April 28, 2013

कुछ ऐसे लिंक जो कमेन्ट मांग रहे हैं और कुछ ऐसे जो आत्म मंथन मांग रहे हैं






आप के लिये चुन दिये अपनी पसंद से

लिंक एक 
लिंक दो 
लिंक तीन 
लिंक चार 
लिंक पांच 
लिंक छे 
 नीचे दिये चित्र सा आभार ब्लोग्स इन मीडिया

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3 comments:

  1. यहाँ छह लिंक एक साथ पढ़ने का मन बना कर जम गए.. दिए हुए पाँच लिंक पढ़ने के बाद छटा लिंक बार बार खोलने पर भी अपना ही लिंक दिखाई दिया तो परेशानी हुई कि क्या समस्या है बड़ी देर बाद समझा आया कि ओह यहाँ तो अपने ही लिंक की बात की गई है ...

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  2. अरविन्द जी का लेख तो पढ़ा हुआ था, बाकी सभी लेख भी पढ़े. अच्छे और विचारणीय लेख हैं.

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  3. कोशिश करें कि किसी पोस्ट में दो या अधिक से अधिक तीन से ज्यादा लिंक एक बार में न दें।ज्यादातर पाठक ढेर सारे लिंक देखकर वैसे ही भाग जाते हैं कि एक पढ़ा तो सारे ही पढ़ने पड़ेंगे और एक पर चले भी गए तो दिमाग में ये चलता रहेगा कि जरूर दूसरे लिंक में इससे संबंधित ही कोई बात होगी इसलिए यहाँ भी ध्यान भटकेगा ।अभी पहला पढ़ कमेंट दे आया हूँ बाकी बाद में पढ़ता हूँ।

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