कल जान पहचान की एक लड़की की माँ ने उसकी शादी रुकवा दी .शादी २४ अप्रैल को होनी थी.
कारण
लडके वालो ने दिल्ली के अपने मकान से अपना सारा सामान अपने पुश्तैनी मकान जो देहरादून मे भिजवा दिया और लड़की की माँ को संदेशा दिया की हमने घर खाली कर दिया हैं आप शादी से पहले ही जो देना हैं दे कर सजवा दे अपनी लड़की के लिये . अब लड़की के भाई और पिता दोनों नहीं हैं इस लिये उसके हिस्से का जो हैं वो सब दे दे .
माँ ने कहा हम शादी के बाद तो देगे ही अभी कैसे दे सकते हैं ?? माँ की आवाज ये कहते कहते रोने के लिये भरभराई नहीं हाँ थोड़ी तेज होगयी .
लडके वालो ने आगे बात करने से इनकार कर दिया और जब किसी और ने मध्यस्थता करनी चाही तो उन्होने ने कहा एक तो विधवा ,
ऊपर से कोई लड़का भी नहीं हैं
और इतनी उंची आवाज ,
हम तो फँस ही जाते इनके यहाँ शादी करके , हम तो बच गए .
लड़की के पिता की मृत्यु २ वर्ष पहले हुई थी , लड़की की एक बहिन हैं , दो लडकियां तक़रीबन ५०००० रूपए मासिक तनखा पा रही हैं और बेहद खुबसूरत हैं .
आज लड़की की बड़ी मौसी से बात हुई , वो कह रही थी की उनके भाई यानी लड़की के मामा ने भी लड़की की माँ को दोषी माना और कहा हम बात कर लेते . शादी चाहे ना करते पर बात तो हमे करने दी होती , अब घर में ये सब बात आदमी ही बेहतर करते हैं .
बस आज के लिये इतना ही
All post are covered under copy right law . Any one who wants to use the content has to take permission of the author before reproducing the post in full or part in blog medium or print medium .Indian Copyright Rules
कारण
लडके वालो ने दिल्ली के अपने मकान से अपना सारा सामान अपने पुश्तैनी मकान जो देहरादून मे भिजवा दिया और लड़की की माँ को संदेशा दिया की हमने घर खाली कर दिया हैं आप शादी से पहले ही जो देना हैं दे कर सजवा दे अपनी लड़की के लिये . अब लड़की के भाई और पिता दोनों नहीं हैं इस लिये उसके हिस्से का जो हैं वो सब दे दे .
माँ ने कहा हम शादी के बाद तो देगे ही अभी कैसे दे सकते हैं ?? माँ की आवाज ये कहते कहते रोने के लिये भरभराई नहीं हाँ थोड़ी तेज होगयी .
लडके वालो ने आगे बात करने से इनकार कर दिया और जब किसी और ने मध्यस्थता करनी चाही तो उन्होने ने कहा एक तो विधवा ,
ऊपर से कोई लड़का भी नहीं हैं
और इतनी उंची आवाज ,
हम तो फँस ही जाते इनके यहाँ शादी करके , हम तो बच गए .
लड़की के पिता की मृत्यु २ वर्ष पहले हुई थी , लड़की की एक बहिन हैं , दो लडकियां तक़रीबन ५०००० रूपए मासिक तनखा पा रही हैं और बेहद खुबसूरत हैं .
आज लड़की की बड़ी मौसी से बात हुई , वो कह रही थी की उनके भाई यानी लड़की के मामा ने भी लड़की की माँ को दोषी माना और कहा हम बात कर लेते . शादी चाहे ना करते पर बात तो हमे करने दी होती , अब घर में ये सब बात आदमी ही बेहतर करते हैं .
बस आज के लिये इतना ही
All post are covered under copy right law . Any one who wants to use the content has to take permission of the author before reproducing the post in full or part in blog medium or print medium .Indian Copyright Rules
लड़की की माँ ने ठीक वक्त पर सही निर्णय किया।
ReplyDeleteऐसी घटनाओं का तात्कालिक महत्त्व ही नहीं, बल्कि स्थायी महत्त्व भी है।
ReplyDeleteविधवा होने का मतलब अपनी जिंदगी दूसरों के पास गिरवी रखना नहीं होता.इस स्थिति में किसी महिला की जिंदमी में कुछ समय के लिए थोडा दुख और जिम्मेदारी जरूर बढ जाती है लेकिन अधिकार कम नहीं होते और ये मामा यदि सचमुच अपनी बहन और उसके बच्चों की भलाई चाहता है तो उसे बहन के इस फैसले पर खुश होना चाहिये लेकिन लगता है उसने इसे अपने अहम का विषय बना लिया है.
ReplyDeleteऊफ... किस तरह का लालचिपन पनपता जा रहा है. मै लड़की की माँ के साथ सहमत हू उन्होंने सही फैसला किया !
ReplyDeleteBahut achcha kiya...Aise lalchi logon ko apni beti dena to dur ghar bhi ghusne nahi dena chahiye...phone par baat karo dowry mange bbye karo. Maine yahi kiya hai or karungi.
ReplyDelete