मिसाल हैं ३२ साल की " पूजा " जिसने अपने पति की मृत्यु के दो साल बाद एक पुत्र को जन्म दिया । कोई नैतिकता का प्रश्न ना उठाये क्योकि उसने अपने पति के वीर्य से ही इस पुत्र रतन को पाया । २००३ मे एक उपचार के तहत उसके पति राजिब के वीर्य को वीर्य बैंक मे रखा गया था । उपचार खत्म होने से पहले ही राजिब की अचानक मौत हो गयी । दो साल पूजा ने बहुत ही घुटन के साथ काटे क्योकि वह राजिब से बहुत प्यार करती थी और फिर एक दिन उसको इस वीर्य बैंक मे रखे वीर्य की याद आयी । उसने तुरंत फैसला लिया की उसको अपने पति का बच्चा चाहिये । डॉ बैद्यनाथ चक्रबर्टी की सहायता से उसने इस बच्चे को जन्म दिया । वकीलों ने भी इस बच्चे को जायज़ माना हैं । पर क्या ये सब इतना आसान रहा होगा पूजा के लिये । समाज मे कितना सुना होगा उसने फिर भी उसने अपनी घुटन से अपनी आजादी ख़ुद अर्जित की ।
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और इसे ही कहते हैं
"The Indian woman has arrived "
Commendable strength displayed by Pooja.
ReplyDeleteabhi-abhi hamari carch isii baat par ho rahii thii ki stri ko ab apana vyaktitv chahiye. maatritv usaka adhikar hai aur yah us par thopa n jaye ki vah apane is adhikar ke upabhog ke lie kise apana maadhyam chunatii hai. poojaa ne apane pati ke viiry se santaan haasil kii. meri nazar mein use apane maatritv kii poorti zyada ahm hai. poojaa sahit any sabhi ko, jo apane astitv kii talaash me lagi hain, is himmat ke liye badhaii v shubh kamana.
ReplyDeletebahut hi achha nirnay tha pooja ka,aur unka sapna saakaar hua,ye aur achhi baat,realy great courage.
ReplyDeleteHats off to Pooja. A precedence has been set. A good step forward.
ReplyDeleteअहा!
ReplyDeleteपूजा के इस साहसी कदम की जितनी तारीफ की जाए कम है. पूजा और जूनियर राजीव को हमारी ढेरों शुभकामनाएँ ..
ReplyDeleteपूजा ने निसंदेह बहुत ही हिम्मत का काम किया है ।
ReplyDeleteपूजा और उसके बेटे को शुभकामनाये।