मिसाल हैं " कांग्रेस कँवर " १३ साल की बालिका जिसने अपने गाँव मे अपनी शादी के खिलाफ आवाज उठाई। वर पक्ष के आने के बाद उसने साहस का परिचय देते हुए १०० नम्बर पर कम्पलेंट कि धमकी से अपना बाल विवाह रोका । इसके लिये उसको २६ जनवरी २००८ को पुरूस्कार से सम्मानित किया गया । पर उससे पहले ये जर्मनी मे जा कर एक सेमिनार मे भी प्रशस्तिपत्र पा चुकी हैं । रास्ता उसने अपना खुद बनाया नहीं इंतज़ार किया की कोई आये और उसे उसकी आज़ादी दे । जाना ही नहीं माना भी उसने की वह आजाद हैं अपने सपने जीने के लिये । पूरी जानकारी के लिये लिंक क्लिक करे ।
और इसे ही कहते हैं
"the indian woman has arrived "
और इसे ही कहते हैं
"the indian woman has arrived "
great, kudos to her
ReplyDeleterachna ji, i accepted your 'Neh Nimantran' because of this little brave child. she knows how to earn her freedom. god bless her.
ReplyDeleteGreat story, courage does not need years of education or higher middle class family or continued coaching of women freedom. Just a little light at the end of tunnel, honesty to oneself and taking risks in life, is all that is required
ReplyDeleteअच्छा चिट्ठा शुरु किया है, बहुत बधाई एवं शुभकामनायें.
ReplyDeleteहर सामान्य आदमी में ये ताकत और हिम्मत छुपी होती है , मगर हम आलसी है जो उसे सोया रहने देते है! जो कोई उसे जगा देता है " कांग्रेस कुंवर " सा हो जाता है !!!
ReplyDeletehats off to her...
ReplyDeleteRachna Ji Thanks for giving me this opportunity ....
JAI HIND!!
Cant we change in to wordpress.com or we can start it on wordpress? Because wordpress is having more options like categories etc....also same way we can do it there?
ReplyDeleteबहुत बधाई उनके साहस को और आपके प्रयास को.वैसे जब जिन्दगी मे मुसीबतें आती है तो साहस ख़ुद सामने आ जाता है.ऐसी परिस्थितियाँ (कम उम्र मे विवाह ) मेरे साथ भी आयी पर मेरी माता के सहयोग और मेरे उग्र विरोध प्रदर्शन के कारण मुझे इनसे निजात मिली
ReplyDeleteइस तरह अगर लडकियां अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने लगें तो एक बराबरी वाले समाज का स्वप्न ज्यादा दूर नहीं है.
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