August 20, 2012

अपनी इज्ज़त करना सीखिये "ब्लॉग वालियों" और दूसरो को भी सिखाइये को वो आप की इज्ज़त करे .



 ये लिंक मुझे रश्मि ने भेजा हैं , मैने अपनी आपत्ति दर्ज करवा दी हैं 
जिस भाषा में महिला ब्लॉगर के लिये कमेन्ट दिया गया हैं उस विद्रूप/ फूहड़  हास्य { अगर जेंडर बायस को कोई हास्य कहता हैं तो } का विरोध करना ही चाहिये .

"आप के ब्लॉग पर जिस प्रकार के कमेन्ट ब्लॉग लेखिकाओ के लिये आ रहे हैं और जिस प्रकार आप उनका अनुमोदन कर रहे हैं और नंबर मांग रहे हैं आप को याद दिलाना उचित समझती हूँ की आप जेंडर बायस को बढ़ावा दे रहे हैं इस अशोभनीये  भाषा की  मै  निंदा करती हूँ और आपत्ति दर्ज कराती हूँ"

यहाँ ब्लॉग वालियों के फ़ोन नंबर मांगे जा रहे हैं , ब्लॉग वालियां देना चाहे तो दे आये या अपनी इज्ज़त अगर खुद करती हो तो आपत्ति दर्ज करवा दे . 
अपनी इज्ज़त करना सीखिये ब्लॉग वालियों और दूसरो को भी सिखाइये   को वो आप की इज्ज़त करे .

Respect Your Self And Make Others Respect You 

6 comments:

  1. सबसे पहले की राह चलते या बेमतलब की कोई महिलाओ पर फ़ब्तिया कसे बेमतलब की बात करे अपने आप को संतुष्ट करने के लिए तो उससे महिलाओ की इज्जत को कुछ नहीं होता है यदि किसी की इज्जत ख़राब होती है तो वो है फिजूल की बोलने वाले की इसलिए इसे महिलाओ की इज्जत से ना जोड़े , दूसरे सुधारने का प्रयास उसके लिए किया जाता है जहा कोई संभावना हो, हाल में ही अपने लेख में मैंने कहा था की कुछ केस हाथ से निकल चुके होते है उनका हम कुछ नहीं कर सकते है उनको ठीक करने के लिए विशेषज्ञों की जरुरत होती है वो ही उन्हें ठीक कर सकता है |

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    1. मैने इज्जत शब्द "रिस्पेक्ट " के लिये यूज किया हैं आप आदर भी कह सकती हैं

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    2. अंशुमाला जी से पूर्णतया सहमत . वैसे हम सबके कलम और विचारों को बदल नहीं सकते हें है लेकिन आपति तो दर्ज करा सकते हें यही उनके लिए एक सबक होना चाहिए. .

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  2. महिला ब्लॉगर्स के लिए 'ये ब्लॉग वालियां ' के संबोधन पर घोर आपत्ति है.
    भले ही अभिन्न महिला ब्लॉगर मित्रों के लिए ही क्यूँ ना किया गया हो...पर इस तरह की भाषा अशोभनीय है.
    आशा है वे लोग भी इसे पढ़ेंगी...और अपने लिए इस तरह के संबोधन प्रयुक्त करने पर एतराज जताएंगी.

    किसी पुराने ब्लॉगर को इस तरह के cheap gimmick शोभा नहीं देते. टिप्पणी में कोई सार हो तो लोग खुद ही पढेंगे...
    ये सब ध्यान आकृष्ट (attention seeker ) करने की हरकतें हैं . इसीलिए मैने पहले इग्नोर करना ही बेहतर समझा था...पर रचना जी की सलाह पर लगा..आपति दर्ज करा देनी चाहिए.

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  3. बहुत गलत संबोधन है यह।

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  4. मैं इस बात से इंकार नहीं करता कि ज़ेंडर वायस मनुष्य समाज की रुग्णमानसिकता का लक्षण नहीं है...तथापि बुद्धिजीवियों को ज़ेंडर वायस से ऊपर उठकर समाज मात्र के सर्वांगीण विकास और कल्याण के लिये चिंतन करना चाहिये। सामान्यतः ज़ेंडर वायस की बात आते ही किसी पीड़ित नारी की ही छवि मन में उभरती है...जबकि ऐसा वायस दोनो ही लिंगों में सम्भव है। किसी भी लिंग के प्रति वायस का होना न्यायसम्मत नहीं कहा जा सकता। जहाँ तक किसी लिंग विशेष के शोषण की बात है तो उसका व्यापक विरोध किया ही जाना चाहिये। चिट्ठाकारों से अपेक्षा है कि ज़ेंडर की सीमाओं से आगे की ओर बढ़ें ....यह मात्र अपेक्षा ही नहीं विनम्र निवेदन भी है...सभी पक्षों से।

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