आज कल वंदना की कविता को लेकर बड़ा हल्ला चल रहा हैं
वंदना ने फेसबुक से एक लिंक उपलब्ध करवाया
लो बोलो इतना हल्ला अपना समय भूल गए लोग लगता हैं
पता नहीं लोग अपने को इतने बड़े बड़े नामो से कैसे खुदी नवाज लेते हैं शायद कुछ कुछ वैसे ही जैसे अपनी मूर्ति खुद ही बनवाना और लगवाना और उसका इनोग्रेशन भी खुद ही करना .
एक और लिंक वंदना ने उपलबब्ध करवाया , वो नहीं दे रही कारण वो भी नहीं बता रही हां वहाँ कुछ उनलोगों का विरोध देखा जो कभी उनसे मेरे ऊपर अश्लील लिखवाते थे , अच्छा लगा उनका विरोध वहाँ देख कर .
वंदना की बस एक गलती लगी , उन्होने कहीं भी केवल एडल्ट का दिस्क्लैमेर नहीं दिया जो की गूगल की नीति हैं .
सबसे बढ़िया बात ये हैं की कुछ महिला केवल इस लिये विरोध करती नज़र आयी क्युकी "नारीवादी " नहीं हैं समाज मे स्वीकार्य और सुंदर बनी रहना चाहती हैं .
ख़ैर समय का बड़ा अभाव हैं वर्ना लम्बी पोस्ट बनती हैं क्युकी विरोध पक्ष में जो खड़े हैं वो कभी वहाँ नहीं दिखते जहां किसी ब्लॉग पर नारी के अश्लील चित्र दिखते हैं , जहां साइंस के नाम पर ना जाने क्या क्या परोसा जाता हैं
चलते चलते वन्दना को एक सन्देश
पढ़े लिखे लोगो के बीच मे हो , इस सब के लिये तैयार रहो आखिर तुमने "नारी की ज़रूरत" जैसे विषय पर कलम चलाई हैं . हम तो समानता की बात ही करते हैं और गाली खाते हैं तुम तो और आगे हो जरुरत की बात करती हो तुमको गाली ना मिले ये संभव ही नहीं हैं .
पुरुष और स्त्री दोनों की भर्त्सना के लिये तैयार रहो और अगली कविता लिखो
All post are covered under copy right law . Any one who wants to use the content has to take permission of the author before reproducing the post in full or part in blog medium or print medium .Indian Copyright Rules
वंदना ने फेसबुक से एक लिंक उपलब्ध करवाया
लो बोलो इतना हल्ला अपना समय भूल गए लोग लगता हैं
पता नहीं लोग अपने को इतने बड़े बड़े नामो से कैसे खुदी नवाज लेते हैं शायद कुछ कुछ वैसे ही जैसे अपनी मूर्ति खुद ही बनवाना और लगवाना और उसका इनोग्रेशन भी खुद ही करना .
एक और लिंक वंदना ने उपलबब्ध करवाया , वो नहीं दे रही कारण वो भी नहीं बता रही हां वहाँ कुछ उनलोगों का विरोध देखा जो कभी उनसे मेरे ऊपर अश्लील लिखवाते थे , अच्छा लगा उनका विरोध वहाँ देख कर .
वंदना की बस एक गलती लगी , उन्होने कहीं भी केवल एडल्ट का दिस्क्लैमेर नहीं दिया जो की गूगल की नीति हैं .
सबसे बढ़िया बात ये हैं की कुछ महिला केवल इस लिये विरोध करती नज़र आयी क्युकी "नारीवादी " नहीं हैं समाज मे स्वीकार्य और सुंदर बनी रहना चाहती हैं .
ख़ैर समय का बड़ा अभाव हैं वर्ना लम्बी पोस्ट बनती हैं क्युकी विरोध पक्ष में जो खड़े हैं वो कभी वहाँ नहीं दिखते जहां किसी ब्लॉग पर नारी के अश्लील चित्र दिखते हैं , जहां साइंस के नाम पर ना जाने क्या क्या परोसा जाता हैं
चलते चलते वन्दना को एक सन्देश
पढ़े लिखे लोगो के बीच मे हो , इस सब के लिये तैयार रहो आखिर तुमने "नारी की ज़रूरत" जैसे विषय पर कलम चलाई हैं . हम तो समानता की बात ही करते हैं और गाली खाते हैं तुम तो और आगे हो जरुरत की बात करती हो तुमको गाली ना मिले ये संभव ही नहीं हैं .
पुरुष और स्त्री दोनों की भर्त्सना के लिये तैयार रहो और अगली कविता लिखो
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