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नख यानी नाख़ून का आकर चंद्रमा में दिख जाता हैं
तब चंद्र्नख बनता है
जब चेहरे का आकर नाख़ून के आकर के जैसा होता हैं तो उसकी तुलना चाँद से कर दी जाती हैं और चाँद कि सुन्दरता उस चेहरा मे देखने वाले उस चंद्र्नखा रख देते हैं
चंद्र्नखा के जब नाक कान कट गए तो उसका चेहरा सूप जैसा दिखने लगा और वो सूर्पनखा /शूर्पणखा कहलाने लगी । सूप यानी जिस से हम गेहूँ इत्यादि फटक कर साफ़ करते हैं । आज कल सूप इत्यादी घरो मे होते ही नहीं हैं सो उनका आकार बहुत लोगो को पता ही नहीं हैं

लेकिन नाम अगर किसी को दिया जाएगा तो उसके नाखुनो के आकर को देख कर नहीं उसके चहरे के आकर को देख कर जो नाख़ून जो चंद्रमा के जैसा सुंदर आकार लिये हुए हैं

सभी चित्र गूगल से लिये हैं
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