पहली बात ये संवाद संभव ही नहीं हैं पूछे क्यों ?? क्युकी बच्चे होने के समय पुरुष नहीं महिला जच्चा के साथ होती हैं और खबर वो ही देती हैं .
दूसरी बात ये कथाए सदियों से भ्रम ही उत्पन्न करती रही हैं की स्त्री को कन्या होने से दुःख होता हैं जबकि ऐसा नहीं हैं
कभी किसी बुजुर्ग महिला के पास बैठे वो सब जिन्होने यहाँ कमेन्ट दिया हैं और आप भी और उस से पूछे की एक नानी , एक दादी और एक माँ नातिन /पोती / बेटी होने के बाद क्यूँ ये सब कहती हैं आप को कारन स्वयं पता चल जायेगा
पहला कारण होता हैं उस बच्ची की सुरक्षा ताकि और कोई भी उस बच्ची को कुछ ना कहे और वो जिन्दा रहे
दूसरा कारण होता हैं उन का अपना दर्द जो औरत होने के कारण समाज ने उन्हे दिया हैं और वो नहीं चाहती की कोई और उस दर्द को सहे इस लिये वो बेटी कर आते ही उसके दर्द से जो भविष्य उसको देगा , से दुखी हो कर उसको करमजली नाकुशी इत्यादि कह्देती हैं
इस प्रकार की कथाओ को देना अब बंद करना चाहिये ताकि समाज से ये भ्रान्ति ख़तम हो सके की औरत ही औरत की दुश्मन हैं .
सास और बहु में वर्चस्व की लड़ाई हैं जो एक बाप बेटे मे भी होती हैं और अगर दामाद और ससुर की अनबन जो की एक आम बात होती हैं को लेकर समाज चुप रहता हैं और उसको पुरुष को पुरुष का दुश्मन नहीं कहता तो इन कथाओ को पोस्ट ना ही बनाया जाये तो बेहतर होगा
वो भी एक माँ ही होती हैं जो अपनी बेटी का बलात्कार करते अपने पति की हत्या कर देती हैं
वो भी एक सास ही होती हैं जो अपने बेटे की मार पीट से अपनी बहु को बचाती हैं
और वो भी एक माँ और सास ही होती हैं जो जचगी के समय अपनी बहु के दर्द को महसूस कर के इश्वर से कहती हैं की बच्चे के जनम के समय औरत का दूसरा जनम होता हैं भगवान् जच्चा और बच्चा दोनों सलामत रहे
ये कथाये समाज में स्त्री के दोयम के दर्जे की मानक हैं और स्त्री के उस रूप को दिखाते हैं जो मज़बूरी मे बनगया हैं क्यूँ इनका इतना प्रसारण करना हैं
समाज की समस्याओं पर बिना नारी पर हास्य और व्यंग किये भी सुधार लाया जा सकता हैं
या आप को लगता हैं ये संभव ही नहीं हैं
आप नारी सश्क्तिकर्ण के विरोधी नहीं हैं इस लिये आग्रह करती हूँ आगे से सोच कर ये व्यंग बाण चलाये क्यूंकि सदियों से ये बाण स्त्रियों को घायल कर रहे हैं और सहना अब कठिन हैं
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रचना जी, बहुत सूक्ष्म दृष्टि रखती हैं आप। याददाश्त भी लाजवाब है। जिस लिंक का आपने ज़िक्र किया है, दुबारा उस पोस्ट को पढ़ा। सारे कमेंट्स भी। आपके कमेंट्स भी।
ReplyDeleteये तो कहानी है। कुछेक मानसिकता को दर्शाता। वह तो यथार्थ है, हमारे पूरे समाज का।