किसी भी प्रकार की हिंसा के विरुद्ध अपनी आवाज को उंचा करे . हिंसा के पहले पल को रोकना सबसे जरुरी हैं अन्यथा हिंसा करने वाले को लगता हैं की वो हिंसा से आप को दबा सकता हैं .
नारी के प्रति हिंसा को मिटने के लिये आज विश्व कटिबद्ध हैं . आप भी अपनी आवाज ऊँची करे ताकि लोग आप के अन्दर के आक्रोश को समझ सके और ये जान सके की "हिंसा को सहन " करना नारी की नियति नहीं हैं
नारी के प्रति हिंसा को मिटने के लिये आज विश्व कटिबद्ध हैं . आप भी अपनी आवाज ऊँची करे ताकि लोग आप के अन्दर के आक्रोश को समझ सके और ये जान सके की "हिंसा को सहन " करना नारी की नियति नहीं हैं
सही है. जब तक अन्याय सहा जायेगा, तभी तक किया भी जाता रहेगा ..
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