आतंकवाद के ख़िलाफ़ जंग । सब चाहते हैं पर क्या करे ?
नारी ब्लॉग की राय हैं की हम सब अपने ब्लॉग पर जब हो सके एक पोस्ट के जरिये किस चीज़ को बदलने से हम सुरक्षित हो सकते हैं उस पर जरुर लिखे । हो सकता हैं छोटी लगने वाली बात किसी बडे हादसे को हमारे आस पास होने से रोक सके । जिन्दगी रुकती नहीं , दिनचर्या बदली नहीं जा सकती और आजीविका के लिये कोई भी हादसा हो हम उसको भूल कर आगे बढ़ते ही हैं । लेकिन अगर हम एक मकसद की तरह ब्लोगिंग पर अपने विचारों को एक संजीदगी के साथ रखे तो शायद हम इस लड़ाई को आगे ले जा सके।
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हम मे से कितने हैं जो जब बैंक जाते हैं तो वहाँ "सिक्यूरिटी गार्ड " को दरवाजे पर खड़ा ना पाकर मैनेजर से प्रश्न करते हैं या गार्ड से प्रश्न करते हैं ।
गार्ड को हमेशा attention या सावधान की मुद्रा मे चुस्ती से बैंक के दरवाजे पर होना चाहिये लेकिन ज्यादातर बैंक मे गार्ड कुर्सी पर बैठा होता हैं या बैंक के किसी काउंटर के पीछे खड़ा सील लगा रहा होता हैं ।
आप सब से निवेदन हैं आप किसी भी बैंक मे ऐसा देखे तो आवाज उठाए और लिख कर मनेजर के पास शिकायत दर्ज करे ।
सिर्फ़ और सिर्फ़ आवाज उठाने की पहल करनी होगी और आवाजे ख़ुद आजायेगी । शोर मचेगा तभी सुधार होगा पर पहली आवाज आपकी हो तभी शोर मचेगा ।
पहल करे और एक हादसा बचाये
अपने अपने ब्लॉग पर कुछ आप भी बताये की और कहां कहां पहल करनी हैं । इस समय नेतृत्व करे , नेतृत्व खोजे नहीं । एक छोटी सी पहल बहुत बदलाव ला सकती हैं ।
इस प्रकार की जागरूकता का होना आवश्यक है.
ReplyDeleteबहुत अच्छी बात कही है आपने। अमूमन हम अपने आस-पास की गड़बड़ियों के प्रति लापरवाह होते हैं। हमें लगता है कि हम इस पचड़े में क्यों पड़ें। आपकी राय पर अमल हो तो न जाने कितनी समस्याएं अपने-आप सुलझने लगेंगी। हर चीज के लिए हम व्यवस्था पर निभॆर होते हैं। खुद कभी पहल नहीं करना चाहते। आपकी प्रेरणादायक बातों से शायद समाज की इस प्रवृत्ति पर लगाम लगे।
ReplyDeleteसमस्या के समाधान की दिशा में पहल स्वरूप आपकी इस राय को अभियान के रूप में आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
किसके लिये है ये महिला आयोग
ReplyDeleteमैं एक लड़की को जानती हूं जो दहेज के लिये जान से मारने की कोशिश और घर से निकाल दिये जाने की शिकायत मैं महिला आयोग से 10 महीने से कर रही है लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। साधारण डाक से लेकर स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री, यूपीसी और खुद जाकर, हर तरह से उसने शिकायत दर्ज कराई लेकिन शिकायत का नंबर भी अब जाकर 10 महीने बाद मिल सका है, सैकड़ों रुपये एसटीडी पर खर्च करने के बाद। आगे क्या होगा, उसे अच्छी तरह से पता है। समय की बरबादी और पैसे की कमी से हारकर लड़ाई वो छोड़ देगी। ऐसे में सवाल ये उठता है कि महिला आयोग आखिर किस लिये बना है, महिलाओं की मदद के लिये या उनके उत्पीड़न के लिये। या फिर चुनाव हार चुकी महिला नेताओं को अध्यक्ष और सदस्य के तौर पर सांत्वना पुरस्कार देने के लिये। या फिर दिल्ली में रहने के इच्छुक आईएएस अधिकारियों को सदस्य सचिव के तौर पर खपाने के लिये। या कुछ कर्मचारियों को बिना काम के मोटी तनख्वाह देने के लिये, उन कर्मचारियों को जो फोन तक उठाना गवारा नहीं करते हैं। महिला आयोग के टेलिफोन बोर्ड के दो नंबर हैं 23237166 और एक अन्य । और दोनों ही सुबह से शाम तक या तो व्यस्त मिलते हैं या दो-तीन घंटी के बाद उधर से आवाज़ आती है कि एक्सटेंशन नंबर डायल कीजिये या ऑपरेटर का इंतज़ार कीजिये। आपको एक्सटेशन नंबर पता है और आपने वो डायल कर दिया तो फिर वहां घंटी जाती रहेगी और अगर उठ भी गया तो पता चलेगा कि आपको जिससे काम है वो अभी सीट पर मौजूद नहीं हैं। और अगर आपको एक्सटेंशन नंबर पता नहीं है और आप ऑपरेटर के फोन उठाने का इंतज़ार करने की सोच रहे हैं तो फिर सुबह से शाम तक इंतज़ार करते रहिये। अगर आपकी किस्मत किसी राजा जैसी है तो हो सकता है कि दिन में एक बार ऑपरेटर आप पर कृपा करके फोन उठा ले, लेकिन सही जगह आपकी बात हो जायेगी जिसमें शक है। ये हाल है उस महिला आयोग का जो महिलाओं की मदद के लिये बनाया गया है। मैं जिस लड़की की बात कर रहा हूं उसने एक बार परेशान होकर सीधे अध्यक्षा महोदया को फोन किया था लेकिन अध्यक्षा महोदया ने सीधे फोन करने के लिये उसे ऐसी झाड़ पिलाई कि बस पूछिये मत। अब आप ही बताइये ऐसे महिला आयोग का क्या फायदा, जिन महिलाओं के लिये वो बनाया गया है अगर उन्ही की सुनवाई ना हो तो इस पर ताला ही लगा देना बेहतर नहीं लगता आपको। हां, लेकिन तब सत्ता पक्ष से जुड़ी उन महिलाओं का क्या होगा जिनको इसके ज़रिये रोज़गार मिलता है। महिलाओं को इंसाफ मिले या ना मिले इनको सरकारी आनंद मिलना ज़्यादा ज़रुरी है।
बहुत अच्छे पॉइंट्स लिए हैं आपने पहले अपने आस पास ही जागरूक होना होगा ..
ReplyDeleteसही बात है, हमें सजग होना होगा और औरों को भी सजगता के लिए जगाना होगा।
ReplyDeleteसच हिम्मत भरा आव्हान
ReplyDeleteek dam sahi baat kahi ,jaagruktaa jaruri hai,aur si mein hame bhi yogdaan karna hoga ab.
ReplyDeleteham saath hai aur isaki pahal karane ka vachan bhi dete hain. rastaa dikhane ke liye dhanyavaad!
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