भारत में दस साल पहले १००० लडको पर ९२७ लडकियां का आंकड़ा सेन्सस बता रहा था वही इस साल वो आकंडा १००० लडको पर ९१४ लडकिया होगया हैं
कारण लोग लिंग परीक्षण करवा कर गर्भ में ही अजीवित कन्या को मृत्यु दे रहे हैं ।
इस विभत्स्य कृत्य के बाद भी दस साल में केवल और केवल १३ कन्या ज्यादा कम हुई हैं ।
जबकि १९८० -२०१० तक में ४ मिलियन से लेकर १२ मिलियन तक गर्भ में कन्या की ह्त्या हुई हैं ऐसा मानना हैं ।
तब भी केवल और केवल १००० लडको पर १३ लडकियां कम हुई हैं दस सालो में यानी
प्रकृति लड़कियों के साथ हैं
लोग जितना जितना लड़कियों की गर्भ में ह्त्या कर रहे हैं प्रकृति उतना उतना लड़की पैदा हो इस और अग्रसर हैं ।
और अगर प्रकृति हमारे साथ हैं तो हमारा विनाश संभव ही नहीं हैं । प्रक्रति खुद बैलेंसिंग कर रही हैं क्या करे इंसान की संवेदनाये जब मर जाती हैं तो प्रकृति / ईश्वर खुद रास्ता बनता हैं
वो महिला जो सामाजिक दबाव में आकर कन्या की ह्त्या गर्भ में करने को मजबूर हो जाती वो सोच कर देखे प्रक्रति उनके यहाँ क्यूँ बार बार कन्या को ही भेजती हैं ।
बेटियों को गर्भ में मारने से
किसी समस्या का निदान नहीं होता हैं
अगर बेटे इस लिये चाहिये कि
बुढापे में काम आये
और वंश आगे बढाए
तो एक बहू भी चाहिये
जो किसी कि बेटी है
बस करना इतना हैं
जब किसी के बेटी को
अपनी बहू बना कर लाये
तो ना दहेज़ मांगे
और जो मिले
रीति रिवाज के नाम पर
उस को भी वही छोड़ आये
अगर बेटी इस लिये नहीं चाहिये
क्युकी होती हैं वो परायाधन
तो बस इतना करिये
उसको अपना समझिये
उसको पढाए
सशक्त इतना बनाए कि
वो आप के बुढापे में
रख सके आप का ख्याल
मारना हैं तो
इन रीति रिवाजो को मारो
जो कन्या को
माता पिता के लिये
बनाते हैं भारी
गर्भ में कन्या को मारना
नहीं समाधान हैं क़ोई
फिर क्यूँ इस पाप को
कर रहा हैं समाज
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सही कहा है आपने प्रकृति कन्या के साथ है... प्रकृति माँ है और माँ कन्या के साथ होगी ही... सार्थक पोस्ट के लिए बधाई!
ReplyDeleteकई साल तक लडके पैदा ना हो तो कैसा रहेगा।
ReplyDelete@ संदीप जी ... हो सकता है ऐसा भी हो - प्रकृति कब क्या करेगी - कुछ कहा नहीं जा सकता... but what we do is in our hands ...होने को तो there are many species where the female is able to procreate without a mate too ..
ReplyDeleteरचना जी - १००० में १३ का अर्थ है १४० करोड़ में ? 1400000 x 13 = 1,82,00,000 -- जो १२ नहीं १८ million हो जाता है | तो मुझे नहीं लगता कि प्रकृति कुछ अधिक कर रही है अभी तक |
गर्भ में बच्ची की हत्या - एक चलते फिरते मनुष्य की हत्या से अधिक जघन्य अपराध है - क्योंकि वह बच्चा अभी अपनी रक्षा कर नहीं सकता - और हत्यारे उसके अपने माता पिता होते हैं |
महाभारत के युद्ध में कितने ही लोगों की हत्या हुई - युद्ध के नियमों को ताक पर रख कर, निर्मम, और गलत तरीकों से भी - परन्तु श्री कृष्ण ने सब पर क्रोध नहीं जताया | क्रोध तब जताया, जब अश्वत्थामा ने गर्भस्थ शिशु पर वार किया - और वह शत्रु के पुत्र को मार रहा था - स्वयं अपने शिशु को नहीं |
जो माता पिता यह कर रहे हैं - उन्हें यह समझना होगा कि वे न सिर्फ कानूनी, सामाजिक अपराध कर रहे हैं - बल्कि धार्मिक पाप भी | शास्त्र कहते हैं कि भ्रूण हत्या करने वाले अगले ९ जन्मों तक संतान सुख से वंचित रहेंगे |
नारी कभी नष्ट नहीं होगी। होगी तो मानवजाति ही नष्ट हो जाएगी।
ReplyDeleteBeautifully presented truth!
ReplyDeleteगर्भ में कन्या को मारना
ReplyDeleteनहीं समाधान हैं क़ोई
फिर क्यूँ इस पाप को
कर रहा हैं समाज
पापी लोगों को कब समझ आएगी?
Prakriti kisi ke sath nahi hai...kyunki ham prakriti ke sath nahi hain!
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