जयपुर से २५० किलोमीटर की दूरी पर कोटा मे केशवपुरा हैं। कुछ दिन पहले वहाँ पर एक ६ साल की बच्ची का बलात्कार ४० साल के आदमी ने किया।
बलात्कार की घटना के बाद बच्ची की जाति के बुजुर्गो ने पुलिस में रपट नहीं लिखाई बल्कि पंचायत बुलाई और पंचायत ने उस आदमी को सजा देने के लिये एक नया तरीका खोजा।
पंचायत ने आदेश दिया की बच्ची की शादी उस आदमी के ८ साल के बेटे से कर दी जाए।
आप को क्या लगता हैं की ये करके किस तरह उस आदमी को सजा मिली ??? आप की समझ में क्या कारण हो सकता हैं की इस निर्णय को उस आदमी के लिये सजा मान लिया गया .
क्या बलात्कारी को सजा ऐसे भी दी जाती हैं ? जिस का बलात्कार हुआ उसको उसकी बहू बनाकर ?? कुछ तो कारण रहा होगा हमारे समाज के पास इस निर्णय को सजा मानने का
बलात्कार की घटना के बाद बच्ची की जाति के बुजुर्गो ने पुलिस में रपट नहीं लिखाई बल्कि पंचायत बुलाई और पंचायत ने उस आदमी को सजा देने के लिये एक नया तरीका खोजा।
पंचायत ने आदेश दिया की बच्ची की शादी उस आदमी के ८ साल के बेटे से कर दी जाए।
आप को क्या लगता हैं की ये करके किस तरह उस आदमी को सजा मिली ??? आप की समझ में क्या कारण हो सकता हैं की इस निर्णय को उस आदमी के लिये सजा मान लिया गया .
क्या बलात्कारी को सजा ऐसे भी दी जाती हैं ? जिस का बलात्कार हुआ उसको उसकी बहू बनाकर ?? कुछ तो कारण रहा होगा हमारे समाज के पास इस निर्णय को सजा मानने का
कैसी बेहूदगी है ये ? किसे सजा दी है उन्होंने ?
ReplyDeleteअमूमन सारी जातीय पंचायते पुरुष प्रभुत्व वाली होती हैं उनमें स्त्रियों की भागीदारी लगभग शून्य होती है अस्तु इस तरह के फैसले एक विशिष्ट तरह की मानसिकता का संकेत देते हैं ! इन एकपक्षीय एकांगी अतार्किक निर्णयों को न्याय नहीं कहा जा सकता !
अली जी आप को क्या लगता हैं इस बेहूदगी के पीछे कारण क्या हैं , किस सोच / मानसिकता के तहत ये निर्णय लिया गया होगा। एक इंग्लिश ब्लॉग पोस्ट पर बड़े सारे कारण लोगो ने इंगित किये हैं मै चाहती थी हम भी कुछ कारण इंगित करे बाद में , उस पोस्ट का लिंक भी दूंगी
Delete@मै चाहती थी हम
Deleteभी कुछ कारण इंगित
करे बाद में , उस
पोस्ट का लिंक
भी दूंगी
कृप्या उस पोस्ट का लिंक भी दें।
@मै चाहती थी हम
Deleteभी कुछ कारण इंगित
करे बाद में , उस
पोस्ट का लिंक
भी दूंगी
कृप्या उस पोस्ट का लिंक भी दें।
राजन आज कल समय कम हैं इस लिये पूरा ट्रांसलेशन नहीं कर सकती हूँ कुछ अंश आप कर सके तो आप उसको यहाँ भी दे सकते हैं लिंक नीचे लगा दिया हैं
Deleteइस पोस्ट को पढने के बाद एक बार फिर महसूस हुआ कि भारत के समाज को अभी पुरुष की प्रभुता से उबरने में अभी सदियाँ लगेंगी। ये निर्णय सिर्फ स्त्री जाती को फिर बहलाने का जरिया था और कुछ नहीं। ऐसा ही कुछ हिंदी सिनेमा में भी दिखाया गया है कई बार की प्रताड़ित लड़की की शादी उसी से ही कर दी गयी जिसने उसका मान हनन किया। यहाँ क्यूंकि लड़की अभी बच्ची थी इसलिए दोषी के बेटे से शादी करने का आदेश दिया गया।
ReplyDeleteघटिया पुरुष मानसिकता का बेहतरीन उदाहरण...
ReplyDeleteजानवर हैं यह लोग !
वैसे तो ये लोग दो दो रुपये के लिए एक दूसरे की जान के प्यासे हो जाते हैं लेकिन महिलाओं के मान सम्मान की कोई परवाह नहीं।ये सजा तो उस बच्ची को दी जा रही है।इन लोगों को खुद ये डर सताता होगा कि कभी खुद हम या हमारे बाप भाई भी न फँस जाएँ इसलिए इस तरह की सजा दी जाती है।पता नहीं और कितने ऐसे मामले रोज देश में घटित हो रहे हैं।यही कारण है कि आज ये दुनिया का सबसे गंदा और गरीब देश बना हुआ है।
ReplyDeleteइस सज़ा की पीछे यह घटिया सोच है कि अब इअ लड़की से शादी कौन करेगा, क्योंकि बलात्कारी खुद अधेड़ है और लड़की के जवान होने के वक़्त तक बुढा हो जाएगा, इसलिए उसके बेटे से शादी कर दी जाए। असल में यह सज़ा लड़की को दी गयी गई, इस घिनौनी सोच के कारण कि वह लड़की है, लड़का होती तो उसका कुछ बिगड़ता ही नही, जैसे कि बलात्कारी का कुछ नहीं बिगड़ा...
ReplyDeleteयह और कुछ नही बल्कि एक पुरुषवादी सोच है।
aise aadmi ko napusnk bana dena chahiye
ReplyDeleteSamajik star girta ja raha hai,
ReplyDeleteuff
ReplyDeleteये तो एक जुर्म हुआ ही।
ReplyDeleteसाथ में पंचायत ने दूसरा भी जुर्म कर लिया
''बाल विवाह'' का
यह कैसी पंचायत .......? जुर्म करने वाले के हाथ में एक तो बच्ची को सोंप दिया और साथ में जुर्म करने का अधिकार भी दे दिया ! उस पंचायत के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए !................सुदेश पोसवाल
ReplyDeleteसमाज की एक कडवी सचाई सामने यह भी आयी औरते आज भी आदमी की गुलाम है और वह इस गुलामी से निकलना भी नही चाहती ! वह आज भी वही बोलती है जो आदमी उनसे बुलवाता है ! उनकी अपनी जुबान होती है परन्तु शब्द नही..... साक्षर होकर भी अपनी बात रखने की हिम्मत नही फिर कैसी साक्षरता ! islie aise apradh badh rhe hai
ReplyDeleteपुरुष को सजा इस लिये हुई क्युकी समाज पुत्र को वंशज मानता हैं और पुत्र की पत्नी को घर की इज्जत और पुत्र घर की इज्जत के साथ साथ घर में दहेज भी लाता हैं
ReplyDeleteअब जिसने बलात्कार किया हैं उसके बेटे से जिसका बलात्कार हुआ उसकी शादी करवा कर पञ्च सोच रहे हैं उन्होने उस बलात्कारी का जीवन बिगाड़ दिया
लिंक http://indianhomemaker.wordpress.com/2013/09/06/heres-why-a-6-year-old-rape-survivor-was-ordered-to-marry-alleged-rapists-8-year-old-son/
सही मायने में अगर देखा जाये तो यह पंचायत इस आदमी की अपनी थी और फैसला करने वाले भी आपने ही लोग थे इसलिए उसके तरफदारी में फैसला हुआ यह फैसला नही अपराध हुआ !यह फैसला मुझे करना होता तो ऐसे आदमियों को गांव से हमेशा के लिए निकाल देना चाहिए !और इसकी जायदाद की चल अचल सम्पत्ति का आधा भाग पीडिता के नाम कर देना चाहिए !
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