अल ओ सी पर पकिस्तान ने हमारे 2 फौजी भाई मार दिये और बेहद दर्दनाक मौत दी हैं ये 2003 के सीज फायर कानून का उलंघन हैं .
मेरा सर उन दोनों के नमन में झुका हैं और शर्म से भी झुका हैं की हम अपने जवान फौजियों को बचा नहीं पाते .
क्यूँ हम जवाब में युद्ध नहीं कर रहे ?
कारगिल के शहीद भी युद्ध के शहीद नहीं माने जाते हैं क्युकी युद्ध तो हुआ ही नहीं ?
क्या इस प्रकार से छल कपट से मरने के लिये ही हमने अपनी फ़ौज को अल ओ सी पर तैनात किया हैं .
हम सब तो अपने घर में हैं इस ठण्ड में और वहाँ इनके सर काट कर फौजी को मौत की नींद सुलाया जा रहा हैं
क्यूँ हम सौहार्द की बात करते हैं उस मुल्क से जिसको इस शब्द का मतलब नहीं पता .
मेरा सर उन दोनों के नमन में झुका हैं और शर्म से भी झुका हैं की हम अपने जवान फौजियों को बचा नहीं पाते .
क्यूँ हम जवाब में युद्ध नहीं कर रहे ?
कारगिल के शहीद भी युद्ध के शहीद नहीं माने जाते हैं क्युकी युद्ध तो हुआ ही नहीं ?
क्या इस प्रकार से छल कपट से मरने के लिये ही हमने अपनी फ़ौज को अल ओ सी पर तैनात किया हैं .
हम सब तो अपने घर में हैं इस ठण्ड में और वहाँ इनके सर काट कर फौजी को मौत की नींद सुलाया जा रहा हैं
क्यूँ हम सौहार्द की बात करते हैं उस मुल्क से जिसको इस शब्द का मतलब नहीं पता .
आपका आक्रोश शत प्रतिशत सही है लेकिन क्या हमारे दिल इससे क्षुब्ध नहीं है लेकिन ये राजनीति की घिनौनी चालें मित्रता के नाम पर अपने वीरों की बलि दे रहे हैं . कैसी मित्रता और कैसे पडोसी। अभी तक तो अपने घर में बेटियां होने की दुहाई देकर संवेदना जाहिर कर रहे थे और अब बताएं किस नेता ने सीमा पर अपना बीटा खोया है या फिर सेना में भेज है। वे दर्द क्या जाने?
ReplyDeleteवाकई बहुत ही दुखद है यह घटना..नमन उन शहीदों को !
ReplyDeleteदोनों शहीदों को नमन !
ReplyDeleteजब जब भी भारत पाकिस्तान अपनी दोस्ती की बात करेंगे एक कदम भी आगे बढ़ेंगे पाकिस्तानी सेना और उसके दम पर चल रहे आतंकवादी संगठन और कुछ राजनैतिक दल भी उसे पटरी से उतारने की अपनी चाल भी चलेंगे और इसके लिए उन्हें जो भी करना पड़े करेंगे , वरना गोलीबारी में सैनिको का शहीद होना तो समझ में आता है किन्तु उनका सर कलम करके ले जाना दिखाता है की ये सीधे सीधे भारत को भड़काना है , और दोनों देशो के हालत एक दुसरे के खिलाफ कर देना है ( पहले खबर आई थी की पाकिस्तान ने कहा है की भारत ने उसके एक सैनिक की हत्या की है, निश्चित रूप से पाकिस्तान में भी लोग ऐसी ही भड़के होंगे ) पाकिस्तानी सेना का वजूद ही भारत के विरोध से है उसके साथ युद्ध की हर समय बनी आशंका के साथ है यदि वो ख़त्म हो गया तो पाकिस्तान को सेना और विदेशो से मगाए जा रहे महंगे हथियारों की जरुरत ही क्यों रहेगी । हमें अपने सैनिको को बचाना है तो एक ही रास्ता है वो है की बातचीत कितनी भी चलती रहे किन्तु सीमा और सैनिको की मुस्तैदी में जरा भी फर्क नहीं आना चाहिए पाकिस्तानी सेना पर किसी भी हाल में भरोसा नहीं किया जा सकता है ।
शहीदों को नमन
ReplyDeleteकायर सरकार को धिक्कार
दोनों शहीदों को नमन ...
ReplyDeleteभारत सरकार को धिक्कार है ... : (
यक़ीं नहीं होता कि पाकिस्तान हमारा हमारा ही अंग था।
ReplyDelete