January 24, 2009

राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर

राष्ट्रीय बालिका दिवस : २४ जनवरी पर विशेष
आज के दिन एक बार सब अपने अपने घरो मे अपनी बेटियों से , पत्नियों से और अपनी माँ से जरुर पूछे की क्या वो समाज मे "बालिका " की "स्थिति और स्थान" से खुश हैं ? एक संवाद कायम करे अपने अपनी घरो मे , एक बहस नहीं एक सार्थक संवाद । जब बात बहस बन जाती हैं तो मुद्दा खो जाता हैं । सार्थक समाज की शुरुवात सार्थक संवाद से हो सकती हैं अपने अपने घरो से राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर । और अपने किये हुए संवाद को यहाँ दे ताकि
किसी को प्ररेणा मिल सके ।

मेरी तरफ़ से सभी महिला को बालिका दिवस की बधाई क्युकी हम सब मे एक बालिका छुपी हैं

6 comments:

  1. sach to sabhi jaante hain magar samaaj ki boodhi parampraayen hi rah ki rukavat hain khaas kar dhej pratha jaise mude jab tak aaj ki uva ladkiyan is ke khilaf nahi uthati tab takbalika divas manaane jese bhav utpan nahi ho sakte

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  2. बहुत बहुत बधाई आपको भी...

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  3. बालिका दिवस की बधाई

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  4. सभी बालिका के सुखद और सम्रद्ध जीवन की मंगल कामना के साथ
    बालिका दिवस की बहुत बहुत बधाई .

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  5. धन्यवाद आपका, मुझे बालिका दिवस के बारे मैं पता ही नही था !
    एक बात मुझे अभी भी खटकती है, क्यों हमारे यहाँ प्रथा है लड़कों के उम्र के लिए उनकी माँ निर-आहार व्रत रखती हैं जब उस घर में उनकी बेटियाँ भी हैं ? क्या बेटी की उम्र की परवाह नहीं ?

    ऋचा

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