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आज टिपण्णी नहीं साथ चाहिये । इस चित्र को अपने ब्लॉग पोस्ट मे डाले और साथ दे । एक दिन हम सब सिर्फ़ और सिर्फ़ हिन्दी ब्लॉग पर अपना सम्मिलित आक्रोश व्यक्त करे । चित्र आभार
" जिसने घुटन से अपनी आज़ादी ख़ुद अर्जित की " "The Indian Woman Has Arrived " एक कोशिश नारी को "जगाने की " , एक आवाहन कि नारी और नर को समान अधिकार हैं और लिंगभेद / जेंडर के आधार पर किया हुआ अधिकारों का बंटवारा गलत हैं और अब गैर कानूनी और असंवैधानिक भी . बंटवारा केवल क्षमता आधारित सही होता है
हम सब साथ साथ हैं
ReplyDeletebahut umdaa !!!
ReplyDeleteनहीं लगाएंगे यह चित्र, हम अपने ब्लाग में। यह शोक की नहीं, अपने अंदर की आग को सुलगाने का वक्त है।
ReplyDeleteआज के हमले में भी शायद किसी साध्वी, संत या शिष्यों का हाथ होने की आशंका है. (कुछ दिनों में पाटिल एंड कम्पनी की यही रिपोर्ट आने वाली है)
ReplyDeleteद्विवेदी जी से सहमत, किस बात का शोक, दिल में आग और गुस्सा भरना जरूरी है, शोक करने वाले फ़िर कभी ठीक से खड़े नहीं हो पाते, हाथोंहाथ हिसाब करने वाले ही याद रखे जाते हैं… कोई जरूरत नहीं है हमें शोक के सिम्बाल की…
ReplyDeleteआईये हम सब मिलकर विलाप करें
ReplyDeleteये चित्र लगा कर हम अपनी एक जुटता का परिचय दे रहे हैं , yae शोक हैं आक्रोश हैं , हम एक जुट होगे तभी बदल सकेगे
ReplyDeletethis is not the time for a शोक
ReplyDeletewhy are some bloggers encouraging this so much?
they have to participate in a natural anger.
बहुत अच्छा सांकेतिक शोक और आक्रोश रचना जी !
ReplyDelete"लीक पर वो चले जिनके कदम दुर्बल और हारे है" स्वप्नदर्शी को सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की ये पंक्तिया अपने इस ब्लॉग के लिये बहुत ही उपयुक्त लगती हैं
ReplyDeleteयह समय विरोध दर्ज़ करने का है, न कि विलाप व शोक का..
इसी ब्लागपृष्ठ के दायें साइडबार से यह उद्धरण कापी-पेस्ट करने की गु़स्ताख़ी कर रहा हूँ
हमारा शोक विरोध भी लिए है -कुछ लोगों के लिए हर मौका आकादमीय बहस का हो जाता है !
ReplyDeleteहम आपके साथ है.
ReplyDeleteहै वक्त नही ये रोने का
ReplyDeleteये वक्त है 'एक' होने का
हम सब एक है
इस चित्र व प्रतीक के लिये आभार. इसे सारथी पर लगा दिया है -- शोक और आक्रोश.
ReplyDeleteशोक उन निर्दोष परिवारों के लिये जिनके सदस्य मारे गये. शोक उन सिपाहियों के लिये जिनको शहीद होना पडा.
आक्रोश उनके विरुद्ध जो पीठ पीछे देश को छुरा घोंप रहे हैं!!