आज रविवार सुबह का अखबार पढ के मन प्रसन्न हो गया.पूछिये क्यूं? एक बार फ़िर ग्रामीण तबके की लडकी ने बगावत कर के दिखा दिया है कि नारी जाति अब कायरता और मजबूरी का चोला उतारने को तत्पर हो रही है.जैसलमेर के पास पोखरण जिले के एक छोटे से गांव सेढाना की एक १३ वर्षीया बच्ची ने बाल विवाह के खिलाफ़ कदम उठाया है.१३ साल की आसुकंवर का विवाह उसके पिता ने पिछले साल ४० वर्ष के सवाई सिंह के साथ तय कर दिया था.इस के लिये आसु कंवर के पिता ने अधेड सवाई सिंह से ४९,००० हज़ार रुपये नकद और एक सोने की चेन लेना तय किया था.रुपये लडकी का पिता पहले ही ले चुका था और विवाह पर चेन लेना बाकी था.किसी भी प्रकार से आसु कंवर पिता और समाज के दबाव में नही आयी, साथ ही उसने अपनी मां को भी अपने पक्ष में ले लिया.जब वे पुलिस की मदद लेने पहुंची तो पुलिस भी इस मामले में पडने से मुकर गई.पंचायत ने भी लडकी को हुक्म दिया कि उसे पिता के वादे को निभाना ही होगा.गांव वालों ने माता-पुत्री दोनों का घेराव कर के उन पर हर प्रकार का दबाव डाला किन्तु वो दोनों ही नही झुकी.ऐसे में उनकी मदद को आगे आई एक महिला, इन्दु चोपडा, जो वहीं एक नारी उत्थान केन्द्र में कार्यरत हैं.इन्दु चोपडा के दखल से पुलिस ने आसुकंवर और उसकी मां के लिये संरक्षण की व्यवस्था की और गांव वालों को सख्त हिदायत दी कि वो इस मामले से दूर ही रहें.
यदि नारी,नारी का साथ दे तो समाज का कोई भी तबका उसे पीडित नहीं कर सकता.
शहरों की लडकियों को आसु कंवर से सीखना चाहिये कि वो अवान्छित दबाव में ना आयें और अपनी ज़िन्दगी की राह का निर्धारण स्वयं करें. लडकी कोई पशु या वस्तु नही जिसे चन्द रुपयों के लिये खरीदा बेचा जाये.यह हकीकत समाज में एक नयी जागरूकता की ओर इंगित करती है.नारी वर्ग जाग रहा है,अभी तो हमें ऐसी कई आसुकंवर का इन्तज़ार है.अभी तो बगावत का उदघोष हुआ है, आगे आगे देखिये होता है क्या?
ye bahut hi kabile tariff baat hai,choti ladki ko badhai,sahi hai agar nari nari ki help karein bahut kuch paya ja sakta hai
ReplyDeleteभारत में और भी आसुकुंवर पैदा हों।
ReplyDeleteबहुत जरुरी है अब ऐसे बाल विवाह का विरोध करना ..बहुत खुशी हुई पढ़ के की इसकी शुरुआत हो चुकी है
ReplyDelete"कांग्रेस कँवर" के बारे मै जानकर मैने इस ब्लॉग को शुरू किया था और आज "आसु कंवर " के बारे मे पढ़ कर सिर फक्र से ऊँचा हुआ । यही हैं महिला सशक्तिकरण और यही हैं मानसिक समानता । जियो "आसु कंवर " और अपनी आज़ादी को ऐसे ही अर्जित करती रहो .
ReplyDeleteऔर इला को भी धन्यवाद इस प्ररेक पोस्ट के लिये
शाबास आसु कंवर। जानकारी के लिए बधाई।
ReplyDeleteअच्छी स्वागत योग्य पहल. आभार इस समाचार का.
ReplyDeleteAasu indeed deserve appreciation! But, I don't understand ki is ४० वर्ष के सवाई सिंह buddhe ke dimag mein kya keede per gaye hein jo beti ki umra ki bachchi se vyaah rachane ja raha tha... Aison ko to kan pakadkar Delhi mein bahne wali yamuna nadi ke gandi pani mein dubo dena chahiye! 40 ke umra mein bachchi ke sath shadi karenge.
ReplyDeletergds
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आसुकंवर के साथ साथ उसकी माँ और इंदु जी की भी प्रशंसा करनी चाहिए जिनके सहयोग से आसुकंवर उस बन्धन से मुक्त हो पाई..
ReplyDeleteशोभा जी,
ReplyDeleteआपका ब्लाग पढकर आत्मिक अनुभूति हुई, संसार की जन्मदाता नारी आज भी कई इलाकों में शोषण का शिकार है,उनके कार्यों,संबंधित समाचारों को लेकर आपका यह ब्लाग हमेशा उन्नति करें, शुभकामनाएं,
रतन जैसवानी
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