कल देश ६९ इंडिपेंडेंस डे मना रहा हैं
६९ साल पहले पूरा परिवार एक साथ रहता था कई पीढ़िया
१९६० के दशक में परिवार से सयुंक्त परिवार खत्म हुआ और एकल परिवार आया यानी माता पिता बच्चे और फिर बेटे का परिवार।
धीरे धीरे परिवार का अर्थ बदला
आज का परिवार कुछ अलग हैं
यहां पुरुष और स्त्री डाइवोर्स के बाद अलग अलग विवाह कर चुके हैं और उनके अपने परिवार हैं लेकिन होली दिवाली सब साथ खाते पीते हैं
पति उसकी दूसरी पत्नी और उसका परिवार
पत्नी उसका दूसरा पति और उसका परिवार
पति के पहली पत्नी के बच्चे , दूसरी पत्नी के बच्चे
पत्नी के पहले पति के बच्चे और दूसरे पति के बच्चे
और अगर बच्चे विवाहित हुए तो उनके परिवार
कहीं कोई मन मुटाव नहीं
फिर सयुंक्त परिवार का विघटन हुआ ही क्यों ??
६९ साल पहले पूरा परिवार एक साथ रहता था कई पीढ़िया
१९६० के दशक में परिवार से सयुंक्त परिवार खत्म हुआ और एकल परिवार आया यानी माता पिता बच्चे और फिर बेटे का परिवार।
धीरे धीरे परिवार का अर्थ बदला
आज का परिवार कुछ अलग हैं
यहां पुरुष और स्त्री डाइवोर्स के बाद अलग अलग विवाह कर चुके हैं और उनके अपने परिवार हैं लेकिन होली दिवाली सब साथ खाते पीते हैं
पति उसकी दूसरी पत्नी और उसका परिवार
पत्नी उसका दूसरा पति और उसका परिवार
पति के पहली पत्नी के बच्चे , दूसरी पत्नी के बच्चे
पत्नी के पहले पति के बच्चे और दूसरे पति के बच्चे
और अगर बच्चे विवाहित हुए तो उनके परिवार
कहीं कोई मन मुटाव नहीं
फिर सयुंक्त परिवार का विघटन हुआ ही क्यों ??
रचना जी, इस तरह के परिवारों और पारम्परिक संयुक्त परिवारों में बहुत फ़र्क है. ये परिवार बस औपचारिक रूप से एक दूसरे से जुड़े हैं. बिना किसी दखलन्दाज़ी या टोकाटाकी के. सो इनका मिलना जुलना चलता रहेगा क्योंकि वैसे भी ये तीज त्यौहार पर ही मिल रहे. जबकि पुराने संयुक्त परिवारों में सास नाम के जीव का बड़ा नकारात्मक रोल रहा है. आज भी है. बहुओं के रहने, पहनने या कहीं भी आने-जाने पर होने वाली बंदिश से बहुएं उकता गयी थीं. फ़िर नौकरी के लिये पति का बाहर जाना संयुक्त परिवार के टूटने का एक बड़ा कारण है ही. सो इन आधुनिक परिवारों से उन पारम्परिक परिवारों की तुलना नहीं की जानी चाहिये.
ReplyDeleteसंयुक्त परिवार की नींव थी कृषि : जब बहुत बहुत खेती होती थी और पूरा परिवार उसी पर जीवन यापन करता था। सारा परिवार एक ही काम में लगा होता था। अलग विकल्प ही नहीं था। जैसे जैसे शिक्षा का प्रचार और प्रसार हुआ तो बच्चे घर से बहार निकले। शादी उनकी पहले ही हो जाती थी और फिर धीरे धीरे शहर की जिंदगी उनको पसंद आने लगी। लड़कियां भी जब पढ़ी लिखी आने लगी तो फिर बंदिशें और जरूरतें भी। जिन परिवारों का उल्लेख लेख में किया गया है वे काम ही होते थे।
ReplyDeleteशिक्षा और घर से बाहर नौकरी करने के कारण ही परिवारों का विघटन हुआ और परिवार के सदस्यों की संख्या भी कम हुई। जो बाहर निकल गए फिर वापस घर में आकर रहने के लिए न आये। फिर यही नौबत हर घर में होने लगी।
nothing is static
ReplyDeletesociety keeps changing
शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteVighatan ho jana hee uchit hai sabke atmanirbhar vikas ke liye...
ReplyDeleteIts a trik of those people who have made a use and throughout.unity means power. United family mean powerful family. Single family -its week. Ye un logo ka kam .Baanto aur raak karo. Isske pariwar ko todna jaruri hai.
ReplyDeleteफायदा उठाना है तो। तोड़ना पडेगा।
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