March 06, 2014

" हिंदुस्तानी " होने में फक्र ??

जसोला , दिल्ली मे एक वर्किंग गर्ल्स हॉस्टल बनाया गया हैं।  एक शानदार बिल्डिंग हैं अभी कोई ज्यादा हल चल नहीं  दिख रही हैं शायद अभी कम हैं वहाँ पर निवासी।  इस हॉस्टल को नॉर्थ ईस्ट कि लड़कियों के लिये बनाया गया हैं केवल उन्ही के लिये।

मुझे आज तक ये नहीं समझ आया हैं कि किसी भी योजना को जात , जाति , ईस्ट वैस्ट इत्यादि मे क्यूँ विभाजित करके उस योजना को बनाया जाता हैं

नॉर्थ ईस्ट का टैग खुद योजना बनाने वालो ने उस हॉस्टल को अभी से दे दिया हैं।  क्यूँ नहीं उस हॉस्टल को सब के लिये बनाया गया ? नॉर्थ ईस्ट का टैग देकर  योजना बनाने वाले खुद रेसिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं .

इस प्रकार कि पॉकेट्स दिल्ली जैसे शहर में बनाकर क्या लाभ हो सकता हैं।  ३ साल से वो हॉस्टल खाली ही दिखता हैं।
कभी कभी लगता हैं क्या नॉर्थ ईस्ट कि लड़कियां सच में अपने को यहाँ सैफ फील कर सकती हैं ?? या उनको लगता होगा कि इस प्रकार से वो रेसिज्म का ज्यादा शिकार बन सकती हैं।

हॉस्टल के बराबर में एक गाँव हैं जहां पर हर समय मोटर साइकिल सवार " जवान मर्द " अपनी मर्दानगी का प्रदर्शन करते हैं क्या होगा उनका "ऐटिट्यूड " इन लड़कियों के प्रति ??

आज़ादी के इतने साल बाद आज देश फिर उसी कगार पर हैं जहां स्टेट्स को छोटा किया जा रहा हैं , नयी नयी स्टेट्स को जनम दिया जा रहा हैं।
पता नहीं कब ये बटवारे कि राजनीति से मुक्त होंगे हम सब।  कब हम नॉर्थ , साउथ , ईस्ट , वेस्ट से ऊपर उठ कर सोच सकेगे और कब कोई ऐसी पोलिटिकल पार्टी हम बना सकेगे जो गुजरात , उत्तरप्रदेश , कश्मीर , आंध्र , मराठी , बिहारी से ऊपर उठ कर " हिंदुस्तानी " होने में फक्र महसूस करेगी।  

5 comments:

  1. शायद अब राजनीति के नाम पर यही बचा है! कभी नॉर्थ , साउथ , ईस्ट , वेस्ट के नाम पर तो कभी धर्म-संप्रदाय के नाम पर तो कभी अगला-पिछड़ा जाति के नाम पर..जो बहुत ही दुखद है!

    ReplyDelete
  2. meri samajh to bus ye aata hai ki hamare desh me sahi faisale nahi kiye jate, bus
    kisi na kisi ko lubhane ke liye faisale kiye jate hai. Aapki bat se mai pura sehmat hu

    ReplyDelete
  3. aapki chinta jayaj hai. hame is disha men kuchh thos karane ki jarurat hai

    ReplyDelete

Note: Only a member of this blog may post a comment.