March 05, 2010

अमेरिकी महिला सैनिक पुरुष साथियों की हवस तले

कई बार विकसित देश यह दर्शाते हैं कि उनके यहाँ महिलाओं की स्थिति बेहतर है, पर तथ्य तो कुछ और ही कहते हैं. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान और इराक में तैनात अमेरिकी महिला सैनिक अपने पुरुष साथियों की हवस का शिकार हो रही हैं। वह शाम को सात बजे के बाद खेमे के बाहर न तो पानी लेने जाती हैं और न ही बाथरूम। उन्हें डर सताता है कि कहीं अपने ही किसी साथी के हाथों उनका दुष्कर्म न हो जाए। आंकड़ों पर गौर करें तो '2008 में इराक और अफगानिस्तान में तैनात तीन हजार महिला सैनिकों को यौन प्रताड़ना झेलनी पड़ी। 2007 की अपेक्षा यह आंकड़ा 9 फीसदी ज्यादा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि महिला सैनिकों के दुष्कर्म के 80 से 90 फीसदी मामलों की कोई शिकायत दर्ज नहीं होती।

ज्यादातर महिला सैनिक मात्र इसलिए खामोश रह जाती हैं क्योंकि उन्हें कोई भी कार्रवाई न होने का विश्वास होता है। शिकायत करने के चलते उन्हें खुद के प्रताड़ित होने और सच्चाई के अफवाह बन जाने का डर होता है। दुष्कर्म की शिकार महिला सैनिक इस बात से भी भयभीत रहती हैं कि उन्हें सेना से निकाल दिया जाएगा।...जब अपने को दुनिया का पहरुआ मानने वाला देश अमेरिका अपनी महिला-सैनिकों की रक्षा नहीं कर पा रहा है तो अन्य देशों से क्या आशा रखी जाय. क्या यही महिला-सशक्तिकरण है जिसकी बात बड़े-बड़े मंचों पर कही जाती है.

आकांक्षा यादव

9 comments:

  1. बहुत ही शर्मनाक स्थिति.

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  2. स्थिति वाकई शर्मनाक है. उनकी सुरक्षा कौन करेगा ? वही सेना न जो कि उनके साथ है.
    उन का पक्ष किसी ने देखा नहीं है.
    लेकिन क्या इस बात को भी सोचा गया है कि मानव कि प्राकृतिक और शारीरिक आवश्यकताएं एक सीमा तक नियंत्रण में रखी जा सकती हैं. वे सैनिक जो सालों से अपने घर और परिवार से दूर हैं, उन्हें घर आने और उनसे मिलने का अवसर भी चाहिए. मैं इस कार्य कि वकालत नहीं कर रही हूँ. फिर भी सैनिकों के लिए जरूरी है कि उन्हें कुछ माहौल बदलने के लिए वापस बुलाया जाय, नहीं तो ऐसी घटनाओं के ऊपर आप अंकुश नहीं लगा सकते हैं.

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  3. चोर लुटेरों के देश से और क्या उम्मीद की जा सकती है .
    न्यूयॉर्क दुनिया में अपराधों की राजधानी है

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  4. SEXUAL harassment of women in the Capital's workplaces has tripled though crimes against the fairer sex witnessed a decline.

    A report released on Wednesday by the Delhi Commission for Women ( DCW) revealed that 32 cases of sexual harassment at workplace were reported between April 2009 and February 2010.

    The number was only 12 between April 2008 and March 2009.

    "We are concerned over the rising figures of sexual harassment at workplace. We continually remain in touch with the police and other monitoring agencies to curb this menace," said Barkha Singh, the DCW chairperson.

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  5. बहुत ही शर्मनाक स्थिति.

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