May 25, 2011

एक नारी से दूसरी नारी के संबंधो मे तानव का कारण -- असुरक्षा का भाव

विवाहित महिला ध्यान रखे की कानून आप ससुराल की किसी भी संपत्ति की अधिकारी नहीं हैं ।
आप का अपने पति की संपत्ति पर अधिकार हैं लेकिन उस पर आप के पति की माँ , और आप के पति के बच्चो का भी आप के समान बराबर का अधिकार हैं ।
अगर कोई भी संपत्ति{चल / अचल } आप के पति की उनकी माँ के साथ जोइंट हैं तो माँ के हिस्से पर आप के पति के अलावा उनके और बच्चो और आप के पति के पिता का भी अधिकार हैं ।
अगर आप के पति ने अपनी माँ को या अपने पिता को कहीं भी नॉमिनी बना रखा हैं तो उस चल / अचल सम्पत्ति पर आप का कोई क़ानूनी अधिकार नहीं हैं ।

आप सास हो या बहूँ या बेटी या माँ अपने क़ानूनी अधिकार की समझ रखना आप को आना चाहिये ।
इसके अलावा अगर आप अपनी सास , अपनी बहु और अपनी बेटी और अपनी माँ के क़ानूनी अधिकारों का भी ध्यान रखेगी तो भविष्य मे समाज मे कोई भी स्त्री असुरक्षित महसूस शायद ना करे ।
और जैसे ही ये असुरक्षा का भाव ख़तम होगा वैसे ही संबंधो मे तनाव ख़तम होगा


अविवाहित महिलाए जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं उनको भी ध्यान देना चाहिये की अगर उनका कोई भी जोइंट अकाउंट हैं अपने माँ -पिता के साथ तो उनके भाई / बहिन का क़ानूनी अधिकार उस ५० % प्रतिशत पर अपने आप हो जाता हैं जो माँ या पिता का हिस्सा हैं । इस लिये आवश्यक हैं की आप अपने अकाउंट मे किसी को जोइंट रखने से पहले क़ानूनी पक्ष का ध्यान अवश्य रखे ।

कोई भी चीज़ अगर खरीदी है आप ने अपने पैसे से लेकिन अगर रसीद पर नाम आप के माँ और पिता का हैं तो बटवारे के समय उस वस्तु पर आप का पूरा अधिकार नहीं होगा ।

4 comments:

  1. कानूनन सब बराबर है फ़िर क्यों चिंता करते हो,

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  2. जागरूक करती रचना।

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  3. जागरूकता जरुरी है,
    साभार
    - विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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  4. जानकारी भरी पोस्ट

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