अब कुछ प्रश्न हैं
- अगर लड़की ना बालिग हैं और लड़का बालिग हैं तो ये गुनाह कैसे नहीं हैं ?
- अगर प्यार करने को क़ानूनी मान्यता दी जा रही हैं तो फिर खाप पंचायत के समय ये क्यूँ मान्य नहीं होता ?
- अगर भागने / भगाने को क़ानूनी मान्यता दी जा रही हैं तो हम क्या आगे जा रहे हैं या पीछे क्युकी इतिहास में ये मेंभगा लेजाने वाले और भागने वाले असली प्रेमी और बहादुर माने जाते थे
- सोचने की बात ये भी हैं की कौन सी उम्र के बाद ये माना जाये पुरुष ने जो किया वो बलात्कार था ।
- प्यार को कैसे परिभाषित किया जाए क्युकी अमूमन रेप करने वाले किसी ना किसी से ओब्सेस्सेड होते हैं औररिस्पोंस ना मिलने पर उसका रेप करते हैं , तेजाब डालते हैं
- रेप करने वाले के साथ शादी करवाने की परम्परा भी पुरानी हैं ताकि दोनों खानदानो की इज्जत बची रहे पर क्या
किसी जज को अधिकार हैं वो फैसला दे सके की प्यार में हुआ था बलात्कार इस लिये बलात्कार नहीं हैं , प्यार में ना बालिग को गुमराह करना अपराध नहीं हैं
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Indian Copyright Rules
Rachna,
ReplyDeleteIn similar cases in US, if the girl in question is less than 16 (17 in some states) years of age and the boy/man in question is adult then it is prosecuted as statutory rape.
http://en.wikipedia.org/wiki/Statutory_rape
I don't know the details but something is wrong with that judgment.
Neeraj
मुझे भी ये फैसला सही नहीं लगा.
ReplyDeleteश्श्शश्श्श... भारत में आप भगवान् के विरुद्ध बात कर सकते हैं लेकिन न्याय व्यवस्था पर प्रश्न लगाना उसकी अवमानना है.
ReplyDeleteमैंने भी खबर पढ़ी थी और बिलकुल भी समझ से बाहर था, जब प्यार जैसा कोई मामला होता है तो अक्सर लड़का लड़की घर से भाग कर जाते है और शादी कर घर आ कर माँ बाप से आशर्वाद लेते है या फिर लौटते ही नहीं है जबकि इस केस में लड़की कुछ दिन बाद खुद ही घर अकेले वापस आ गई थी यदि लड़का उसे प्यार करता था तब उसे घर वापस भेजा ही क्यों और दोनों ने तब तक शादी भी नहीं की थी ठीक है लड़की बालिग न होने की वजह से क़ानूनी रूप से शादी नहीं कर सकते थे पर मंदिर आदि में जा कर तो शादी कर ही सकते थे | इस तरह के फैसले दे कर अदालते एक गलत उदाहरन रख रही है ये कही से भी ठीक नहीं है | यदि परिवार शादी करता भी है तो क्या एक १५ साल की नाबालिक लड़की की शादी क़ानूनी रूप से सही होगी | और कल को ये भी हो सकता है कल को लड़कियों से रेप करने वाले उन्हें डरा धमाका के ये कहलवा सकते है की उन्होंने प्यार में एक दुसरे की मर्जी से सम्बन्ध बनाया है तब क्या होगा | ये एक गलत फैसला है जिसका भविष्य में काफी गलत परिणाम होगा |
ReplyDeletestrange case ... agree with anshumala
ReplyDelete@ nishant ji - no - you can approach higher courts LEGALLY if you feel that the lower court judgement is not as per the law - which is how this case sounds .
अदालती फैसलों पर आए दिन उंगलियां यूं ही नहीं उठतीं।
ReplyDeleteनिशांत ने सही बात कही. आप भारत में भगवान पर उंगली उठा सकती हैं, लेकिन न्यायव्यवस्था पर नहीं. न्यायालय के फैसलों का इतिहास उठाकर देख लीजिए, ऐसे फैसले सैकड़ों में मिल जायेंगे. इसके लिए क़ानून ही दोषी है. हमारे यहाँ बाल-विवाह, विवाह के लिए लड़की की उम्र, लड़की की कंसेंट की उम्र वगैरह इतने पेचीदे कानूनों से भरे हैं कि पढ़कर चक्कर आने लगता है.
ReplyDeleteमसलन- हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ (संशोधनों सहित) के अनुसार विवाह के समय दूल्हे की उम्र २१ साल और दुल्हन की १८ साल से अधिक होनी चाहिए" लेकिन किसी भी प्रावधान के अंतर्गत विवाह को गैरकानूनी या रद्द नहीं माना जायेगा.
और ये भी कि अगर दुल्हन की उम्र १८ साल से कम है तो भारतीय दंड संहिता की धारा ३७५ के अपवाद के अनुसार "अपनी ही पत्नी, जिसकी उम्र १५ साल से कम ना हो, के साथ सहवास करना बलात्कार नहीं है"
उपर्युक्त मामले में अभियुक्त ने या तो यह सिद्ध कर दिया होगा कि उसने बाकायदा शादी की है, या फिर प्रतिपक्षी लड़की को नाबालिग नहीं सिद्ध कर पाए होंगे. लड़की की उम्र सिद्ध करना भी एक पेचीदा मामला है क्योंकि कई उच्चन्यायालय इसके लिए हाई स्कूल के प्रमाण पत्र को प्रमाण नहीं मानते.
या फिर बलात्कार ही नहीं सिद्ध हुआ होगा और पीड़ित इस बात से साफ़ मुकर गया होगा कि उसने लड़की के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाए होंगे.
आपको नवरात्रि की ढेरों शुभकामनायें.
ReplyDeletePranam Rchana ji.
ReplyDeleteapne NAARI blog ke madhym se achchha
prashn udhaya hai..
asha
सही कहा आपने ये केसा फैसला है....
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