हिन्दी ब्लोगिंग का पहला कम्युनिटी ब्लॉग जिस पर केवल महिला ब्लॉगर ब्लॉग पोस्ट करती हैं ।
यहाँ महिला की उपलब्धि भी हैं , महिला की कमजोरी भी और समाज के रुढ़िवादि संस्कारों का नारी पर असर कितना और क्यों ? हम वहीलिख रहे हैं जो हम को मिला हैं या बहुत ने भोगा हैं । कई बार प्रश्न किया जा रहा हैं कि अगर आप को अलग लाइन नहीं चाहिये तो अलग ब्लॉग क्यूँ ??इसका उत्तर हैं कि " नारी " ब्लॉग एक कम्युनिटी ब्लॉग हैं जिस की सदस्या नारी हैं जो ब्लॉग लिखती हैं । ये केवल एक सम्मिलित प्रयास हैं अपनी बात को समाज तक पहुचाने का ।
15th august 2011
नारी ब्लॉग हिंदी ब्लॉग जगत का पहला ब्लॉग था जहां महिला ब्लोगर ही लिखती थी
२००८-२०११ के दौरान ये ब्लॉग एक साझा मंच था महिला ब्लोगर का जो नारी सशक्तिकरण की पक्षधर थी और जो ये मानती थी की नारी अपने आप में पूर्ण हैं . इस मंच पर बहुत से महिला को मैने यानी रचना ने जोड़ा और बहुत सी इसको पढ़ कर खुद जुड़ी . इस पर जितना लिखा गया वो सब आज भी उतना ही सही हैं जितना जब लिखा गया .
१५ अगस्त २०११ से ये ब्लॉग साझा मंच नहीं रहा . पुरानी पोस्ट और कमेन्ट नहीं मिटाये गए हैं और ब्लॉग आर्कईव में पढ़े जा सकते हैं .
नारी उपलब्धियों की कहानिया बदस्तूर जारी हैं और नारी सशक्तिकरण की रहा पर असंख्य महिला "घुटन से अपनी आज़ादी खुद अर्जित कर रही हैं " इस ब्लॉग पर आयी कुछ पोस्ट / उनके अंश कई जगह कॉपी कर के अदल बदल कर लिख दिये गये हैं . बिना लिंक या आभार दिये क़ोई बात नहीं यही हमारी सोच का सही होना सिद्ध करता हैं
15th august 2012
१५ अगस्त २०१२ से ये ब्लॉग साझा मंच फिर हो गया हैं क़ोई भी महिला इस से जुड़ कर अपने विचार बाँट सकती हैं
"नारी" ब्लॉग
"नारी" ब्लॉग को ब्लॉग जगत की नारियों ने इसलिये शुरू किया ताकि वह नारियाँ जो सक्षम हैं नेट पर लिखने मे वह अपने शब्दों के रास्ते उन बातो पर भी लिखे जो समय समय पर उन्हे तकलीफ देती रहीं हैं । यहाँ कोई रेवोलुशन या आन्दोलन नहीं हो रहा हैं ... यहाँ बात हो रही हैं उन नारियों की जिन्होंने अपने सपनो को पूरा किया हैं किसी ना किसी तरह । कभी लड़ कर , कभी लिख कर , कभी शादी कर के , कभी तलाक ले कर । किसी का भी रास्ता आसन नहीं रहा हैं । उस रास्ते पर मिले अनुभवो को बांटने की कोशिश हैं "नारी " और उस रास्ते पर हुई समस्याओ के नए समाधान खोजने की कोशिश हैं " नारी " । अपनी स्वतंत्रता को जीने की कोशिश , अपनी सम्पूर्णता मे डूबने की कोशिश और अपनी सार्थकता को समझने की कोशिश ।
एक कोशिश नारी को "जगाने की " --- सफल हुई :) ...बहुत बहुत मुबारक
ReplyDeleteबहुत बहुत मुबारक
ReplyDeleteआपका, शिखा जी का और प्रवीण जी का नाम देखकर मुझे अधिक खुशी हुई थी। सभी को बधाई।
ReplyDeleteABP न्यूज़ की बहुत बढ़िया पहल
ReplyDeleteआपके साथ ही और सभी सम्मानित ब्लोगर्स को हार्दिक बधाई!
बहुत अच्छा लगा ... आपका आभार !!
ReplyDeleteसाब हिन्दी विद्वानों को वधाई !
ReplyDeleteसब को वधाई ! मित्र हिन्दी की पीड़ा काश सबी हिन्दी-विद्वानों को कचोटे !
ReplyDeleteबहुत बधाई रचना !
ReplyDeleteघुघूती बासूती
बहुत बधाई रचना जी ,, आपका काम सराहनीय है ,पढ़कर गुनती रहती हूँ ....आप सतत इतनी ऊर्जा से कार्य करती रहें ..शुभकामनाएँ
ReplyDeleteआप भी तो निरंतर अलख जगाये हैं - बधाई आपको और और उन सब को जिन्हें यह सम्मान मिला है !
ReplyDeleteरचना जी , बहुत बहुत बधाई ,बाकि साथी ब्लॉगर्स के नाम सुनकर भी बहुत प्रसन्नता हुई ...
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई...अन्य सभी विजेताओं को भी
ReplyDeleteपरिचितों को पुरस्कार मिलता है तो मस्तिष्क में सुप्त 'सृजनशीलता' जागकर लेखन व्यायाम में जुट जाती है।
ReplyDeleteपर इस व्यायाम करने के साथ-साथ सूचना संसार की पल-पल की खबर वाली जागृति भी जरूरी है।
पंकज चतुर्वेदी, प्रवीण त्रिवेदी, शशांक द्विवेदी, ________, प्रकाश, शिखा, प्रभात, फ़िरदौस, मुकेश और आप समेत नौ ब्लॉगर्स रचनाकारों को पुरस्कार लेते देखा। दसवाँ कौन है? क्या कोई बेदी तो नहीं ?? :)
सभी को ढेर सारी बधाइयाँ !!
http://abpnews.abplive.in/photos/2014/09/14/article399001.ece/hindi-diwas?slide=10#.VBaSEVeiJ2E
Deleteyae link upar bhi diyaa haen post mae , is mae purae 10 naam haen , :):) aap jaraa sii mehnat karey aur daekhae aur phir wo naam yahaan bhi dae , waese slide number 2 haen
धन्यवाद रचना जी,
Deleteआपके द्वारा दिए लिंक से 'दसवाँ' जो ब्रह्मलीन था, प्रकट हुआ। अजय जी को भी हार्दिक शुभकामनाएँ।
वेदों को धारण करने वाला ही 'वेदी' अर्थात 'ब्रह्मा' होता है। मेरे विनोदी अनुमान को सही माना जा सकता है --'ब्रह्मात्मज' का बलात अर्थ 'वेदी' निकलता है।
इस बार ABP न्यूज़ वालों ने जो विषय पुरस्कार के लिए जरूरी समझे :
वे थे -
१ - पर्यावरण
२ - विज्ञान
३ - समसामयिक विषय
४ - स्कूली शिक्षा और बच्चे
५ - हिंदी साहित्य और समाज
६ - सिनेमा और लाइफ स्टाइल
७ - महिला संबंधी और घरेलू विषय
८ - साहित्य [अलग से]
९ - राजनीति
क्या १०वाँ विषय (श्रेणी) 'महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, अन्याय और हिंसा के प्रतिकारों' वाला बनाया जा सकता है?
पुरस्कार विजेताओं में से अब तक मैंने 'रचना जी' प्रवीण जी' 'फ़िरदौस जी' को पढ़ा है, जो बेमिसाल है। पंकज जी से परिचित हूँ पढ़ा नहीं है, पढ़ना है। वे नेशनल बुक ट्रस्ट से हैं। अब क्योंकि ABP न्यूज़ वालों ने और नाम भी सुझाये हैं अपने पढ़ने के दायरे को बढ़ाने का विचार किया है।
pratul ji
Deletepravishti maangtey samay koi category nahin thee , bas blog submit karna thaa aur samay abhaav kae kaarn kewal 100 submission hi huae they jaesaa news me dikhyaa jaa rahaa thaa
so mujeh nahin lagtaa yae vishay aadharit thaa
Nice Post & Welcome to my blog
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