ये समाचार पढ़िये http://timesofindia.indiatimes.com/city/noida/Woman-locked-up-by-in-laws-for-1-year/articleshow/34067756.cms और बताइये मन में क्या क्या आया।
ये लिंक http://battkuchni.blogspot.in/2014/04/blog-post_18.html पढ़िये और समाचार जो ऊपर पढ़ा हैं उस से जोड़ कर फिर पढ़िये और फिर बताइये मन में क्या क्या आया।
ये फेसबुक टाइम लाइन https://www.facebook.com/mridula.pradhan.5?hc_location=timeline " नारी के उत्थान ,अधिकार और सुरक्षा के लिए ज़रूरी है" देखिये और बताइये क्या लगता हैं
और चलते चलते ये पोस्ट जरूर पढे http://tootifooti.blogspot.in/2014/04/blog-post_21.html ऐसी पोस्ट जरुरी हैं
नारी ब्लॉग को ६ वर्ष हो चुके हैं , सफर जारी हैं ब्लॉग पर नारी को जगाने का
ये लिंक http://battkuchni.blogspot.in/2014/04/blog-post_18.html पढ़िये और समाचार जो ऊपर पढ़ा हैं उस से जोड़ कर फिर पढ़िये और फिर बताइये मन में क्या क्या आया।
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और चलते चलते ये पोस्ट जरूर पढे http://tootifooti.blogspot.in/2014/04/blog-post_21.html ऐसी पोस्ट जरुरी हैं
नारी ब्लॉग को ६ वर्ष हो चुके हैं , सफर जारी हैं ब्लॉग पर नारी को जगाने का
बहुत शुभकामनाये !
ReplyDeletehardik subhkamnayen............karvan chalti rahe..........
ReplyDeletepranam.
निरंतर गतिशील। शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteएक नज़र :- हालात-ए-बयाँ: ''इंसानियत''
काफी समय बाद आपके ब्लॉग पर आना हुआ
ReplyDeleteकाफी कुछ सोचने को मजबूर करती है आपकी पोस्ट
Read both the links. Achcha laga ki aise blog likhe ja rahe hain and dukh hua ki likhne ki kitni adhik avashyakta hai.
ReplyDeleteइस शानदार सफर के लिए आपको व समस्त स्त्री जगत को नमन करता हूं।
ReplyDelete" यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता ।"
ReplyDeleteमनु स्मृति
पहले तो बहुत बहुत शुभकामनांए… और ये लिंक्स पढ़कर अजीब अजीब सा हो गया मेरा तो मन! आवाज़ सिर्फ़ कानों तक ही ना पहुँचे बल्कि दिमाग तक भी जाए, दिल को बदले…कहते ही रहना… लिखते ही रहना होगा तब तक…
ReplyDeleteजिसकी लाठी भैंस उसी की तुम मानो या न मानो ।
ReplyDeleteनारी नहीं बराबर नर के तुम मानो या न मानो ।।
उसे कभी विश्राम नहीं है तीज - तिहार हो या इतवार ।
हाथ बँटाता नहीं है कोई तुम मानो या न मानो ॥
इन्साफ नहीं होता है दफ्तर में भी उसके साथ कभी ।
ज्यादा क़ाम दिया जाता है तुम मानो या न मानो ॥
'शकुन' कोई तरक़ीब बता वह भी जीवन सुख से जी ले ।
जीवन यह अनमोल बहुत है तुम मानो या न मानो ॥