" जिसने घुटन से अपनी आज़ादी ख़ुद अर्जित की "
"The Indian Woman Has Arrived "
एक कोशिश नारी को "जगाने की " ,
एक आवाहन कि नारी और नर को समान अधिकार हैं और लिंगभेद / जेंडर के आधार पर किया हुआ अधिकारों का बंटवारा गलत हैं और अब गैर कानूनी और असंवैधानिक भी . बंटवारा केवल क्षमता आधारित सही होता है
July 26, 2011
ब्लॉग जगत के मेरे पाठक और मेरे आलोचक और मेरे दोस्त बस थोड़ा इंतज़ार और
मेरे पाठक , यानी जो मेरी ब्लॉग पोस्ट को पढते तो हैं पर प्रिंट मीडिया की तरह यानी केवल पढना नो कमेन्ट नो आलोचना , नो तारीफ़ , सिर्फ पढना
मेरे आलोचक जो मेरी पोस्ट से केवल रुष्ट रहते हैं और आलोचना करते समय मेरी लिखी बातो की नहीं मेरी जीवन शैली की आलोचना करते हैं , जो व्यक्तिगत कमेन्ट देते हैं , जो मेरे घर का पता खोज कर नेट पर डालते हैं और जो मेरे नारी हो कर बोलने को गलत मानते हैं या वो जो खुद अनाम कमेन्ट देते हैं लेकिन मेरे अनाम कमेन्ट देने पर मेरा आई पी एड्रेस उजागर करने की धमकी देते हैं ।
मेरे दोस्त , जो मेरा ब्लॉग पढते हैं , मेरी सोच की आलोचना करते हैं , मेरे लिखे पर मुझ से तर्क करते हैं पर कभी कहीं भी मेरे नारी होने की वजह से , मेरे नारी ब्लॉग बनाने की वजह से , मेरे नारी सशक्तिकरण अभियान की वजह से मुझ पर क़ोई भी व्यक्तिगत कमेन्ट नहीं करते ।
@ १५ अगस्त २०११ से ये ब्लॉग साझा मंच नहीं रहा . (रहेगा)
ओह! तो ये बात है।
जिन्हें बड़े संग्राम जीतने हों उन्हें छोटी-मोटी लड़ाईयों से विचलित नहीं होना चाहिए।
एकला चलो रे .. तो ठीक है पर सब मिल के चलो रे ज़्यादा ठीक है .. मेरे अनुसार।
... बाक़ी आप हमसे सीनियर ब्लॉगर हैं, और इस मंच की गतिविधियों को क़रीब से देखा है। आपने जो निर्णय लिया है वह ठीक ही ही होगा, लेकिन तब यह एक मंच नहीं आपका ब्लॉग भर रह जाएगा। आपको ऐसा नहीं लगता?
नारी ब्लॉग ने नारी सशक्तिकरण की दिशा में जो योगदान किया है उसे नकारा नहीं जा सकता ! इस ब्लॉग के माध्यम से नारी हित में उठे बुलंद स्वर को जो आकाश और विस्तार मिल गया है उसे अब कोई दबा नहीं सकेगा यही इस ब्लॉग की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है ! रचना जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !
नारी ब्लॉग आपका लगाया हुआ पौधा है , अब वृक्ष हो गया है और आप इसको सिर्फ अपनी संपत्ति बनाना चाहती हैं तो ये आपका अधिकार है ... अपनी सीमाओं के निर्धारण हम साथ रहें ना रहे , नारी से सम्बंधित विषयों पर आपकी बेबाकी , स्पष्टवादिता , साहस और दृढ़ता की मैं हमेशा प्रशंसक थी , हूँ और रहूंगी !
रचना जी ,हम १५ अगस्त की प्रतीक्षा करेंगे . ..कृपया यहाँ भी आयें - http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/08/blog-post_09.html Tuesday, August 9, 2011 माहवारी से सम्बंधित आम समस्याएं और समाधान ...(.कृपया यहाँ भी पधारें -)
वो मंच जो बहुत साल पहले जिन उद्देश्यों को लेकर तुमने शुरू किया था. उसके लिए जितना कहूं काम है. सब उससे जुड़े और साथ चले. अपने लक्ष्य से कभी भटकी नहीं. कोई है जो जिस एक उद्देश्य के साथ चला आज भी कायम है.
रचना जी ..... एक नई तरोताजा शुरुवात के लिए शुभकामनाये
ReplyDeleteaapki chhutti mangalmayee ho ||
ReplyDeleteokk रचना जी.लेकिन पाठक ही तो आलोचक और दोस्त होते है.
ReplyDeleteok jaldi
ReplyDeleteरचना जी !
ReplyDeleteशीर्षक से ऐसा लग रहा है कि जो आलोचक है
वो दोस्त नहीं ||
या यह ऐसा है कि जो दोस्त हैं वो आलोचक नहीं ||
भाई थोड़ी गुंजाइश रखिये ||
स्वागत है
ReplyDeleteमेरे पाठक , यानी जो मेरी ब्लॉग पोस्ट को पढते तो हैं पर प्रिंट मीडिया की तरह यानी केवल पढना नो कमेन्ट नो आलोचना , नो तारीफ़ , सिर्फ पढना
ReplyDeleteमेरे आलोचक जो मेरी पोस्ट से केवल रुष्ट रहते हैं और आलोचना करते समय मेरी लिखी बातो की नहीं मेरी जीवन शैली की आलोचना करते हैं , जो व्यक्तिगत कमेन्ट देते हैं , जो मेरे घर का पता खोज कर नेट पर डालते हैं और जो मेरे नारी हो कर बोलने को गलत मानते हैं या वो जो खुद अनाम कमेन्ट देते हैं लेकिन मेरे अनाम कमेन्ट देने पर मेरा आई पी एड्रेस उजागर करने की धमकी देते हैं ।
मेरे दोस्त , जो मेरा ब्लॉग पढते हैं , मेरी सोच की आलोचना करते हैं , मेरे लिखे पर मुझ से तर्क करते हैं पर कभी कहीं भी मेरे नारी होने की वजह से , मेरे नारी ब्लॉग बनाने की वजह से , मेरे नारी सशक्तिकरण अभियान की वजह से मुझ पर क़ोई भी व्यक्तिगत कमेन्ट नहीं करते ।
@ १५ अगस्त २०११ से ये ब्लॉग साझा मंच नहीं रहा .
ReplyDelete(रहेगा)
ओह! तो ये बात है।
जिन्हें बड़े संग्राम जीतने हों उन्हें छोटी-मोटी लड़ाईयों से विचलित नहीं होना चाहिए।
एकला चलो रे .. तो ठीक है पर सब मिल के चलो रे ज़्यादा ठीक है .. मेरे अनुसार।
... बाक़ी आप हमसे सीनियर ब्लॉगर हैं, और इस मंच की गतिविधियों को क़रीब से देखा है। आपने जो निर्णय लिया है वह ठीक ही ही होगा, लेकिन तब यह एक मंच नहीं आपका ब्लॉग भर रह जाएगा। आपको ऐसा नहीं लगता?
नारी ब्लॉग ने नारी सशक्तिकरण की दिशा में जो योगदान किया है उसे नकारा नहीं जा सकता ! इस ब्लॉग के माध्यम से नारी हित में उठे बुलंद स्वर को जो आकाश और विस्तार मिल गया है उसे अब कोई दबा नहीं सकेगा यही इस ब्लॉग की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है ! रचना जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !
ReplyDeleteकिसी भी तरह से हो सार्थक सकारात्मक दिशा में क्रियाशील रहना चाहिए...
ReplyDeleteबस और क्या....
आपने जो निर्णय लिया सोच समझ कर ही लिया होगा...इसलिए उसपर कुछ कहना कदाचित उपयुक्त न होगा....
पुराने से मोहभंग होकर ही नए का स्वागत संभव है। शुभकामनाएं।
ReplyDeleteनारी ब्लॉग आपका लगाया हुआ पौधा है , अब वृक्ष हो गया है और आप इसको सिर्फ अपनी संपत्ति बनाना चाहती हैं तो ये आपका अधिकार है ...
ReplyDeleteअपनी सीमाओं के निर्धारण हम साथ रहें ना रहे , नारी से सम्बंधित विषयों पर आपकी बेबाकी , स्पष्टवादिता , साहस और दृढ़ता की मैं हमेशा प्रशंसक थी , हूँ और रहूंगी !
रचना जी ,हम १५ अगस्त की प्रतीक्षा करेंगे . ..कृपया यहाँ भी आयें - http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/08/blog-post_09.html
ReplyDeleteTuesday, August 9, 2011
माहवारी से सम्बंधित आम समस्याएं और समाधान ...(.कृपया यहाँ भी पधारें -)
रचना,
ReplyDeleteवो मंच जो बहुत साल पहले जिन उद्देश्यों को लेकर तुमने शुरू किया था. उसके लिए जितना कहूं काम है. सब उससे जुड़े और साथ चले. अपने लक्ष्य से कभी भटकी नहीं. कोई है जो जिस एक उद्देश्य के साथ चला आज भी कायम है.
मैं हूँ ५०० वा समर्थक इस ब्लॉग का
ReplyDelete:)