मैं कनु किसी की बेटी,बहिन ,पत्नी,बहू,सहेली,दोस्त ,हर उस रिश्ते से बंधी हुई जो एक आम भारतीय लड़की की जिंदगी में आता है .एक कंपनी में जनसंपर्क अधिकारी हू.लिखने का शौक है मुझे और इसीलिए ब्लॉग लिखती हू कविताएँ,लेख सब....अपने परिचय में और क्या बताऊ आपको बस इतना समझ लीजिए की आम भारतीय लड़की पर थोड़ी सी अलग हू क्यूंकि में भीड़ का हिस्सा होते हुए भी भीड़ का हिस्सा नहीं हु.अपने अरमानों को पंख देना चाहती हू.........
नारी ब्लॉग देखा तो लगा यहाँ मुझे उन सभी नारियों से मिलने का उनके विचार जानने का मौका मिलेगा जो अपने शब्दों से चित्रकारी करती है मेरे शब्द अभी चित्रकारी जेसे सुन्दर नहीं पर फिर भी कुछ लकीरें खीचने का प्रयास करती हू.अभी तक समसामयिक विषयों पर लिखती आई हू या भावनात्मक कविताएँ लिखती हू पर चाहती हू नारी के लिए कुछ लिखू .
कुछ ऐसा जो मेरे दिल से निकल कर आप लोगो के दिल तक पहुँच सके.....
अपनी ओर से पूरा प्रयास करुँगी....
welcome on naari blog we look forward to reading your views on woman oriented problems and issues
ReplyDeleteu can write on problems of today that woman face and also what solutions you suggest
with love
rachna
thanks rachna ji.
ReplyDeletei will write something related to naari .then will post the same on blog
Swagat hai....Intzar rahega...
ReplyDeleteमैं भी श्रोता भाव से 'नारी सभा' में होने वाले प्रवचन सुनने आया करूँगा. चुपचाप रहूँगा.
ReplyDeleteशुभकामनाएँ कनुप्रिया जी.आपके लेखों का इन्तजार रहेगा.
ReplyDeleteकनुप्रिया जी नारी ब्लॉग पर आप का स्वागत है |
ReplyDeleteसुस्वागतम कनु जी
ReplyDeleteआपका और आपके विचारों का स्वागत है...
ReplyDeletesu-swagatam.........
ReplyDeletesadar.
रचना जी,
ReplyDeleteआपका ब्लाग जगत में स्वागत है । आपके विचारों, रचनाओं को पढ़ने का हम सबको अवसर मिलेगा । युग मानस (युगमानस डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम) में भी आपकी रचनाओं का स्वगत है ।
शभकामनाओं सहित
डॉ. सी. जय शंकर बाबु
डॉ. सी. जय शंकर बाबु
ReplyDeletejii mae to yahaan 2007 sae hun
swagat to kanu priya kaa karey
welcome to you and we will wait for your good thoughts.
ReplyDeleteArhaan
kanu ji aapne kanya bhrun hatya per bahut hi achha likha.lekin iska karan bhi to hamesha se aurat hi rahi kyonki unhe kabi pota to kabhi beta chahiye.aaj jab aurat kuch samajhdar hui to samaj bigad gaya yadi beti paida bhi karein to bada karna kitna muskil hai.kya aaj beti kahi bhi surakhit hai.aapni beti ko gandi najron aur balatkariyon se kaise bachaenge jo pata nhi kis roop main hamare aas paas hi maujood hain.
ReplyDeleteखरी व सही बात लिखी है, किन्तु व्यवहार में लाने की आवश्यकता है.
ReplyDelete@dil ki baat.sahi kaha aapne mahole bigad gaya hai par sakaratmak kadam uthana to honge na.
ReplyDeleteaapki baton se asa laga jese aap apne aas pass ho sare samajik apradhon se dukhi hai par main is baat se katai sahmat nahi hu ki agar samaj bigad raha hai to bacchion ko janm hi na diya jae.ye koi upaay nahi balki samasya hai.sirf janm dene se samasya khatam nahi ho jati na kartavyon ki itishri hogi.balik kartawya aur badehenge par phle phla kadam to uthae raste bante chale jaenge
वाह....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सोच और संकल्प....
ज्ञान दान से बड़ा कोई दान नहीं....किसी एक के जीवन में भी एक पल को सार्थक सकारात्मक कुछ अच्छा जुड़ जाए तो और क्या चाहिए...
जुटी रहो इस पुनीत अभियान में...ईश्वर तुम्हे सफल करेंगे...
शुभाशीष...!!!!
रिश्ते से बंधी kehna galat hoga !!
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