दिल्ली मे एक सड़क दुर्घटना मे एक मंत्री के बेटे कि कार से एक टैक्सी कि टक्कर होती हैं । टैक्सी मे सवार महिला यात्री कि दुर्घटना स्थल पर ही मौत हो जाती हैं , ड्राईवर को अस्पताल मे भर्ती किया जाता हैं । ड्राइवर अस्पताल से गायब हो जाता हैं । टैक्सी एक नामी होटल के स्टैंड से ली गयी थी ।
महिला यात्री के फ़ोन मे तक़रीबन ३५० नंबर पाए जाते हैं ।
पुलिस अब तक महिला कि शिनाख्त मे ना कामयाब हैं ।
हमेशा कि तरह महिला के चरित्र पर संदेह कि उंगलियाँ उठ रही हैं ।
प्रश्न सिर्फ इतना हैं कि क्या महिला के चरित्र ही संदिग्ध हैं क्या इस पूरे सन्दर्भ से जुड़े औरो के चरित्र साफ़ हैं ??
जो इस दुनिया मे नहीं हैं उस पर तो कार्यवाही हो नहीं सकती पर जो हैं क्या उन पर कार्यवाही होनी चाहिये ??
आज कि अपडेट यहाँ
यही तो दुर्भाग्य है देश का... चरित्र उस व्यक्ति का भी उतना ही प्रमाणित या संदिग्ध है जितना कि उस महिला का.... एक बड़े आदमी को बचाने की तमाम कवायदें हैं. चलाकर मारता कोई है और ड्राइवर के नाम मढ़ दिया जाता है...
ReplyDeletenice
ReplyDeleteऔरतों को हमेशा से ही गलत नज़र से देखने की परंपरा है. इस दुखद घटना में अगर महिला का चरित्र गलत भी हो तब भी इस केस से उस बात का क्या लेना-देना? आपकी बात काबिले ग़ौर है.
ReplyDeleteचरित्र जिस के पास होगा उसी का तो संदिग्ध होगा न?
ReplyDeleteटेम्पलेट अच्छा है पर ब्लाग शीर्षक दिखाई नहीं देता उसका रंग हलका करें, टेक्स्ट को पढ़ने में भी परेशानी हो रही है। शीर्षक गहरे करें या फिर पोस्ट बैकग्राउंड के रंग हलके करें।
ReplyDeleteyahi durvaagya hai desh kaa......aapki baat sahi hai....sach to yeh hai ki mahilaon ke pas hi charitra hai, purush to kabka apna charitra kho chukaa hai.
ReplyDeleteदिनेशराय द्विवेदी
ReplyDeletethanks for the feed back on template
have changed the colour of the blog title
others i am waiting for more feedback
regds
अकेली औरत का चरित्र खुद ही संदेह के घ्रेरे में होता है और जब उसके साथ होटल, कार, ढेर सारे फोन नंबर जुड जाएँ तो उसका चरित्र तो ठीक हो ही नहीं सकता... हमारा समाज ऐसा ही है...
ReplyDeleteये नारी का चरित्र संदिग्ध या नहीं , पर उस पुरुष का चरित्र जरूर संदिग्ध लग रहा है जिसके लिए ड्राइवर को गायब किया गया और पुलिस इतने नंबर मिलने के बाद भी उसकी शिनाख्त से इनकार कर रही है. ये हमारा न्याय तंत्र है जिसमें पैसे कि ताकत से फैसले होते हैं - मारता कोई और है और मारने के लिए सजा कोई औरपाता है.
ReplyDeleteइस पर बहस बेकार है - क्या हम कायर हैं कि इसके विरोध में इतनी ऊँची आवाज नहीं उठा सकते कि गगन गूँज जाए.
यहाँ आप बिलकुल सही हैं.. हर बात पर महिलाओं के चरित्र पर अंगुली उठाने वाले खुद की गिरेबां में झांकना भूल जाते हैं..
ReplyDeleteArvind se puri tarah sahmat. ab naye kalewar par~mobile par to bahut sunder lag raha hai.PC par abhi dekha nahi.blog ka sheershak thoda sa bada kar fancy style me likha ja sakta hai.popqt ke sheershak me dark mahroon kaisa rahega? nahi?......koi baat nahi abgi bhi achcha lag raha hai.
ReplyDeletepopqt=post abgi =abhi
ReplyDeletenari ne abhi ek hi kadam badhaya he.aur dusara pair katne ki taiyari ki jati he.mordan kahlanewali nari ki pristhiti to aur bhi kharab he,jisase behtar to jo julm sahti he kam se kam sab uski pida jante to he.chehre pe dusara chehra banakar ji rahi he ek gudiya ki tarah.
ReplyDeleteबिल्कुल रात्रीकालीन सस्पेन्स चैनल की कथा .कातिल कौन और चालक कौन ?
ReplyDeleteपुलिस और कामयाबी !!!!!!!!!!!!!!!!!!
See! Let us not be subjective either ways! Its a part of a Cop's job to look from all possible angles......
ReplyDeleteAt the same time, maligning someone's image specialy when the person concerned has departed is obviously outrageous!
What do you say?
aapse sahmat hoon ji
ReplyDeleteहमारा समाज ऐसा ही है...
ReplyDeleteये चरित्र किस चिड़िया का नाम है ?
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