एक लिंक देखिये
लिंक
पढ़ कर वापस यहाँ जरुर आये
और बताये पढ़ कर क्या महसूस हुआ
वुमन एनाटोमी से ऊपर उठ कर कब भारत / इंडिया / हिंदुस्तान के "मर्द " वुमन ऑटोनोमी को समझेगे .
कितने कानून और अध्यादेश का इंतज़ार अभी और करना होगा ??
कब तक भारत / इंडिया / हिंदुस्तान को यहाँ के "मर्द " शर्मसार करते रहेगे .
अतिथि देव समान शायद तभी होता हैं जब वो पुरुष हो ?
उफ़
आज फिर वही गाना याद आ रहा हैं
औरत ने जन्म दिया मर्दों को
मर्दों ने उसे ......
लिंक
पढ़ कर वापस यहाँ जरुर आये
और बताये पढ़ कर क्या महसूस हुआ
वुमन एनाटोमी से ऊपर उठ कर कब भारत / इंडिया / हिंदुस्तान के "मर्द " वुमन ऑटोनोमी को समझेगे .
कितने कानून और अध्यादेश का इंतज़ार अभी और करना होगा ??
कब तक भारत / इंडिया / हिंदुस्तान को यहाँ के "मर्द " शर्मसार करते रहेगे .
अतिथि देव समान शायद तभी होता हैं जब वो पुरुष हो ?
उफ़
आज फिर वही गाना याद आ रहा हैं
औरत ने जन्म दिया मर्दों को
मर्दों ने उसे ......
उफ़!
ReplyDelete!!!!!!!!!.
देख नहीं सका. हैवान हैं, सीधा खड़ा करके एक्सीक्यूट करने लायक. पूरा सिस्टम दोषी है. इसके बाद भी अगर सालों लग जाये इन्साफ में तो सिस्टम बदलना ही चाहिये.
ReplyDeleteYe mard hain ya Namard?
ReplyDeleteदोनों एक दूसरे के पूरक हैं ...सामांजस्य बैठा कर चलने में ही समझदारी है ..अपने सामान न समझना , बीमार सोच है।
ReplyDeleteतौबा...यकीन नहीं होता कि औरत ऐसे मर्द को जन्म देती है जो हैवान बन कर उसे ही निगलने को तैयार रहता है हर वक्त...समानता का भाव लाने के लिए कौन पहल करेगा....?
ReplyDelete