूमन एम्पोवेर्मेंट मे सबसे जरुरी हैं की हर स्त्री अपने को आर्थिक रूप से स्वतंत्र करे । मेहनत करे और अपनी रोटी ख़ुद कमाए । सिर्फ़ और सिर्फ़ शिक्षा और आर्थिक स्वाबलंबन ही सदियों से जकड़ी औरत को आज़ादी दे सकता हैं ।
हर महिला को आज़ादी हो , अपनी सोच से ये तय करने के लिये वह क्या करना चाहती हैं । और आज़ाद वह होता हैं जो मन से आजाद होता हैं । समाज क्या हैं और कैसे बना हैं ? क्या व्यक्ति समाज को नहीं बनाता ? समाज के नियम देश और काल से बनते बदलते हैं । समाज की सोच समय के साथ बदलती रहती हैं और उस सोच को बदलने मे कुछ व्यक्तियों का ही हाथ होता हैं ।
ये एक बड़े फलक के सवाल है, और एक बड़ी ज़मीन, और बड़ा आसमान माँगते है लेकिन अगर सब अपने अपने हिस्से के सवालो के जवाब खुद खोजे तो उन्हे ज्यादा इंतज़ार नहीं करना होगा की कोई आएगा और उन्हे एक बड़ी जमीन दे जायेगा ।
समूह बनते हैं काम होते हैं समय लगता हैं , पर जिन्दगी बहुत छोटी हैं और कुछ लोग उस जिन्दगी को जीना चाहते हैं काटना नहीं इस इंतज़ार मे की एक दिन सब ठीक हो जायेगा । समाज मे उन व्यक्तियों की हमेशा आलोचना हुई हैं जो लीक पर नहीं चले .
जिस समाज मे औरत की आजादी को ये समझा जाता हैं की वह " आजाद ख्याल यानी स्वछंद हैं " उस समाज से लड़ने बेहतर हैं की हम अपने लेवल पर अपने को आज़ाद करे ।
महिला होने की वजह से मेरी सामाजिक भागेदारी केवल ५०% हैं और अगर मै उस ५०% मेरे अपने जीवन को सम्पूर्ण और सार्थक बना लूँ और किसी एक को भी और "जगा" सकूं तो हम २ नहीं ११ हैं ।
हम समाज से नहीं , समाज हम से हैं । घुटन से आजादी मिलती नहीं अर्जित की जाती हैं और उसे पाने के लिये पाने से पहले बहुत कुछ खोने के लिये भी तैयार रहना होता हैं ।
ग़लत को ना स्वीकारना ,सच बोलना , ग़लत को जानते हुए अपनी सुविधा अनुसार compromise कर लेना और बाद मे आत्म मंथन कर के समाज मे और समाज से स्वतंत्रता का आवाहन केवल एक लाइन पर चलना होता हैं , एक सोच पर चलना होता हैं।
अपनी समस्याओं को हल जो नारी ख़ुद खोज लेगी वो अपने को ही नहीं अपने साथ एक पूरे परिवार , एक पूरे समाज , एक पूरे देश को बदलने की ताकत रखती हैं । ताकत हमारे अंदर होती हैं बस उसको पहचानने की जरुरत हैं ।
समाज मे बदलाव तभी होगा जब समाज मे नियम सबके लिये बराबर होगे और नारी को निरंतर इस बात के लिये प्रगतिशील रहना होगा ।
अगर आप जानना चाहते हैं आपने इस ब्लॉग पर कब और कितनी टिपण्णी दी हैं तो साइड पट्टी मे अपने नाम को क्लीक करके देखे ।
नारी ब्लॉग का जन्मदिन याद दिला रहा हैं मकसद जिस को ले कर सब सदस्य साथ चले । अब किसने कितना उस मकसद को जिया और नहीं जिया तो क्यूँ नहीं जिया ये मै सदस्यों के ऊपर ही छोड़ देती हूँ । व्यक्तिगत रूप से मेरे लिये वो पल बहुत खुशी का होता हैं जब कोई भी महिला मेल भेज कर ब्लॉग से अपने को जोड़ना चाहती हैं ।
जिस पाठक ने भी इस ब्लॉग पर कमेन्ट किया हैं उसको आज थैंक्स कह कर मै नारी ब्लॉग का जन्मदिन माना रही हूँ । मेरी खुशी मे हिस्सा बांटने का वक्त हैं आप सब को निमन्त्रण हैं ।
थैंक्स आप सब को
बहुत बधाई और शुभकामनायें एक वर्ष पूरा होने पर!!
ReplyDeleteएक वर्ष पूरा होने की खुशी में बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ... आशा है 'नारी' ब्लाग निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहेगा।
ReplyDeleteइस एक वर्ष में "नारी" नें बहुत उतार चढाव देखें हैं, बहुत सी बाधायें आयीं और बहुतों ने स्वीकारा लेकिन हिचकिचाहट के साथ! और.... आज ये एक सफ़ल और सहज है.
ReplyDeleteकिंतु नारी अभी उन नारियों तक नहीं पहुँची है जिसकी अपेक्षा आप सभी से है अतः मेरा मानना है कि इसे आम नारी तक पहुँचाकर उसकी आवाज बनायें,जिससे यह एक ब्लॉग न होकर एक विशाल और संगठित मंच बने.
एक साल पूरे होने की हार्दिक बधाई
आप सभी से छोटा
कमलेश मदान
नारी से जुड़े सभी ब्लोगर को बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई सबको ...आपने लिखा बहुत अच्छा है इस पर रचना जी
ReplyDeleteनारी ब्लॉग को सफलतापूर्वक एक वर्ष पूरा करने के लिए बधाई.. हालाँकि ये सफ़र कठिन बहुत रहा..
ReplyDeleteवैसे आज सब लो आपको कमेन्ट देंगे.. जो यहाँ आना मुनासिब नहीं समझते वो भी आयेंगे.. क्योंकि ब्लोगर्स सार्थक टिप्पणियों में विश्वास रखते है... जैसे की बहुत बहुत बधाई आपको..
गिनती जाइये आती रहेगी टिप्पणिया..
नारी हुई एक साल की इस अवसर पर पूरी टीम को बधाईयां और शुभकामनाएं । बढ़ते रहें यूँ ही कदम
ReplyDeleteएक साल सफलता से पूरा करने पर बधाई , कई नई चुनोतियाँ आपके सामने है . नारी या कहे जननी ही स्रष्टि का आधार है .
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई।
ReplyDeletecongrats...
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई सबको ...आपने लिखा बहुत अच्छा है इस पर रचना जी
ReplyDeleteपिछले एक वर्ष में नारी बहुत आगे बढ़ी है, एक साल की हमारी उपलब्धियां कम नहीं हैं, कम से कम सोचने पर मजबूर कर रही है, उन लोगों को भी जिन्होंने कभी सोचा नहीं था कि नारी जुबान भी रखती है और वह भी इतनी तीखी. उन्हें भी जिन्होंने नारी को उत्साहित किया है, अपने हक़ और जमीर को बनाये रखने के लिए.
ReplyDeleteरचना तुम्हारी रचना ने एक नया इतिहास रचा है और आगे भी इसको इसी तरह से अपनी बात दुनियाँ तक पहुँचाने के लिए एक सफल मंच बनी रहेगी. बहुत बहुत बधाई........................
एक वर्ष पूरा होने की खुशी में बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं
ReplyDeleteसभी को बधाई और ढेर सारी सारी शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteआपको व आपकी टीम को बधाई। भविष्य के लिए शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
सभी नारियों को हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteकामना करती हूँ कि
ऐसे अनेकानेक मंच हों जाएँ जहाँ स्त्री की अभिव्यक्ति ,उसका पक्ष ,उसका अनुभव बेबाक लिखा जाता हो !!
*नारी* ब्लॉग की सूत्रधार "रचनाजी एवं आपके सभी सहयोगी सदस्यों" को
ReplyDelete"हिंदी नव संवत्सर" की पूर्व संध्या पर *नारी* के एक वर्ष पूरा होने की
"हार्दिक बधाई व असंख्य शुभकामनाएँ".
श्रंखलाएं हों पगों में ,
गीत गति में है सृजन का,
है कहाँ फुर्सत पलक को ,
नीर बरसाते नयन का,
उठो आगे बढो ,
ये समय है कुछ कर दिखाने का.
स्मरण रहे ,
जब सागर में आये झोंके ,
किसमें ताकत आये रोके,
शोषित सूखी सरिताओं के ,
आहों का अरमान उठा है,
लहरों में तूफ़ान उठा है............
सबको नमन.
*अलका मधुसूदन पटेल*
जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ। मुझे भी आश्चर्य हो रहा है कि आज मैं यहाँ सौवीं टिप्पणी कर रहा हूँ।
ReplyDeleteनारी ब्लाग 6 अप्रेल को आरंभ हुआ था, साल 365 दिन का होता है इसलिए वर्षगांठ तो 6 अप्रेल को ही होगी। पर इस बहाने एक बार और इस ब्लाग को बधाई देने का अवसर मिलेगा।
एक सुझाव दे रहा हूँ यदि माना जाए तो। आप इस ब्लाग को योजना बद्ध तरीके से चलाएँ। रोज घट रही घटनाओं के आधार पर नहीं। क्या बातें किस तरह रखनी हैं? उन्हे पहले से सुनिश्चित कर लिया जाए, तो शायद यह ब्लाग प्रगति के नए सोपान चढ़ेगा। हाँ अचानक घटी घटनाओं पर तो लिखना ही पड़ेगा।
बहुत बधाई और शुभकामनायें !!! सकारात्मक प्रयास सार्थकता पाए .....यही कामना है.
ReplyDeleteCongratulations and best of wishes for future
ReplyDeleteप्रिय रचना व सभी साथियों को हार्दिक शुभकामनाएँ व बधाई।
ReplyDeleteबहुत बधाई और शुभकामनायें....
ReplyDeleteतहे-दिल से बहुत बहुत बधाई, और साथ में सबको यह भी याद करने/दिलाने का वक्त है कि नए रास्ते पर चलने पर आजादी के साथ जिम्मेदारी भी होती है। उम्मीद है, हम सब इसी जिम्मेदारी से आगे बढ़ते रहेंगे। शुभकामनाएं।
ReplyDeleteनारी ब्लॉग के एक वर्ष पूरे होने पर रचना जी और सभी सदस्यों को बधाई और सफलता के नित नए प्रतिमान बनाने की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteअपनी सक्रियता बनाए रखने के लिए "नारी" को ढेर सारी बधाई औऱ शुभकामनाएं।
ReplyDeleteएक वर्ष पूरा होने की खुशी में बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपके चिठ्ठे की चर्चा आज समयचक्र में
समयचक्र: चिठ्ठी चर्चा : एक लाइना में गागर में सागर
कर पदाघत अब मिथ्या के मस्तक पर, सत्यान्वेषण के पथ पर निकलो नारी
ReplyDeleteतुम बहुत दिनो तक बनी दीप कुटिया की
अब बनो क्रांति की ज्वाला की चिंगारी
शुभकामनाएं....बधाई.....
badhai...
ReplyDeleteबधाई.. और शुभकामनाऐं नये बर्ष के लिये.
ReplyDeleteसार्थक...सुविचारित...सुघड़
ReplyDeleteप्रस्तुति की वर्षगाँठ पर
बधाई अंतर्मन से.
==============
चन्द्रकुमार
एक वर्ष पूरा होने पर बहुत बहुत बधाई...अभी तो यह बाल्यावस्था है... और भी कई पड़ाव पार करने हैं जिसके लिए शुभकामनाएँ ..
ReplyDelete!! लाल और बवाल --- जुगलबन...
ReplyDelete• aahuti • baar-baardekho
• girish billore - Google Blo...
• Manish4all
• nitin's Blogs
• SRIJAN
• उड़न तश्तरी ....
• डूबेजी
• बुन्देली-राज़
• मिसफिट Misfit,மிச்பிட்,మిస్...
• शब्द विहंग
• सव्यसाची
• हिन्दी साहित्य संगम जबलपुर
• मेरे मुहल्ले का नुक्कड़
• Meri Rachnaye-Prem Farrukha...
• विवेक रंजन श्रीवास्तव ,
•आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'!!,
यानी हम सभी जबलपुरिया ब्लॉगर'स की शुभ कामनाएं स्वीकारिए
many happy returns of the day. nice blog!
ReplyDeleteनारी ब्लॉग और इसके पूरे परिवार को पहली वर्षगांठ की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.. यह कारवां यूं ही आगे बढ़ता रहे..
ReplyDeleteकई नई चुनोतियाँ आपके सामने है . नारी या कहे जननी ही स्रष्टि का आधार है .एक वर्ष पूरा होने की खुशी में बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ... आशा है 'नारी' ब्लाग निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहेगा।
ReplyDeleteहमारी भी बधाई!
ReplyDeleteमेरी भी बधाई स्वीकारें .
ReplyDeleteसबको धन्यवाद . कुछ अपने अभी भी नहीं आये हैं .
ReplyDeleteलेटलतीफ़ी के लिये क्षमा चाहता हूं। एक सार्थक संघर्ष का एक वर्ष पूरा होने पर हार्दिक बधाई और साधुवाद। मेरी दृष्टि में आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि लोगों को नारी की सामाजिक अवस्थिति के बारे में स्वस्थ वैज्ञानिक संवाद के लिये प्रेरित कर पाना है। इस प्रयास में आपने जिस सैद्धान्तिक दृढ़ता और व्यवहारिक लचीलेपन का प्रमाण दिया है उसके लिये आपकी जितनी प्रशंसा की जाय कम है।
ReplyDeleteबधाई और शुभकामनायें।
ReplyDeleteBAHUT BAHUT BADHAYEE !
ReplyDeletePAHLEE BAR YEHAN AAYA .
YEH PRAYAS AUR ISKA UDDESHY MATRISHAKTI KA AAVAHAN HAI, PRATEEK BHEE.
JAROOREE HAI KI KAREEB KAREEB SAMPOORNA GYANT MANVEEYA ITIHAS ME, POOREE DUNIYA ME FAILE, PURUSH SATTATMAK SAMAJ VYAVASTHA ME BADLAAV HO.ISEE VYAVASTHA ME HEE NAREE KE PRATI SARVKALEEN POORVAGRAH JANYA AAPRADHIKATA KEE JADEN BHEE HAIN.
AUR IS SOCH KO SIRF NIYAM VIDHAN SE HEE NAHEEN BALKI SIKSCHA, SVAVALAMB AUR AVASARON KEE SAMANATA SE HEE BADLA JA SAKTA HAI.
PRAKRITI NE STREE PURUSH KEE BHUMIKAYEN TAY KEE HAIN PAR YAH ROG TO SAMAJ VYAVASTHA KA HAI JAHAN NAREE 'CHOTEE' HOKAR HEE PAIDA HOTEE HAI .'SRISTI' NAREE KARTEE HAI 'VANSH' PURUSH KA CHALTA HAI.
BINA IS SOCH ME BADLAAV KE,MANVEEY SAMAJ VYAVASTHA KA KOYEE BHEE 'SHUBH' SAMBHAV NAHEEN, NA SOCHA JA SAKTA HAI.
POORE SAMAJ ME ' SAMTA , SAMANATA AUR PARASPAR SAMMAN ' KA UDDESH ISKE BINA SAMBHAV NAHEEN.
LEKIN YAH SANGHARSH LAMBA AUR KATHIN HAI. ISLIYE PRAYAS BHEE VAISE HEE KARNA HOGA.
AAP SAB KO PUNAH BADHAYEE AUR MERA NAMAN !
"नारी" एक अच्छा पर्यास है पर बहुत से पुरुष भी हैं जो नारी जागृति और उत्थान के लिए सरगर्म रहे हैं और अब भी हैं.....
ReplyDeleteखैर....एक बार फिर मुबारकबाद स्वीकार करें....!
नारी चेतना को जागृत करने वाला एक अद्भुत ब्लॉग ...बहुत बहुत शुभकामनाएं .
ReplyDeleteनारी से जुड़े सभी ब्लोगर को बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएं
ReplyDeleteरचना जी
ReplyDeleteनमस्कार
देर आयद दुरुस्त आयद वाली कहावत आज मेरे ऊपर सही साबित हो रही है जो कि मैं इतनी देर से" नारी " ब्लॉग पर पहुंची । नारी ब्लॉग के एक वर्ष पूरे होने पर बहुत - बहुत बधाई हो ।
रचनाजी मैं भी आपके इस ब्लॉग से जुडना चाहती हूम , इसके लिए मुझे क्या करना होगा बताईयेगा जरूर । मेरा ई मेल आई डी --shashi.asma@gmail.com